पिछले कुछ सालों में तकनीक के प्रभाव और डिजिटलाइजेशन के कारण शिक्षा इंडस्ट्री का रूपांतरण हो रहा है। ई-लर्निंग एक उत्प्रेरक के तौर पर कार्य कर रहा है और उच्च क्वालिटी की शिक्षा के प्रति उचित व्यवहार ला रहा है। फ्रैंचाइज़र सीखने के लिए ई-लर्निंग के जरिए असीमित अवसर और शिक्षण प्रदान कर रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप उनका विकास हो रहा है।
क्या कहते है आंकड़े
सीखने वाले इच्छुकों की संख्या हर रोज बढ़ रही है और उनकी ये खोज ऑनलाइन कोर्स से जुड़कर खत्म हो रही है। 2017 के साल में अकेले ही 5.9 मिलियन छात्रों ने ऑनलाइन कोर्स को अपनाया। यह बढ़त पिछले 12 सालों में सबसे ज्यादा थी। इस बढ़त ने भारत को सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग बाजार में तीसरे स्थान पर ला दिया है जिसमें यूएस और चीन अभी भी हमसे आगे हैं।
डिजिटल उपकरणों का प्रचार
डिजिटल उपकरणों का प्रचार जैसे लैपटॉप, टैबलेट और एप्लीकेशन के आने से सीखने वालों में भागीदारी और सीखने की भावना को आरामदायक कर दिया है। तकनीकी उपकरणों के लाभों को जानने के कारण शिक्षण संस्थान सामान्यतौर पर इसका उपयोग शिक्षा संबंधी सुविधाएं देने के लिए कर रहे हैं। ताकि वे इस शिक्षा तंत्र को ज्यादा सहयोगपूर्ण, संलग्न और प्रतिक्रिया/फीडबैक योग्य बना रहे हैं।
भविष्य का रास्ता
शिक्षा को संगठित करना और बाधाओं को तोड़ना दो अलग-अलग चीजें हैं। ई-लर्निंग ने भारतीय शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया है जिसमें उच्च क्षमता वाले इंटरनेट के साथ-साथ स्मार्टफोन की भी वृद्धि हुई है। शिक्षण संस्थान इस क्षमता का उपयोग अपने लाभ के लिए, शिक्षा और संसाधन की क्वालिटी को सुधारने के साथ-साथ अपना विस्तार करने में भी कर सकते है। साथ ही ये आज के समय की भारतीय शिक्षा तंत्र को सुधारी हुई कनेक्टिविटी और डिजिटल पेयमेंट प्रक्रियाएं शक्ति भी दे रहे हैं।
बाधाओं का तोड़ते हुए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देना
ऑनलाइन लर्निंग एक बहुत बड़ा मंच है जिसने अलग-अलग श्रेणी के सीखने वालों को विश्व स्तरीय शिक्षा का अनुभव कराया है। निवेशक अब ऑनलाइन वेबसाइट के साथ आ रहे हैं जो दुनिया की यूनिवर्सिटियों से सीधा प्रसारण करने की क्षमता रखते हैं। ये बेहतरीन प्रशिक्षित फैक्ल्टी को नियुक्त कर रहे हैं और सीखने वालों को सीधे उनसे सीखने के अवसर दे रहे हैं।