वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल के अनुसार, भारत बिजनेस ट्रैवल में 18वें स्थान पर आता है। भारत में होटल इंडस्ट्री के सफलता दर चीन के बाद दुनिया में दूसरी सबसे ज्यादा है। हर साल होटल इंडस्ट्री 15 प्रतिशत तक बढ़ती है। इंफॉर्मेशन टेकनोलॉजी, टेलीकॉम, रिटेल और रियल एस्टेट में अचानक तेजी आने से होटल के कमरों की मांग बढ़ गई है। भारत के बढ़ते स्टॉक मार्केट और नए व्यवसाय के अवसर विदेशी निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसलिए, भारत में होटल ब्रांड के विकास के काफी अवसर है।
बहुत से खुलते अवसर
हाल ही में, ग्लोबल हॉस्पिटेलिटी दिग्गज विनडिम होटल ग्रुप ने अपनी विस्तार योजनाएं रखी हैं। ये भारत में 2020 तक भारत के 40 नए होटलों को जोड़ने की योजना बना रहा है। वर्तमान में भारत में इस कंपनी के 35 ऑपरेशनल होटल हैं जिसमें 3258 कमरें, बड़े ब्रांड जैसे रमादा, रमादा एनकोर, हॉवर्ड जॉनसन एंड डेज के तहत है।
विनडिम होटल ग्रुप की रिजनल वाइस-प्रेसीडेंट दीपिका अरोरा, यूरेशिया ने कहा, 'हमारा लक्ष्य है कि 2020 तक भारत में 75 ऑपरेशनल होटल की योजना है। नए अवसर की खोज के लिए अपने इस विस्तार को अन्य संभावित हिस्सों तक लेकर जाने की योजना है।'
एक अन्य हॉस्पिटेलिटी श्रृंखला, चॉइस होटल्स भी भारत में 2020 के अंत तक 11 प्रोपर्टी को फ्रैंचाइज़ मॉडल से जोड़ने की योजना बना रही है।यूएस आधारित चॉइस होटल्स इंटरनेशनल के इस सहायक कंपनी के वर्तमान में भारत में 29 ऑपरेटिंग होटल है। कंपनी भारत में अपने काम इन पांच ब्रांड में करती हैं- स्लीप इन्न, कंफर्ट इन्न, क्वॉलिटी इन्न, क्लेरिअन और असैंड कलेक्शन।
चॉइस होटल्स के सीईओ विकास पवार भारत के अनुसार, 'हमारें नए होटल कंफर्ट इन्न, क्वॉलिटी इन्न और क्लेरिअन ब्रांड के तहत होंगे।' बिजनेस मॉडल पर बात करते हुए उन्होंने बताया, 'हम फ्रैंचाइज़ मॉडल को फॉलो करते हैं, हम किसी प्रोपर्टी पर निवेश नहीं करते। हम अपने डिस्ट्रीब्यूशन स्तर पर, अपने सिस्टम डिलीवर वेल्यू और ट्रेनिंग पर निवेश करते हैं। निवेश मुख्य रूप से हमारे ब्रांड को ज्यादा दिखाने और उसके प्रमोशन में होता है।'
ऊंचाई पाता मिड स्केल सेग्मेंट
भारत की जनसांख्यकी/डेमोग्राफी को ध्यान में रखते हुए, मिड-स्केल सेग्मेंट पर निवेश बेहतर रिर्टन लाता है। साथ ही, मिडस्केल होटल डेवलपमेंट पर फाइनेंस करना अपेक्षाकृत आसान है, ऐसा इसलिए क्योंकि निवेशक इन होटल को संपत्ति की तरह देखते हैं जिसमें निवेश से ज्यादा रिटर्न प्राप्त होते हैं। साथ ही, अगर आप इनकी होटल के अन्य सेग्मेंट से तुलना करें तो ये इसमें जोखिम भी कम है। विनडिम होटल्स एंड रिज़ॉर्ट के इग्नांस बॉवेन्स के अनुसार, 'मध्यम वर्गीय के लिए इसमें ज्यादा डिस्पोसेबल आय है। कम दिनों के ट्रिप पर जाते लोगों को देखते हुए हमें विश्वास है कि भारत में मिड स्केल और इकोनॉमी बाजार में हमारा विकास साफ है।' इसमें जगह की जरूरत भी अन्य की तुलना में कम है।
वर्तमान में, चॉइस होटल मुख्य रूप से मिड-स्केल सेग्मेंट में ही है। पवार ने कहा, 'हम मुख्य रूप से मिड-स्केल सेग्मेंट पर ही अपना लक्ष्य स्थापित करते हैं क्योंकि हमें इस श्रेणी में अवसरों का काफी विकास दिखाई देता है।'
टियर 2 शहर पर नजर
टियर 2 की इकोनॉमी में अचानक से तेजी आई है और इससे यह फ्रैंचाइज़रों के लिए फायदेमंद बाजार बना रहा है। चॉइस होटल विस्तार के लिए पोर्टब्लेयर, गोरखपुर, ऊंटी, लखनऊ, लखीमपुर और कोच्चि को लक्षित कर रहा है।
विनडिम होटल्स एंड रिजॉर्ट की बॉवेन्स का कहना हैं कि मिड-टियर बाजार में विकास हो रहा है और यही वह जगह है जहां पर विश्व स्तरीय दिग्गज अपनी पकड़ बनाना चाहता है। यह ब्रांड कसौली और लोनावाला जैसे अवकाश स्थानों के साथ-साथ तिरूपति और द्वार जैसे तीर्थस्थानों को भी जानने में उत्सुकता दिखा रहे हैं।