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- भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत की हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन
भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का निधन। कुछ पूर्व अफसरों ने जनरल बिपिन रावत के निधन को लेकर ट्वीट किया है। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग ने जनरल बिपिन रावत को ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है।
आपको बता दे बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) है। इनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2020 को हुई थी। इससे पहले बिपिन रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष थे। वर्ष 2016 में वो आर्मी चीफ बने थे।
बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। वे 1978 से भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जरनल बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के पूर्व छात्र हैं। उन्हें दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर 'से सम्मानित किया गया था। उनके पास आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का 10 वर्षों का अनुभव है।
जनरल बिपिन रावत को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र, और आतंकवाद रोधी अभियानों में कमान संभालने का अनुभव है। उन्होंने पूर्वी क्षेत्र में एक इन्फैंट्री बटालियन की कमान संभाली है। एक राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर और कश्मीर घाटी में एक इन्फैंट्री डिवीजन की भी कमान संभाली है। उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवाओं के लिए यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम के साथ सम्मानित किया जा चुका है।
रावत ने जनरल दलबीर सिंह के रिटायर होने के बाद भारतीय सेना की कमान 31 दिसंबर 2016 को संभाली थी। 2020 में उन्हें सीडीएस बनाया गया था। रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत थे जो कई सालों तक भारतीय सेना का हिस्सा रहे। जनरल बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री एकेडमी और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में पढ़ चुके हैं। इन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस सर्विसेज में एमफिल की है।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे रावत 16 दिसंबर 1978 में गोरखा राइफल्स की फिफ्थ बटालियन में शामिल हुए। यहीं उनके पिता की यूनिट भी थी। दिसंबर 2016 में भारत सरकार ने जनरल बिपिन रावत से वरिष्ठ दो अफसरों लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीन बक्शी और लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज को दरकिनार कर भारतीय सेना प्रमुख बना दिया।