ट्रेड फेयर का नाम हर किसी के जुबह से सुना होगा और इस फेयर का इंतजार व्यापारियों और ग्राहकों को बेसब्री से रहता है लेकिन पिछले 2 साल से कोरोना महामारी के चलते ट्रेड फेयर को नहीं लगया जा सका था। नवंबर के महिने में लगने वाला ट्रेड फेयर दिल्ली वासियों के लिए बहुत ही खास होता है। यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला आईटीपो (भारत व्यापार संवर्धन संगठन) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह मेला 14 दिनों तक चलता है।
इस ट्रेड फेयर में हर व्यापारी अपने प्रोडक्ट को डिस्प्ले करने, ज्ञान फैलाने और इंडस्ट्री के ट्रेंड्स के बारे में बात करने की अनुमति देता हैं। हर छोटा, बड़ा व्यापारी और आम जनता इस मेले को देखने हर साल जरूर आती है। रही बात खरीदने की, तो हर कोई इस मेले में आकर कुछ न कुछ खरीद कर जरूर जाता है। यह फेयर उन व्यापारियों के लिए बहुत ही अच्छा है जो अपने युनिक प्रोडक्ट और सर्विस को ग्राहकों तक पहुंचा सकते है और इस फेयर के ज़रीये ग्राहक बहुत से प्रोडक्ट को खरीदते भी है।
यह फेयर स्टार्टअप व्यवसाय के लिए बहुत ही अच्छा है। इस फेयर के माध्यम से ग्राहक या व्यापारी आपके व्यवसाय के बारे में जान सकते है जैसे की आप किस तरह के प्रोडक्ट बनाते है, कैसे अपने प्रोडक्ट को ग्राहकों तक पहुंचा सकते है, आपके प्रोडक्ट में क्या युनिक चीज है, आप दूसरे व्यवसाय के साथ कैसे टाई-अप कर सकते है आदि। एक तरह से एक छोटा या मध्यम वर्ग का व्यवसाय अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग बहुत ही अच्छे तरीके से कर सकता और वास्तव में उसके व्यवसाय में बिक्री होने की ज्यादा से ज्यादा संभावना हो सकती है।
इस बार भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के 40 वें संस्करण में भारत भर से 316 एमएसएमई ने भाग लिया है। आयुष, सिरेमिक, केमिकल, कॉस्मेटिक, इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रॉनिक्स, कढ़ाई, फूड, फुटवियर, हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, होम डेकोर, शहद, जूट, लेदर, धातु विज्ञान, रत्न और आभूषण, वस्त्र, खिलौने सहित लगभग 20 क्षेत्रों के एमएसएमई की मेजबानी कर रहा है।
नवोदित उद्यमियों के लिए एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानने का यह एक शानदार अवसर है एमएसएमई मंत्रालय वैश्विक प्लेटफॉरम पर महिला सशक्तिकरण के रूप में उभरा है।
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने ट्वीट कर बताया की इस मेले में देश भर में सबसे अधिक महिला उद्यमियों, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक उद्यमियों को एक प्लेटफॉर्म दे रहा है।
एक तरह से देखा जाए तो महिला उद्यमियों का इस फेयर आना बहुत ही अच्छा है। यह आत्मनिर्भरता को दर्शाता है और वह इस मेले में अपने व्यवसाय के बारे में ग्राहकों को बता सकती है ताकि आने वाले समय में उनके व्यवसाय में ज्यादा से ज्यादा बिक्री हो सके और उनके प्रोडक्ट को जान सके।
इस भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में 25 राज्यों ने भाग लिया। बिहार पार्टनर राज्य है, जबकि उत्तर प्रदेश और झारखंड फोकस राज्य हैं। इस मेले में कुछ व्यापारी विदेश से भी आए हुए है जैसे की अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, किर्गिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, ट्यूनीशिया और तुर्की।
इस मेले के दौरान छोटे और मध्यम उद्यमी आसानी से विदेशों से आए व्यापारीयों के साथ एक अच्छा संबंध बना सकते है। वह अपने व्यवसाय के बारे में विदेश से आए व्यापारीयों को बता सकते है और उनके भी व्यापार के बारे में जान सकते है जो आगे चलकर उन्हे प्रगति की ओर ले जा सकता है।
एमएसएमई मंत्रालय की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 6.33 करोड़ एमएसएमई में से केवल 20.37 प्रतिशत महिलाएं उद्यमी है जो अपने व्यवसाय को खुद चलाती है।
आपको बता दे यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला छोटे और मध्यम उद्यमियों को अपने प्रोडक्ट को दिखाने,विकास के नए अवसर पैदा करने और एक तरह से आत्मनिर्भर होने का अवस पैदा करता है।