वर्तमान में भारत के कॉस्मेटिक्स का कुल बाजार मूल्य USD 6.5 बिलियन है और 2025 तक उसने 22% का मजबूत विकास दर दिखाने की उम्मीद है। कंस्यूमर पैकेज्ड गुड्स के भारतीय बाजार में ब्यूटी इंडस्ट्री हिस्सा 22% है। खर्च करने की बढ़ती ताकत, बेहतर प्रोडक्ट्स और भारतीय उपभोक्ताओं का खुद की छवि को लेकर ज्यादा सचेत होते देख कई अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड्स भारत में अपने कदम रख रहे हैं। भारत में सौंदर्य बाजार को बढ़ावा देने वाले कई घटक हैं। उनमें से प्रमुख नीचे दिए गए हैं:
मल्टी-पर्पज प्रोडक्ट्स
बाजार में कई गुणों को एक ही प्रोडक्ट में पेश किया जा रहा है। जैसे त्वचा की देखभाल के लिए एंटी-एजिंग प्रॉपर्टीज, मॉइस्चराइजिंग केयर और सनटैन प्रोटेक्शन जैसे कई फायदे देने वाले प्रोडक्ट्स बहुत लोकप्रिय हैं। सन प्रोटेक्शन, मॉइस्चराइजिंग, ऑइल-फ्री और नो पोर-क्लॉगिंग जैसे अनेक गुणों वाले फाउंडेशन क्रीम्स की मांग, खास कर कामकाजी महिलाओं में बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। हेयर केयर सेगमेंट में डैंड्रफ रोकने और बालों का झड़ना कम करने वाले प्रोडक्ट्स तेजी से चल रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण और गलत लाइफस्टाइल की वजह से भारतीय ग्राहकों में कॉस्मेक्युटिकल्स (औषधि गुणों वाले सौंदर्य प्रसाधन), नैचरल तथा ऑर्गेनिक हेयर केयर प्रोडक्ट्स चुनने का रूझान देखा जा रहा है।
ऑर्गेनिक बेस्ड सौंदर्य प्रसाधनों की ओर झुकाव
अब तक चले आ रहे ब्यूटी प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से स्वास्थ्य-संबंधी कई समस्याएं उभर कर सामने आई हैं। इसीलिए अब उपभोक्ता भारी संख्या में ऑर्गेनिक सौंदर्य प्रसाधनों की ओर मुड़ रहे हैं। खास कर युवाओं में इन प्रोडक्ट्स की मांग बहुत है। पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक कॉस्मेटिक्स की सबसे ज्यादा मांग 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों में पाई जा रही है।
लगातार नए और विकसित प्रोडक्ट्स की पेशकश
प्रमुख कंपनियां नए, विशेषतः औषधि गुणों वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स तैयार करने में भारी निवेश कर रही हैं। ये कंपनियां हाइपोएलर्जेनिक क्रीम्स जैसे स्वास्थ्य को कम से कम प्रभावित करने वाले नए प्रोडक्ट्स में खास कर निवेश कर रही हैं। आमतौर पर कॉस्मेक्युटिकल्स में पेस्टिसाइड जैसे घातक पदार्थ कम मात्रा में होने के कारण उपभोक्ता उन्हें तवज्जो दे रहे हैं।
खास तरह से पैकेज किए गए ब्यूटी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग
आज के दौर में ब्यूटी प्रोडक्ट्स की बढ़ती बिक्री में पैकेजिंग के नए अंदाज का भी बहुत महत्व है। बहुर्राष्ट्रीय कंपनियां पर्यावरण से दोस्ती रखने वाली पैकेजिंग सामग्री इस्तेमाल करने को तरजीह देते हैं। इसके अलावा खोलने में आसान कैप्स, शॉवर में इस्तेमाल के लिए बेहतर पैक्स, पोर्शन कंट्रोल डिवाइसेज जैसी खासियतें भी देखी जा रही हैं। पैकेजिंग को लेकर पुरुषों की जरूरतें महिलाओं से अलग होती हैं। फेसिंग क्रीम्स की बात करें, तो पुरुष अपनी उंगलियाँ जार में डुबोना पसंद नहीं करते। इसीलिए कंपनियां उनके लिए पंप पैकेजेस में क्रीम्स प्रस्तुत करती हैं। इस श्रेणी में पैक फंक्शनलिटी यानी उसकी व्यवहारिकता भी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि पुरुष उपभोक्ता पैकेजिंग के अधिक व्यावहारिक और सरल प्रकार पसंद करते हैं। पुरुष फ्रैग्रैंसेस के मामले में बोतल के आकर्षक डिजाइन्स खरीद पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं। इतना ही नहीं, आजकल उपभोक्ता ऐसे पैकेजेस/लेबल्स के सौंदर्य प्रसाधन खरीदने पर जोर देते हैं, जिन पर ये दर्ज किया गया हो कि प्रोडक्ट पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना तैयार किया गया है। प्रोडक्ट के निर्माता पर्यावरण बचाने के पक्ष में है, ये बात उपभोक्ताओं तक सही ढंग से पहुंचाना, उन्हें आकर्षित करने के लिए जरूरी बात बन गई है।
पर्यावरण-प्रेम का नया मंत्र
फैशन और लाइफस्टाइल श्रेणी में ‘पर्यावरण के लिए प्रेम’ यह नया मन्त्र बन चुका है। नतीजा ये हो रहा है कि कॉस्मेटिक ब्रांड्स भी पर्यावरण के अनुकूल प्रोडक्ट्स पेश कर रहे हैं। भारतीय उपभोक्ताओं की प्राकृतिक और औषधि सौंदर्य प्रसाधनों में बढ़ती रूचि के चलते, फारेस्ट एसेंशियल्स, बायोटिक, हिमालय हर्बल्स, ब्लॉसम कोच्चर, वीएलसीसी, डाबर, लोटस, जोवीस, आयुर्वेदा, पतंजलि, जस्ट हर्ब्स और कई हर्बल कॉस्मेटिक ब्रांड्स ने भारतीय सौंदर्य उद्योग में अपने पैर जमा लिए हैं। अब तो फॉरेन ब्रांड्स ने भी नैचरल प्रोडक्ट्स को तवज्जो देना शुरू किया है। जैसे कि 2016 में फ्रेंच कास्मेटिक ब्रांड ल'ऑरिअल ने अपने गार्नियर अल्ट्रा ब्लेंड्स ब्रांड के तहत आयुर्वेदिक शैम्पू, कंडीशनर, तेल और क्रीम बाजार में उतारे। पतंजलि आयुर्वेद ने बहुत ही कम वक्त में घर-घर में जगह बना ली है। भारतीय औषधि और प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधनों की विदेशी बाजारों में भी अच्छी-खासी खपत है।