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- मेक इन इंडिया पहल के तहत ऑटो उद्योग ने घटाया 7,000 करोड़ का आयात
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने "मजबूत सप्लाई चेन का निर्माण" थीम के तहत SIAM ऑटोमोटिव सोर्सिंग कॉन्क्लेव 2024 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, उद्योग के प्रमुख नेताओं और आपूर्ति श्रृंखला विशेषज्ञों ने भाग लिया। कॉन्क्लेव का उद्देश्य ऑटो उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक मजबूत और टिकाऊ सप्लाई चेन विकसित करना था। तीन सत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सप्लाई चेन, भविष्य की तकनीकों के लिए तैयारियां, और नियमों व सप्लाई चेन स्थिरता के बीच संतुलन जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
डॉ. हनीफ कुरैशी, अतिरिक्त सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय, ने आत्मनिर्भर भारत मिशन पर जोर देते हुए बताया कि PM eDRIVE और अन्य योजनाओं के जरिए लोकल उत्पादन और R&D को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि "मार्च 2024 तक 18,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और ऑटो उद्योग अब कई महत्वपूर्ण पुर्जों का निर्माण भारत में कर रहा है।" इस पहल से इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
SIAM और ACMA के बीच सहयोग से, उद्योग आयात पर निर्भरता कम करने और गहन स्थानीयकरण के लिए प्रतिबद्ध है। विनोद अग्रवाल, SIAM के फॉरमर प्रेसिडेंट, ने कहा कि "SIAM के सदस्यों ने 25,000 करोड़ रुपये के आयात प्रतिस्थापन का लक्ष्य निर्धारित किया है।" इसके साथ ही, PLI योजनाओं के माध्यम से सरकार की मदद से भारतीय ऑटो उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने की ओर अग्रसर है।
कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों और प्रमुखों ने सप्लाई चेन की स्थिरता, इनोवेशन, और उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर अपने विचार साझा किए। सुनील कक्कड़, चेयरमैन, SIAM आत्मनिर्भर भारत सोर्सिंग ग्रुप, ने कहा कि "मेक इन इंडिया पहल के तहत 7,000 करोड़ रुपये का शुद्ध आयात कम हुआ है।" SIAM ऑटोमोटिव सोर्सिंग कॉन्क्लेव 2024 ने आत्मनिर्भर और स्थिर सप्लाई चेन के विकास के प्रति उद्योग की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।