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- राज्यों को एनईपी लागू करने की शर्त के साथ पीएम श्री योजना की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम श्री (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पहचाने जाने वाले 14,500 स्कूलों को अगले पांच वर्षों में 27,360 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम श्री केंद्र की योजना होगी। इस योजना में कुल लागत का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार, जबकि शेष 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। यह योजना उन सभी राज्यों के लिए खुली होगी जो एनईपी, 2020 को पूरी तरह से लागू करने के लिए सहमत हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि किसी भी स्कूल को पीएम श्री के तहत केंद्र सरकार की मदद से अपग्रेड करने के लिए राज्यों को एक अनिवार्य करार करना होगा। वह यह है कि वे एनईपी को पूरी तरह लागू करेंगे। प्रधान ने कहा कि राज्य सरकारों के आवेदनों का मूल्यांकन करने के बाद स्कूलों का चयन किया जाएगा।
यह योजना केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र द्वारा संचालित स्कूलों के लिए भी खुली है। इसके तहत वैसे स्कूल भी शामिल किए गए हैं जिनका संचालन राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों के माध्यम से हो रहा है। इस योजना के तहत अर्हता प्राप्त करने के लिए, स्कूलों को बिजली की उपलब्धता से लेकर शौचालय तक, लगभग 60 मापदंडों को पर एक निर्धारित समय-अवधि के भीतर खरा उतरना होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 18 लाख छात्रों को कवर करने की उम्मीद है, योजना के तहत राशि का हस्तांतरण सीधे स्कूल अधिकारियों को किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य को स्कूलों के चयन की पूरी आजादी दी जाएगी।
पिछले महीने केंद्र ने लोकसभा को सूचित किया था कि अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों एनईपी पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जबकि बंगाल और तमिलनाडु ने अभी तक काम की स्थिति की सूचना नहीं दी है।
प्रधान ने कहा कि अधिकतर राज्य बड़े पैमाने पर पीएम श्री के विचार से जुड़े हैं। “मंत्रालय के नीति विभाग (शिक्षा) ने पिछले एक साल में राज्यों के साथ इस पर कई दौर की चर्चा की है। आवेदन की अवधि की जानकारी जल्द दी जाएगी ताकि राज्य या स्कूल संबंधित राज्य सरकारों की अनुमति लेकर इस दिशा में काम शुरू कर सकें। हमारा लक्ष्य इस ही वर्ष अपग्रेड किए गए स्कूलों का पहला सेट बनाना है। योजना का एक प्रमुख आकर्षण गुजरात सरकार के विद्या समीक्षा केंद्र मॉडल को दोहराने का निर्णय है, जिसके तहत एआई टूल का उपयोग करके विश्लेषण के लिए अकादमिक डाटा एकत्र किया जाता है।