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- रिलायंस, अमारा राजा और 5 अन्य कंपनियों ने ईवी बैटरी के लिए PLI स्कीम में किया आवेदन
भारी उद्योग मंत्रालय ने घोषणा की कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन देने वाली योजना (पीएलआई) के लिए सात आवेदन मिले हैं। इस योजना के तहत लिथियम आयन एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी बनाने वाली कंपनियों को मदद दी जाएगी।
सरकार का लक्ष्य दस गीगावाट(GWh) क्षमता की बैटरी बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन देना है। इस योजना के लिए वैश्विक निविदा निकाली गई थी, जिसके लिए एसीएमई(ACME) क्लीनटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अन्वी पावर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, लुकास टीवीएस लिमिटेड और वारी एनर्जीज़ लिमिटेड शामिल हैं। इन कंपनियों ने कुल मिलाकर 70 GWh क्षमता वाली बैटरी बनाने के लिए आवेदन किया है।
मई 2021 में मंत्रिमंडल ने 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एसीसी की पचास गीगावाट ऑवर की विनिर्माण क्षमता प्राप्त करने के लिए ‘एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय कार्यक्रम' पर टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। एसीसी पीएलआई बोली का पहला दौर मार्च 2022 में संपन्न हुआ था और तीन लाभार्थी फर्मों को तीस गीगावाट ऑवर की कुल क्षमता आवंटित की गई थी। इसके अलावा, चयनित लाभार्थी फर्मों के साथ कार्यक्रम समझौते पर जुलाई 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे।
इसके अलावा, भारी उद्योग मंत्रालय ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना 'नेशनल प्रोग्राम ऑन एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज' के तहत बोलीदाताओं की शॉर्टलिस्टिंग और चयन के लिए 24 जनवरी, 2024 को प्रस्ताव के लिए अनुरोध जारी किया था । इसके तहत, 3,620 करोड़ रुपये के अधिकतम बजटीय परिव्यय के साथ 10 गीगावाट ऑवर की कुल विनिर्माण क्षमता वाली एसीसी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना की जानी है।