भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल सहित और ज्यादा मॉडल बनाने के लिए रेनो और निसान रिसर्च एंड डेवलपमेंट में 5,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन दोनों कंपनियों के गठबंधन से नए निवेश के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
निसान मोटर कंपनी के डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अश्वनी गुप्ता ने कहा कि गठबंधन नई परियोजनाओं में 5,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि नए निवेश से महिंद्रा वल्र्ड सिटी में रेनो-निसान आरएंडडी में 2,000 नौकरियां पैदा होंगी।
चेन्नई में कंपनियां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए छह नए वाहनों के संबंध में सहयोग करेंगी, जिनमें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक दो नए वाहन शामिल हैं। इससे रेनॉ-निसान का यह केन्द्र अंतरराष्ट्रीय निर्यात के रूप में उभरेगा।
छह नए मॉडल में प्रत्येक कंपनी के लिए तीन मॉडल शामिल होंगे, जिन्हें चेन्नई में तैयार किया जाएगा। संबंधित ब्रांडों की अपनी-अपनी विशिष्ट शैली बनाए रखते हुए उन्हें सामान्य गठबंधन वाले प्लेटफार्मों पर निर्मित किया जाएगा।
सी-सेगमेंट में चार एसयूवी शामिल की जाएगी और ए-सेगमेंट में दो इलेक्ट्रिक वाहन। भारत में रेनो और निसान दोनों के लिए ही पहले ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन होंगे, जो बड़े स्तर पर हो रहे बाजार के विद्युतीकरण में दोनों ब्रांडों की विरासत और विशेषज्ञता पर बनाए जाएंगे।
अश्विनी गुप्ता ने कहा कि कंपनी इसके जरिये ए और सी सेगमेंट में ज्यादा बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य बनाकर चल रही है। इन नए मॉडल का लक्ष्य न केवल भारतीय ग्राहक होंगे, बल्कि भारत से निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत भी देंगे, जिससे कार प्लांट के उपयोग का स्तर मौजूदा लगभग 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत हो जाएगा।
निर्यात बाजारों के लिए लेफ्ट हैंड ड्राइव सहित मॉडल मैग्नाइट में अतिरिक्त निवेश किए जाएंगे। अश्विनी गुप्ता के मुताबिक 2025 तक पूरा प्लांट अक्षय ऊर्जा से संचालित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों साझेदार यहां अपनी शेयरधारिता का पुनर्गठन कर रहे हैं।