रेल मंत्रालय अपनी इनोवेशन पॉलिसी पहल के तहत भारतीय स्टार्टअप्स में 1.5 करोड़ तक का निवेश करेगा। मंत्रालय उन स्टार्टअप्स को चुनेगा जो भारतीय रेलवे नेटवर्क के लिए कम लागत वाले उत्पाद और सॉल्यूशन को तैयार कर सकते हैं। पॉलिसी का नेतृत्व रेलवे बोर्ड के दक्षता और अनुसंधान निदेशालय द्वारा किया जाएगा।
इस कदम के साथ, मंत्रालय का लक्ष्य भारतीय रेलवे की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और रखरखाव से संबंधित मुद्दों का समाधान करना है। भारतीय रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए भारतीय स्टार्टअप द्वारा विकसित की गई नई तकनीकों का लाभ उठाना चाहता है।चुने गए स्टार्टअप्स की वित्तीय से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए मंत्रालय शुरूआती चरणों में निवेश करेगा।
फंडिंग योजना भारतीय रेलवे और स्टार्टअप या इनोवेटर के बीच 50:50 की हिस्सेदारी मे लागत बांटने के आधार पर होगी। स्टार्टअप और इनोवेटर्स को ज्यादा से ज्यादा 1.5 करोड़ रुपये का निवेश मिल सकता है।
इनोवेशन पॉलिसी के आवेदन की बात करे तो भारतीय स्टार्टअप को कंपनी एक्ट 1956/2013 के तहत शामिल होने की आवश्यकता होगी। इंडिविजुअल इनोवेटर और रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट भी आवेदन कर सकते हैं। पॉलिसी के तहत किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए स्टार्टअप के पास अपनी खुद की प्रॉपर्टी होनी चाहिए। रेलवे बोर्ड से अनुमती मिलने के बाद ही किसी भी एसोसिएट को ज्याइंट ऑनर के रूप में शामिल किया जा सकता है।
वर्षों से, भारतीय रेलवे टेक्नोलॉजी और भारतीय स्टार्टअप में रुचि दिखा रहा है। पहले भारतीय रेलवे ने अपने संचालन के साथ-साथ अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए टेक्नोलॉजी को लागू किया।
वर्ष 2018 में भारतीय रेलवे की ब्रॉडबैंड सर्विस शाखा, रेलटेल कॉर्पोरेशन ने रेल ट्रैक को मॉनिटरिंग करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया और आईआईटी-रुड़की के साथ पार्टनरशिप की।यह कदम टीसीओई (टेलीकॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) पहल का एक हिस्सा था जिसे दूरसंचार उद्योग और भारतीय रेलवे द्वारा शुरू किया गया था।
जुलाई 2018 में, भारतीय रेलवे ने आईआरसीटीसी वेबसाइट को सुधारने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्टारलाइट टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का निर्णय लिया।इसके साथ, आईआरसीटीसी पोर्टल का उद्देश्य होटल और फूड बुकिंग सहित सुविधाएं देने के लिए एआई के माध्यम से सरल और व्यक्तिगत बनाना था।
हाल के दिनों में भारत सरकार ने इनोवेशन और टेक्नोलॉजी वाली एंटरप्रेन्योरशिप को अपनाने के लिए बिज़नेस इकोसिस्टम में स्टार्टअप की मदद करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम शुरू किए हैं।
रक्षा मंत्रालय का लक्ष्य 1.5 करोड़ से 10 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान करके भारतीय स्टार्टअप को मदद करना है। रक्षा मंत्रालय ऐसे स्टार्टअप की मदद करेगा जो भारतीय सेना को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,उन्नत इमेजिंग, सेंसर सिस्टम, बिग डेटा एनालिटिक्स, स्वायत्त मानव रहित सिस्टम और सुरक्षित संचार प्रणाली जैसे सॉफ़्टवेयर का सॉल्यूशन दे सकते हैं। हाल ही में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईडीईएक्स कार्यक्रम के तहत डिफेंस इंडियन स्टार्टअप चैलेंज के छठे संस्करण का शुभारंभ किया।