रेस एनर्जी ने ईवी बैटरी वेस्ट से निपटने और यूज्ड बैटरी को दोबारा से उपयोग में लाने के साथ अनुप्रयोगों की पहचान करने के लिए लोहम के साथ साझेदारी की है। बैटरी मैनेजमेंट के लिए ईपीआर (एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी) दिशानिर्देशों के तहत यह साझेदारी सुनिश्चित करती है कि रेस की बैटरियों से 90 प्रतिशत से अधिक कच्चे माल को रीसाइकल्ड किया जाएगा। ईपीआर एक वेस्ट एंड पॉल्यूशन मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट है, जो कंपनियों को अधिक टिकाऊ और उत्पादों को दोबारे से उपयोग में लाने के साथ मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं को डिजाइन करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
रेस एनर्जी ने जून 2023 में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग सुविधा का उद्घाटन किया, जो 50 मेगावाट उत्पादन संयंत्र से सुसज्जित है। इसमें सालाना 30,000 बैटरी तैयार करने की क्षमता है। स्थिरता के लिए रेस का दृष्टिकोण बैटरी और स्वैप स्टेशन को चार्जिंग एल्गोरिदम और आंतरिक शीतलन प्रणालियों से लैस करके बैटरी की लाइफ को लगभग 40 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। रेस सक्रिय रूप से अपने बैटरी स्वैपिंग कार्यों को बढ़ा रहा है। लोहम के साथ यह सहयोग बैटरी निपटान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लोहम ने सितंबर 2023 में प्योर मेटैलिक लिथियम का उत्पादन करने के लिए इनईईटीएम मल्टी-स्टेज हाइड्रोमेटालर्जिकल एनर्जी ट्रांज़िशन मटेरियल रीसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है। यह रीसाइक्लिंग के माध्यम से ऐसा करने वाली चीन के बाहर की पहली ऐसी कंपनी बन गई।
यह विकास बंद-लूप बैटरी मैटीरियल (बंद-लूप रीसाइक्लिंग उत्पादों के प्रमुख उदाहरणों में बोतलों और जार के लिए उपयोग किया जाने वाला ग्लास, डिब्बे और टिन के लिए उपयोग किया जाने वाला एल्यूमीनियम और बहुत सीमित मात्रा में प्लास्टिक शामिल हैं।) के लिए महत्वपूर्ण है, जो बैटरी मैटीरियल को रीसाइक्लिंग करके उसकी लाइफ को बढ़ाता है और रेस की ईवी बैटरियों की उपयोगिता और मूल्य का विस्तार करता है।
रेस एनर्जी के सह-संस्थापक गौतम महेश्वरन ने कहा हमने बैटरियों का उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया है। अपने इन-हाउस सॉफ़्टवेयर के साथ, हम ड्राइवरों को प्रोत्साहित करते हैं। उन्हें कम दूरी के लिए अपनी बैटरियों का उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं। इससे उन्हें बहुत कम स्वास्थ्य स्थिति (एसओएच) स्तर पर उपयोग करने में सक्षम बनाया जा सकता है।
लोहम के साथ यह साझेदारी हमें स्वैपेबल बैटरी मॉड्यूल को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाती है, जिसे मूल रूप से दोबारा से उपयोग के लिए अनुप्रयोगों में परिवर्तित किया जाएगा। बैटरी से निकले कबाड़ को संशोधित कर उसके एक हिस्से का उपयोग नई बैटरी बनाने में किया जा सकता है। इससे भारत में ईवी बैटरियों के लिए एक सर्कुलर इकोनॉमी का निर्माण होगा।
लोहम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट चेतन जैन ने कहा हम ईवी बैटरियों की स्थिरता और ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर की व्यवहार्यता को बढ़ावा देने के लिए रेस एनर्जी के योगदान की सराहना करते हैं।रेस का इनोवेशन बैटरी मैटीरियल को हमेशा के लिए चलने योग्य बनाकर स्वच्छ ऊर्जा बदलाव को तेज करने के लोहम के मिशन को पूरा करता हैं।
रेस के साथ यह साझेदारी हमें रीसाइक्लिंग के माध्यम से नई बैटरियों के निर्माण के लिए आवश्यक स्वच्छ ऊर्जा बदलाव मैटीरियल की सप्लाई को और विस्तारित करने में सक्षम बनाती है। यह खनन किए गए प्राथमिक कच्चे माल की मांग को कम करती है, जिन्हें पुन: उपयोग के माध्यम से भारत के तेजी से बढ़ते ईवी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए आयात करने की आवश्यकता होती है।