पहले यह एक कठिन काम था प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए दूसरी भाषा को सीखना और साथ ही अपनी जॉब को संभाले रखना। शुक्र है कि ऑनलाइन लर्निंग कोर्स ने लोगों को उनके आराम क्षेत्र में रहने के बावजूद इस गतिविधि को सिखने के लिए मंच प्रदान किया है।
क्लिनवेल पीट मार्विक गोएडरेलर (केपीएमजी) द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, भारत में शिक्षा उद्योग पर इंटरनेट का बढ़ता प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, जहां 2021 तक इस उद्योग के 1.96 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद हैं।
गूगल इंडिया के उद्योग डायरेक्टर, नितिन बावनकुले कहते हैं, 'ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली एक बहु-अरब डॉलर का उद्योग बनने की यात्रा पर है जिसमें विभिन्न कारक इस वृद्धि को चला रहे हैं। ऑनलाइन चैनलों द्वारा बढ़ी हुई पहुंच और व्यक्तिगत पेशकश ऐसे कुछ कारक हैं।'
क्या यह प्रभावी है?
डिजिटलकरण ने हमारे जीवन के लगभग हर पहलू में प्रवेश किया है और इसे एक चुनौतीपूर्ण माध्यम समझने की मानसिकता को नष्ट किया है।शिक्षक उन लोगों के पीछे जा रहे हैं जो और पढ़ाई करना चाहते हैं और शिक्षक नवीनीकरण के साथ ऑनलाइन कोर्सिस प्रस्तुत कर रहे हैं।
उभरती अर्थव्यवस्थाओं में ऑनलाइन सीखने की प्रवृत्ति मजबूत होने के साथ, शिक्षक इसे दिलचस्प और प्रभावी बनाने के लिए कुछ पाठ्यक्रमों को अनुकूलित और डिजाइन कर रहे हैं।
भौगोलिक बाधाओं को दूर करना
ऑनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाएं एक प्रमुख बाजार है। चीन और भारत जैसे देशों ने ऐसे ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए अधिकतम नामांकन दर्ज किए हैं। सैकड़ों भाषाओं को ऑनलाइन पेश करते हुए शिक्षा फ्रैंचाइज़र भाषा सीखने को शिक्षा उद्योग में सबसे अधिक होने वाले संभव क्षेत्रों में से एक बना रहे हैं। वह मानते हैं कि अपने रुझान और मार्किट की मांग को देखते हुए लोग ज्यादा भाषाओं को सीखना चाहते हैं जो अगले 5 वर्षों में और बढ़ेगा।
फ्रांस और जर्मनी जैसे देश भी भाषाई रूप से बढ़ने और दुनिया के कुछ हिस्सों में पहुंचने के साधन के रूप में इस तरह के पाठ्यक्रमों की ओर रुख कर रहे हैं।
फ्रैंचाइज़र बहुभाषी अवसरों के साथ आ रहे हैं और लोगों को दूसरी भाषा में भाषाई दक्षता प्रदान कर रहे हैं जिससे पूरी दुनिया में पेशेवर अवसर पैदा होने की उम्मीद है। भ्रमण करने के शौकीन लोगों ने इस उद्योग को और लोकप्रिय बनाया है जिससे यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक बाजार बन गया है।