इलेक्ट्रिक स्कूटर का उपयोग घरेलू कामों में किया जाता है। यह ई-मोबिलिटी का सबसे सस्ता साधन हैं। इलेक्ट्रिक स्कूटर में कई तरह की बैटरी का उपयोग किया जाता है, जिनमें पहली है लिथियम आयन बैटरी और दूसरी है लेड एसिड बैटरी। ये दोनों ही बैटरी एक दूसरे से काफी अलग होती हैं। इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी विभिन्न प्रकार में उपलब्ध होती है और कई उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन की जाती हैं,तो चलिए आपको बताते है इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के बारे में।
लिथियम-आयन बैटरी
लिथियम-आयन बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन, लैपटॉप, मोबाइल फोन, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में आमतौर पर उपयोग होती हैं। आजकल इलेक्ट्रिक वाहन में ज्यादा तर कंपनियां लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग करती है, क्योकि यह बैटरी ऊर्जा दक्षता में उच्च होती है और यह छोटे और भारी इलेक्ट्रिक वाहनों की पर्फॉर्मेंस को अच्छा बनाती है। इस बैटरी का जीवनकाल लंबा होता है, यानी कि इन्हें अनेक बार चार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकता है। दूसरी बैटरी की तुलना में यह भारी नहीं होतीं, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों का वजन कम रहता है और उनकी पर्फॉर्मेंस क्षमता बढ़ती है।लिथियम-आयन बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहन एक बार फुल चार्ज होने पर 500 मील से ज्यादा का सफर कर सकते हैं। कई कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक वाहन में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग करती है जैसे की एमजी मोटर, ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, टाटा मोटर्स, और महिंद्रा एंड महिंद्रा। लिथियम-आयन बैटरी की कीमत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि उनकी क्षमता, ब्रांड, और बाजार की मांग। इसके अलावा, तकनीकी प्रगति और बाजार के परिस्थितियों का भी प्रभाव होता है। लिथियम-आयन बैटरी की कीमत समय के अनुसार बदलती रहती हैं और यह सुविधा के साथ बदल सकती हैं।
सॉलिड-स्टेट बैटरी
वर्तमान में सॉलिड-स्टेट बैटरी का विकास हो रहा हैं,लेकिन इनका उपयोग अभी तक इलेक्ट्रिक वाहनों में नहीं किया गया है। यह एक "गेम चेंजर" हो सकती है, क्योकि सॉलिड-स्टेट बैटरी लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में अधिक ऊर्जा से भरपूर होती हैं। सॉलिड स्टेट बैटरी में उच्च ऊर्जा दक्षता देने की क्षमता हो सकती है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक अच्छी साबित हो सकती है। सॉलिड स्टेट बैटरी का जीवनकाल लंबा हो सकता है, जिससे इन्हें अधिक समय तक उपयोग किया जा सकता है। सॉलिड स्टेट बैटरी तेजी से चार्ज हो सकती हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को कम समय में अपने डिवाइस को चार्ज करने का आवसर मिलता है। सॉलिड-स्टेट बैटरियों की वर्तमान लागत प्रति किलोवाट-घंटे पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में काफी ज्यादा हो सकती है। कई ईवी और बैटरी निर्माताओं की नजर सॉलिड-स्टेट बैटरी वाले वाहन बनाने की है जैसे की टोयोटा और हेलिओस ।
निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरी
निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरी एक प्रकार की उच्च क्षमता वाली बैटरी है जो निकेल और मेटल हाइड्राइड मिश्रित इलेक्ट्रोड का उपयोग करती है। यह बैटरी आमतौर पर विभिन्न इलेक्ट्रिक वाहनों, पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और अन्य के लिए उपयोग की जाती है। निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरियां निम्नलिखित कुछ विशेषताओं के कारण चर्चा की जाती हैं:-
1. निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरी उच्च ऊर्जा दक्षता वाली हो सकती हैं। यह लंबे समय तक चलने की क्षमता प्रदान कर सकती हैं।
2.इन बैटरियों का जीवनकाल लंबा हो सकता है, जिससे इन्हें अधिक समय तक उपयोग किया जा सकता है।
3.यह बैटरी सामान्य तापमान में उच्च परफॉर्मेंस दे सकती हैं, जिससे वे विभिन्न तापमानों में भी उपयोग की जा सकती हैं।
4.निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरी लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में सस्ती हो सकती हैं। निकेल-मेटल हाइड्राइड बटरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और ये विभिन्न उपयोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं।
टोयोटा की प्रियस सबसे पहले बड़े पैमाने पर उत्पादित हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों में से एक, जब इसे पहली बार 1990 के दशक के अंत में पेश किया गया था। शुरुआत में इसमें निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरी का उपयोग किया गया था। उस समय इस बैटरी को उनके अपेक्षाकृत अच्छे ऊर्जा घनत्व और प्रदर्शन के लिए चुना गया था। आधुनिक इलेक्ट्रिक वाहनों में निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरी को उनके उच्च ऊर्जा घनत्व और अन्य अनुकूल विशेषताओं के कारण बड़े पैमाने पर लिथियम-आयन बैटरियों द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। हाल के मॉडलों में, टोयोटा ने कुछ प्रियस वेरिएंट में लिथियम-आयन बैटरी को शामिल करना शुरू कर दिया है।
लेड एसिड बैटरी
लेड-एसिड बैटरी के दाम कम हो सकते है और इसकी वजह से इलेक्ट्रिक स्कूटर की परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ सकता है। इन बैटरी में वजन ज्यादा होता है साथ ही ये ज्यादा जगह भी घेरती हैं। लेड-एसिड बैटरी को थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद सर्विसिंग की जरूरत पड़ती है। लेड-एसिड बैटरी की लाइफ भी बहुत ज्यादा नहीं होती है। अगर आप हर रोज अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर का उपयोग करते हैं तो इसकी लेड-एसिड बैटरी की लाइफ ज्यादा से ज्यादा दो साल होती है। हालांकि इनकी कीमत कम होने की वजह से लोग लेड-एसिड बैटरी वाला स्कूटर खरीदना पसंद करते हैं। ये बैटरी चार्ज होने में छह से सात घंटे का समय लेती हैं साथ ही इनकी रेंज भी कम होती है। लिथियम-आयन जैसी अधिक आधुनिक बैटरियों की तुलना में लेड एसिड बैटरियां पुरानी और कम ऊर्जा-सघन तकनीक हैं। पहले के युग में इलेक्ट्रिक वाहनों में लेड एसिड बैटरी का उपयोग किया जाता था, खासकर उस समय में जब टेक्नॉलोजी इतनी उन्नत नही थी।
निष्कर्ष
इलेक्ट्रिक वाहनों में इंटरनल कंबस्टन इंजन की तरह कोई इंजन नहीं होता है, जो पेट्रोल या डीजल का उपयोग करता है। बिजली को बैटरी में संग्रहित करके इसे चार्ज करना वाहन की ऊर्जा स्रोत को बदल देता है। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने से शुद्ध ऊर्जा प्रदान होती है जिससे वायु प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण को बचाने में मदद मिलती है। इलेक्ट्रिक वाहनों को स्थानीय ऊर्जा स्रोतों से चार्ज करने का विकल्प होता है, जिससे ऊर्जा संकट से बचाव होता है और स्थानीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग होता है। इन कारणों से इलेक्ट्रिक वाहनों में जो बैटरी का उपयोग होता है, वह एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट होता है जो इन वाहनों की सफलता और उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित, और उपयोगी विकल्प प्रदान करता है। प्रत्येक विशिष्ट मॉडल की विशिष्टताओं और उसके रिलीज वर्ष की जांच करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि बैटरी टेक्नॉलोजी में प्रगति अक्सर नए मॉडल में उपयोग की जाने वाली बैटरी के प्रकार में बदलाव लाती है। निर्माता किसी विशेष वाहन के उत्पादन जीवन के दौरान बैटरी टेक्नोलॉजी में अद्यतन या परिवर्तन भी कर सकते हैं।