व्यवसाय विचार

वकील से ऐसे व्यवसायी बनीं मॉम्स थेरेपी की फाउंडर

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Mar 18, 2019 - 2 min read
वकील से ऐसे व्यवसायी बनीं मॉम्स थेरेपी की फाउंडर image
कृष्णा तामलिया मॉम्स थेरेपी की फाउंडर और इनऑर्बिट पिंक पावर 2018 की विजेताओं में से एक हैं। उन्हें 10 भावी महिला व्यवसायियों में से एक के रूप में जाना गया है।

अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर निकलें

महिलाएं अपने आपको एक कंफर्ट क्षेत्र तक सीमित कर लेती हैं और अपनी क्षमताओं पर शक करने लगती हैं जिसे समय के साथ साथ पार करना और भी मुश्किल होता चला जाता है।

कृष्णा तामलिया मॉम्स थेरेपी की फाउंडर और इनऑर्बिट पिंक पावर 2018 की विजेताओं में से एक हैं। उन्हें 10 भावी महिला व्यवसायियों में से एक के रूप में जाना गया है।

कृष्णा तामलिया वोरा ने कहा, 'मैं पेशे से एक वकील हूं जो बहुत ही संतुष्टि देने वाला पेशा था। हालांकि मैं अपने परिवार को धन्यवाद करना चाहूंगी। जिन्होंने मुझे भारत के समाज की परंपरागत दीवारों से बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया ओर अपनी उद्यमी कुशलताओं को पहचानने में मदद की। एक बार अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर आते ही मैं एक डायरेक्टर और कानूनी सलाहाकार बन गई। तब मुझे इस बात का अहसास हुआ कि महिलाएं बहुत से किरदार निभा सकती हैं। यह तब होता है जब आप अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर आते हैं और आप अपनी पूरी क्षमता को पहचान पाते हैं और अपनी स्थायी क्षमता का प्रदर्शन कर पाते हैं।'

अपनी असली आवाज को पहचाने

शौक आपकी आदत में बदलते हैं और फिर ये आपके लिए जुनून बन जाते हैं। लेकिन हम भारतीयों को यह प्रशिक्षण दिया जाता है कि हमें अपने शौक को किसी स्लैम बुक में रख देना चाहिए या कहें, परिवारों के मिलने पर एक बच्चे की तरह उन्हें दिखाते रहना चाहिए। लेकिन अब समय के बदलाव के साथ लोगों को भी यह समझ आ गया है कि अपनी असली आवाज को पहचानने का महत्व क्या है।

वोरा ने कहा, 'मैं हर्बल और आयुर्वेदिक पदार्थों का प्रयोग कर स्किन और हेयर केयर के ज्ञान और जन्मजात जुनून में फंसी हुई थी और फिर इस शौक ने एक कमर्शियल कारोबार को जन्म दिया 'पलासा बॉडी सॉल्युशन प्राइवेट लिमिटेड'! मेरे अपने सारे उत्पादों का एक ही नाम 'मॉम्स थेरेपी' के तहत जारी किया जाता है। इसकी अवाधारण बहुत ही सामान्य है। मेरी दादी ने जो ज्ञान मेरी मां को दिया और मेरी मां ने मुझे जो ज्ञान दिया उससे प्रेरित होना।'

शुरुआती हार को गले लगाना

शुरुआती हार कई बार आपकी नैतिक ताकत को तोड़ देती है और कई उद्यमी इन शुरुआती विफलताओं से इनता आहत होते हैं कि वे इसका सामना करने के लिए ताकत ही नहीं जुटा पाते और उनका व्यवसाय कभी आगे बढ़ नहीं पाता है।

वोरा ने कहा, 'शुरुआती विफलताओं पर परेशान न हो और हमेशा आत्मविश्वासी बने रहें। असफलताएं आपकी नई सफलता का केवल हिस्सा है क्योंकि आप अभी-अभी ही अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर आए हैं। प्रयास करें कि आपके निरंतर सुधार के लिए अच्छे सुझाव मिलते रहे। मैं यह करती थी और अब भी करती हूं कि मैं अपने ग्राहकों को पहले उनके नकारात्मक प्रतिक्रियाएं लिखने के लिए कहती हूं ताकि मैं उनकी प्रतिक्रिया से खुद में सुधार ला सकूं।'

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