भारत में विशाल वरिष्ठ जनसंख्या कुल भारतीय जनसंख्या का 8.5 प्रतिशत है जो लगभग 103.9 मिलियन है। इन बुजुर्गों की एक बड़ी संख्या है जो बिना किसी सहारे के अकेले रहते हैं।इन लोगों को अपने दैनिक जीवन में किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होती है।विदेश में रहने वाले लोग जिनके माता-पिता भारत में अकेले रहते है उनकी देखभाल के लिए, वे अपने दैनिक कार्यों के साथ-साथ आपात स्थितियों के दौरान उनकी मदद करना चाहते हैं। इसने एक नए बाजार को जन्म दिया है, जो इसे पूरा करता है।
इंडिया असिस्ट एक मोबाइल ऐप लाया है जिसका उद्देश्य लगभग सभी क्षेत्रों में बुजुर्ग नागरिकों को सहायता प्रदान करना है। यह वरिष्ठ नागरिकों की सहायता और देखभाल के लिए एक विश्वसनीय 24/7 ऐप है। इस ऐप के बटन को प्रेस करने से आपातकालीन सेवाएं, इन-पर्सन सहायता, बुकिंग सहायता, एक मुफ्त हेल्पलाइन और चिकित्सा सहायता प्रदान करता है।
इंडिया असिस्ट: वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए 24/7 ऐप
इंडिया असिस्ट एक तरह का ऐप है जो सीनियर्स की सभी जरूरतों के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में काम करता है जो अपने बच्चों से दूर रहते हैं। यह गैप को कम करता है,सहायता प्रदान करता है और सुचारू रूप से आपात स्थिति को संभालता है।भारत में, वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा, अकेलेपन, दिन-प्रतिदिन की परेशानियों, किसी को दैनिक आवश्यकताओं की देखभाल करने और स्वास्थ्य में अचानक गिरावट जैसे कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है। इंडिया असिस्ट एक ऐसा मंच है जो अकेले रहने वालों के लिए इन मुद्दों को हल करता है। यह आपातकालीन जरूरतों या नियमित नियुक्तियों या बिल भुगतान, रिपेयर शॉप, बैंकिंग, आदि जैसी गैर-चिकित्सा जरूरतों को पूरा करता है।यह वर्षगांठ या जन्मदिन जैसे विशेष अवसरों पर फूल और केक भेजते है।
इंडिया असिस्ट में निवेश क्यों करें?
उत्पाद नया है और इस तरह की सर्विस की आवश्यकता के लिए मार्केट सेगमेंट को सर्विस दी जाती है। भारत में अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों की कुल आबादी लगभग 39 मिलियन है, जो सेवा करने के लिए एक अच्छा बाजार है। इन वरिष्ठों के पास अच्छी क्रय शक्ति होती है, जहां उन्हें सर्विस मिलते है वहां वे अपना दिमाग खर्च नहीं करते है। इसका उत्पाद एक अद्वितीय है जो सदस्यता पर विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है। यह 4 बार व्यक्ति की सहायता प्रदान करता है, जहां कंपनी का एक व्यक्ति बैंकिंग, नियमित चेकअप या किसी अन्य दैनिक काम के लिए आता है।इंडिया असिस्ट एक भरोसेमंद ब्रांड है। सभी स्टाफ के साथ-साथ फ्रैंचाइज़ी को भी पुलिस वेरिफिकेशन करवाना होगा। फ्रैंचाइज़ी द्वारा नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए एक पृष्ठभूमि की जांच भी की जाती है।
यह कम CAPEX और OPEX के साथ कम निवेश का अवसर है।लेकिन, निवेश पर रिटर्न अधिक है। मूल्य वर्धित सेवाओं के साथ कई राजस्व धाराएं हैं जो मुनाफे और कमीशन को आकर्षित करती हैं। ब्रांड का यह ऐप सब्सक्रिप्शन- बेस्ड ऐप है जो की प्रोफेशनल द्वारा प्रबंधित किया जाता है।यह स्वचालित रूप से सब्सक्रिप्शन के लिए फ्रैंचाइज़ी को रेकरिंग इनकम देता है।
इंडिया असिस्ट के साथ फ़्रेंचाइज़िंग
इंडिया असिस्ट मुख्य रूप से मेट्रो शहरों में फ़्रेंचाइज़ पार्टनर की तलाश में है जहां अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों की आबादी बड़ी है।इसके बिजनेस मॉडल के दो भाग हैं। पहला टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है, जहां सहायता के लिए ऐप पर कॉल सेंटर का बटन है जिसे दबाकर आप जुड़ते है। अन्य क्षेत्रीय स्तर पर सुविधा मंच है। यह क्षेत्रीय पूर्ति फ्रैंचाइज़ी द्वारा की जाती है।उत्पाद-आधारित सब्सक्रिप्शन प्राप्त करने और उन्हें पूरा करने के लिए एक फ्रैंचाइज़ी की आवश्यकता होती है। प्रत्येक फ्रैंचाइज़ी के तहत गैर-चिकित्सा और चिकित्सा स्टाफ की आवश्यकता होती है। आम तौर पर, ग्राउंड स्टाफ के रूप में 4 से 5 इंटर्न को फ्रैंचाइज़ी द्वारा अपने पेरोल के तहत नियुक्त किया जाएगा। पैरामेडिक्स के तहत स्टाफ को कंपनी द्वारा नियुक्त और भेजा जाएगा, जिसके लिए फ्रैंचाइज़ी को भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
कंपनी के विभिन्न बैंकों, अस्पतालों और बीमा कंपनियों के साथ गठजोड़ है। फ्रैंचाइज़ी स्थानीय स्तर पर हियरिंग एड स्टोर, आई चेकअप क्लीनिक आदि के साथ टाई-अप भी कर सकती है।कंपनी द्वारा समग्र मार्केटिंग का ध्यान रखा जाएगा।रेवेन्यू शेयरिंग सब्सक्रिप्शन मिलने पर बेस्ड है। यदि फ्रैंचाइज़ी को सब्सक्रिप्शन मिलता है, तो उसे 75 प्रतिशत राजस्व प्राप्त होता है और यदि कंपनी को फ्रैंचाइज़ी के क्षेत्र की मांग मिलती है, तो 20 प्रतिशत फ्रैंचाइज़ी के साथ साझा किया जाता है। जोड़ी गई राजस्व सेवाओं में पार्टनर को 90 प्रतिशत और ब्रांड को 10 प्रतिशत मिलेगा।
ब्रांड सेटअप, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी, ऑपरेशन्स और मैनेजमेंट के संदर्भ में पूर्ण सहायता प्रदान करता है। इंडिया असिस्ट से कोर टीम द्वारा ट्रेनिंग दिया जाता है और एक मैनुअल है जो सभी प्रकार की स्थितियों और उनसे निपटने के तरीके का वर्णन करता है।स्टोर डेढ़ या फिर महीने में स्थापित हो सकता है।ब्रेक-ईवन एक साल और तीन महीने में हासिल किया जाएगा।अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों की आबादी में एक्सपोनेंशियल वृद्धि की उम्मीद है। समय की आवश्यकता एक ऐसा मंच है, जो स्वतंत्र रूप से जीने के लिए बुजुर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। और एक भरोसेमंद ब्रांड सिर्फ वही है जिसकी आवश्यकता है।