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- वॉल्वो डीजल वेरिएंट कारों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान देगी
वॉल्वो ने डीजल वेरिएंट के कारों के प्रोडक्शन को बंद करने का फैसला किया है और इलेक्ट्रिक कारों की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का निर्णय लिया है। वॉल्वो साल 2030 तक केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर ध्यान देगी।
वॉल्वो ने इस हफ्ते डीजल वेरिएंट की मैन्युफैक्चरिंग को बंद करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने 26 मार्च को स्वीडन के टॉर्सलैंड प्लांट में अपने डीजल वेरिएंट का आखिरी मॉडल मार्केट में उतारा। वॉल्वो XC90 एक स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन है। कंपनी ने ग्लोबली इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड को देखते हुए टेक्नोलॉजी पर अपने ध्यान को बढ़ाया है, जबकि गैसोलीन इंजन की मैन्युफैक्चरिंग जारी रहेगी।
वॉल्वो के नई कार और ऑपरेशन्स स्ट्रेटजी के एक्जिक्यूटिव एरिक सेवेरिनसन (Erik Severinson) ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि डीजल के बिना भी हमारे पास बेहतर कस्टमर ऑफर्स हैं।आमतौर पर कंपनियों के अपने किसी वेरिएंट को बंद करने को लेकर कोई कमिटमेंट करते नहीं देखा गया। बल्कि कंपनियां अपने नए मॉडल्स को आगे करके पुराने वेरिएंट्स की मैन्युफैक्चरिंग बंद कर देती हैं। लेकिन वॉल्वो ने पूरी जानकारी के साथ साल 2030 तक डीजल वेरिएंट की मैन्युफैक्चरिंग को बंद कर दिया है।
वॉल्वो ने XC90 से वर्ष 2014 में रिवाइवल किया था। अब वॉल्वो अपनी आखिरी XC90 को वॉल्वो म्यूजियम में डिस्प्ले करेगी। ये वॉल्वो म्यूजियम अगले महीने गुटनबर्ग में खुलने जा रहा है। डीजल वेरिएंट की गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग बंद होने के बाद भी कंपनी अपने इस वेरिएंट के कस्टमर्स को सपोर्ट करेगी और इसके स्पेयर पार्ट्स की बिक्री भी जारी रहेगी।