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- वोकेशनल स्कूल: फ्रैंचाइज़र्स को नामांकन बढ़ाने के लिए मार्केटिंग जरूरी
भारतीय शिक्षा तंत्र में लगातार नवीनीकरण हो रहा है। इन प्रयोगों का लोग स्वागत कर रहे हैं जो इसी प्रक्रिया को बनाएं रखने के लिए शिक्षकों के मनोबल को बढ़ावा दे रहा है।
अनुभव के लिए बढ़ती मांग
सीखने का बदलता ढांचा और बदलती शिक्षा नए ट्रेंड्स के लिए जमीन तैयार कर रही है जो इस इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बन रही है। लोग अब परिणाम से ज्यादा अनुभव को महत्व दे रहे हैं जिससे शिक्षण संस्थान ग्राहकों की मांग के अनुसार नए और अलग पाठ्यक्रम लेकर आ रहे हैं।
भारत, वोकेशनल/व्यावसायिक शिक्षा के विकल्पों में वृद्धि देख रहा है। विश्व स्तर पर ज्यादा से ज्यादा समाज के हिस्सों तक अपने ब्रांड को पहुंचाने के लिए शिक्षक मांग को देखते हुए इनबांड मार्केटिंग के लिए कुशल मार्केटर्स को नियुक्त कर रहे हैं। स्कूल और विश्वविद्यालय शिक्षण अब ऑनलाइन हो गए हैं ताकि नामांकन संख्या को बढ़ाया जा सके।
एक शिक्षक के तौर पर आप सही मार्केटिंग योजना को लागू कर इस प्रतिस्पर्धा में अलग से खड़े हो सकते हैं। उदाहरण के लिए-
• उपयोगी सामग्री बनाना
• आसान लैंडिंग पेज जिसमें पूरी जानकारी हो
• मार्केटिंग स्वचालन और मार्केटिंग विश्लेषण का प्रयोग कर प्रक्रिया को आसान बनाना
सामग्री/कंटेंट है सर्वोपरी
शिक्षा क्षेत्र में तकनीक की भागीदारी बढ़ने के बाद भी कंटेंट ही सबसे सर्वोपरी है। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी पाठ्य सामग्री व्यवस्थित हो और उसकी दी गई जानकारी सुचारू रूप से चलती रहे। कोई भी ऐसी वेबसाइट पर नहीं जाना चाहता जहां पर सूचना विकृत हो।
सटीक रहें, ताकि लोग तुरंत इस बात को समझ सकें कि आपके संस्थान में नामांकन करने का क्या महत्व है।
दें आकर्षित करने वाला कंटेट
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए शिक्षक मार्केटिंग का रास्ता अपना रहे हैं। इससे ब्रांड के प्रति जागरुकता आती है जिसके परिणामस्वरूप बिक्री में वृद्धि होती है। फ्रैंचाइज़र बहुत सी मार्केटिंग तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे-
• सर्च इंजन मार्केटिंग
• ब्लॉगिंग
• इनबाउंड मार्केटिंग
• ई-मेल मार्केटिंग
करें खरीदार की छवि को विकसित
खरीदार की छवि बनाना बहुत ही कठिन काम है क्योंकि ये आपको ये निर्णय लेने देता है कि आपके ग्राहक क्या चाहते हैं। लोगों की रूचि और अपेक्षाओं को समझने के लिए ये पूरी तरह से काल्पनिक डेटा से मदद करते हैं। आप ये कार्य रिसर्च करके और साक्षात्कार के आधार पर जो आंकड़े मिलते हैं उस का अध्ययन करने और फिर नए ट्रेंड को पहचानने में कर सकते हैं।