व्यवसाय विचार

शिक्षकों को पाठ्यक्रम में इसलिए शामिल करनी चाहिए व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Feb 15, 2019 - 2 min read
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व्यक्तिगत सुरक्षा संबंधी सभी पक्षों को सीखना शिक्षा का एक आधारभूत हिस्सा है।

यह बहुत ही दुखद है कि हाल के कुछ सालों से बाल उत्पीड़न के मामलों की संख्या में बहुत तेजी आई है। अगर हम केवल बच्चों के साथ हो रहे बलात्कार संबंधी मामलों को ही लें तो पिछले कुछ सालों में एक साल में करीब 82 प्रतिशत तक इन मामलों की संख्या बढ़ी है। इसलिए सही ज्ञान बच्चों को सशक्त बनाने के लिए जरूरी है और हो सकता है कि इसकी ज्ञान या शिक्षा की वजह से बच्चों के इस आंकड़ों में अंतर आ सके।वर्तमान में माता-पिता जब अपने बच्चे का स्कूल में नामांकन करने के लिए जाते हैं तो वे सबसे पहले बच्चें की सुरक्षा को देखते हैं और यही उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक होता है। स्कूलों में बाल उत्पीड़न के भयानक मामालों की बढ़ती संख्या के कारण अपने स्कूल में व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा को शुरू करने से न सिर्फ आपके छात्रों को लाभ मिलेगा बल्कि ये आपके लाभ में भी वृद्धि करेगा।

आपको अपने स्कूल में व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा क्यों शुरू करनी चाहिए, उसके कुछ कारण इस प्रकार हैं:

यौन शोषण के मामलों से बचाव

यौन शोषण से पीड़ित ज्यादातर बच्चे एक निर्धारित उम्र तक समझ ही नहीं आता है कि उनके साथ क्या हुआ है। व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा बच्चों में इसके प्रति समझ को प्रेरित करेगा, सशक्तीकरण योजनाओं का प्रयोग कर स्पष्ट संवाद के माध्यम से और 'सुरक्षित' व्यवहार की समझ से ये उपयोगी साबित हो सकता है। इसके माध्यम से जीवन को कमजोर करने वाले अनुभवों से ज्यादा जीवन को समृद्ध या सम्पन्न बनाया जा सकता है।

सेक्स संबंधी शिक्षा की कमी

आज भी सेक्स संबंधी शिक्षा भारत में बहुत ही खराब है और बाल यौन शोषण या उत्पीड़न का विषय के साथ बहुत सी रूढ़ियां जुड़ी हुई है। अक्सर पीड़ित व्यक्ति शर्म और कुंठा के कारण आगे नहीं आ पाते हैं। ऐसे में व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा की मदद से लोग ज्यादा आसानी से खुलकर बात कर पाएंगे। बच्चों को यह सीखाना होगा कि इस बारे में बात करना एकदम सही और सामान्य है। व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बच्चों के उस शब्दकोष का समृद्ध करता है जो उन्हें उनके साथ हुए उत्पीड़न या शोषण के बारे में बताने में सहायक साबित होता है।

भावनात्मक पीड़ा

सबसे महत्वपूर्ण चीज जो अध्यापक बच्चों को व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा में सीखाते हैं कि अगर कोई आपके शरीर की सुरक्षा की सीमा या नियम को तोड़ते हैं तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं है। इस उत्पीड़न या शोषण के पीड़ित लोगों में एक चीज सामान्य होती है वह है भावनात्मक पीड़ा। बहुत से लोगों को इसके कारण यौन शोषण, भावनात्मक शोषण और उपेक्षित जीवन जीने जैसे भयानक अनुभवों का सामना करना पड़ता है। बच्चों को यौन शोषण से बचाना और इसके मामलों की पड़ताल करना ही केवल आवश्यक नहीं है बल्कि उसमें आत्मविश्वास को जगाना, एक स्वस्थ शरीर की छवि को बनाना और लिंग संवेदनशीलता को जगाना भी जरूरी है।

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