व्यवसाय विचार

शिक्षा विभाग कर रहा राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने की कोशिश

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Apr 10, 2024 - 2 min read
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुपालना में राज्य में औपचारिक पूर्व प्राथमिक शिक्षा आरंभ हो गई है। पांच साल के बच्चे अब विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय विद्यालयों में संचालित बालवाटिका-3 में नामांकन कराएंगे।

शिक्षा विभाग राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। इसी कोशिश के क्रम में शिक्षा विभाग अब आंगनवाड़ी स्तर से ही बच्चों को सीधे राजकीय विद्यालयों से जोड़ेगा। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ रहे बच्चों का डाटा जुटाकर बालवाटिका-3 में उनका नामांकन कराया जाएगा।

इसके अलावा स्कूल प्रांगण में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीनस्थ चल रहे प्ले-स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय आदि व्यवस्थाओं से संबंधित जानकारी देगा। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, डाइट प्राचार्य, डीपीसी और कलस्टर मुखिया को पत्र लिखकर इसे लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी दे दिए हैं।

निदेशालय के पत्र के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुपालना में राज्य में औपचारिक पूर्व प्राथमिक शिक्षा आरंभ हो गई है। पांच साल के बच्चे अब विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय विद्यालयों में संचालित बालवाटिका-3 में नामांकन कराएंगे। दूसरी ओर, तीन व चार वर्ष की आयु के बच्चों के लिए विद्यालय परिसर में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों को पठन-पाठन में वांछित शैक्षणिक सहयोग देने हेतु स्कूल मुखिया उक्त केंद्रों में कार्यरत संचालिकाओं की सहायता और उन्हें वांछित मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

शिक्षा विभाग राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के हरसंभव प्रयास कर रहा है। अब शिक्षा विभाग आंगनबाड़ी स्तर से ही बच्चों को सीधे राजकीय विद्यालयों से जोड़ेगा। इसके तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ रहे बच्चों का डाटा जुटा उन्हें बालवाटिका-3 में दाखिला दिलाएगा। वहीं, स्कूल प्रांगण में डब्ल्यूसीडी के अधीनस्थ चल रहे प्ले-स्कूलों में व्यवस्थाओं को भी साझा किया जाएगा।

- राकेश बूरा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, पानीपत

डब्ल्यूसीडी की ओर से संचालित प्ले-स्कूलों में बिजली, पानी की सुविधाएं भी सांझा की जाएंगी। इतना ही नहीं, बल्कि शैक्षणिक मामलों में पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकें, पाठ्य सामग्री, टीएलएम, सहायक सामग्री यदि समुचित मात्रा में उपलब्ध है तो वो भी सांझा करेंगे। जहां आंगनबाड़ी अर्थात ऐसे प्ले स्कूल जो विद्यालयों में संचालित हैं। वहां पर स्कूलों में उपलब्ध बिजली, पेयजल, शौचालय, खेल का मैदान इत्यादि सुविधाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी केंद्रों को संबंधित जानकारी देगा।

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