इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस व्यवसाय को शुरू करना या चलाना चाहते हैं, उसमें विपणन और प्रचार बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वैश्विक शिक्षा उद्योग में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है। देश में 1.4 मिलियन से ज्यादा विद्यालय है, जिसमें 227 मिलियन से भी ज्यादा बच्चों का नाम दर्ज है और 36000 से ज्यादा उच्च शिक्षा संस्थान है। भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली, दुनिया की सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणालियों में से एक है।
2020 तक मौजूदा सकल नामांकन अनुपात को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने का सरकार के लक्ष्य, भारत में दूरस्थ शिक्षा के विकास को बढ़ावा देगा। आने वाले सालों में भारत में शिक्षा क्षेत्र में बड़ी वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि 2020 के अंत तक भारत में तृतीयक उम्र की सबसे बड़ी आबादी और दूसरी सबसे बड़ी स्नातक प्रतिभा तैयार होने वाली है। वित्त वर्ष 2015-16 में शिक्षा का बाजार करीब 100 बिलियन अमरीकी डॉलर का था और वित्त वर्ष 2016-17 तक इसके 116.4 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँचने की संभावना है।
उन लोगों के लिए, जो कोचिंग संस्थान के लिए जगह हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। यहाँ पर कुछ विपणन मंत्र दिए जा रहे हैं, जिन्हें अपना कर इस क्षेत्र में सफल हुआ जा सकता है।
लगभग पूरी दुनिया ऑनलाइन उपलब्ध है, चाहे वह फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब या याहू हो। इन मंचों पर ब्रांड के विज्ञापन प्रसारित करने से आप सीधे अपने लक्षित ग्राहक तक पहुंच सकते हैं। प्रचार वीडियो बनाने से और उन्हें यूट्यूब पर प्रकाशित करने से छात्रों के साथ ही उनके माता-पिता में रूचि उत्पन्न होगी।
सामाजिक मीडिया उत्कर्ष के इस युग में सामाजिक मीडिया से बेहतर और कौन सा मंच हो सकता है।
हम लोग दैनिक आधार पर अंतहीन बैनर्स को एक-दूसरे पर चिपके हुए देखते रहते हैं। लोग दीवारों के पास से इस बात पर ध्यान दिए बिना ही गुजर जाते हैं कि उन पर क्या लिखा है। कोई भी व्यक्ति नहीं चाहेगा कि पैसा खर्च करके प्रचार के लिए बनाए गए उसके पोस्टर या बैनर व्यर्थ हो जाएं। इसलिए सही जगह, सही शब्द और उचित दर्शकों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है।
यह एक पुरानी पद्धति है, जिसमें विज्ञापन को कागज़ के एक टुकड़े पर लिखा जाता है और लोगों में वितरित किया जाता है। इन पर्चों को या तो अखबार के पन्नों के बीच में रखा जाता है या दरवाजों के नीचे से खिसका दिया जाता है या फिर सड़क किनारे व्यक्तिगत रूप से बांटा जाता है। कभी-कभी इन पर्चों को सड़क पर फेंकते या गंदा करते देखा जा सकता है। इसलिए यह बेहतर है कि लक्षित ग्राहकों की जनसांख्यिकी के आधार पर जगह का चुनाव किया जाए।
मुफ्त सेमिनार या डेमो कक्षाएं आयोजित करें, जिससे छात्रों और शिक्षकों के बीच संबंध बनाने में मदद मिलेगी। यह डेमो कक्षाएं या मुफ्त सेमिनार्स माता-पिता को यह सोचने के लिए समझाने में मदद करेंगे कि कोचिंग उनके लिए किस तरह से काम करेगी। चूंकि सभी मौजूदा कोचिंग संस्थानों ने माता-पिता और छात्रों के साथ संबंध स्थापित किया होता है, तो पहले से ही मौजूद संस्थानों के बीच में अपनी जगह बनाने के लिए उन्हें बहुत गहरा प्रभाव डालना होगा।
इसलिए गुणवत्तापूर्ण सेमिनार्स या डेमो कक्षाएं आयोजित करने के लिए मेहनत कीजिए, ताकि लोग किसी भी और ब्रांड से पहले आपके ब्रांड के बारे में सोचें। शिक्षा क्षेत्र व्यवसायियों, उद्यमियों और नए उद्यमों के लिए अगला लक्ष्य होने वाला है।