- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- सर्वोटेक और आईआईटी रुड़की के करार से बैटरी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताएं होगी
भारत की प्रमुख ईवी चार्जर निर्माता, सर्वोटेक पावर सिस्टम्स लिमिटेड (एसपीएसएल), ने आईआईटी रुड़की के साथ दो समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे सीसीएस2 चार्जर के रेक्टिफायर यूनिट को भारत में डेवलप किया जा सकेगा। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए ऑन बोर्ड चार्जर डेवलप करने में मदद मिलेगी। सीसीएस2 टाइप चार्जर में रेक्टिफायर यूनिट एक इंटीग्रल कम्पोनेंट होता है जिसका अभी आयात किया जाता है। इस साझेदारी ने दो,तीन और चार पहिया वाहनों के लिए ऑनबोर्ड ईवी चार्जर के विकास पर सहयोग दिया है। इस सहयोग से घरेलू ईवी क्षेत्र के विकास को मदद मिलेगी, जिससे देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताएं मजबूत होंगी।
इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल के लिए छोटे, हल्के चार्जर का उपयोग होगा, जिसे दो, तीन और चार पहिया वाहनों पर लगाया जा सकेगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए अलग से चार्जर नही लगाना पडेगा। यह इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा और उपयोग को बढ़ाता है।सर्वोटेक पावर सिस्टम्स के एमडी रमन भाटिया ने कहा कंपनी अब उच्च क्वालिटी वाले ऑनबोर्ड चार्जर का निर्माण करेगी। यह विकास मेक इन इंडिया बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
पिछले हफ्ते, कंपनी ने देश में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए कुवैत स्थित ईएमसीओआर पावर सॉल्यूशंस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। एमओयू के अनुसार, सर्वोटेक पावर सिस्टम्स और ईएमसीओआर पावर सॉल्यूशंस 1,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन विकसित करेंगे जिन्हें देश के विभिन्न जिलों में स्थापित किया जाएगा।
इससे पहले, सर्वोटेक ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग और मोबिलिटी नीति 2022 के तहत 300 करोड़ रुपये के निवेश पर ईवी चार्जर मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
भारत सरकार बैटरी की लागत को कम करने और भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) लाने की योजना बना रही है। हालही में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के लिए निरंतर समर्थन प्रदान किया है। हम गर्व से कह सकते हैं कि 9.4 लाख इलेक्ट्रिक वाहन अब भारत की सड़कों पर हैं। बैटरी विकास और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग का समर्थन करने में पीएलआई योजना के परिणाम दूसरों पर हमारी निर्भरता को कम कर रहे हैं और हमें आत्मनिर्भर बना रहे हैं। भारत आने वाले वर्षों में एक प्रमुख बैटरी मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बन जाएगा। हमें जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार भी मिले हैं। सरकार बिना विलम्ब भारत को हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास कर रही है। मंत्री ने कहा इलेक्ट्रिक वाहन 2019-20 में 0.13 प्रतिशत से बढ़कर अब 4.3 प्रतिशत हो गया हैं। मंत्रालय ने फेम और पीएलआई योजनाओं से उद्योग का समर्थन किया है।