फ्रैंचाइज़ इंडिया की एडिटर-इन-चीफ रितु मार्या ने अपॉर्च्यूनिटी समिट 2018 में कहा है कि आज का रिटेल 5-6 साल पहले के रिटेलर से एकदम अलग है।
रिटेल स्टोर की संपत्ति भारी निवेश और बहुत ही विशालकाय होती थी। लेकिन वर्तमान में स्टोर के साइज कम करने से और स्टोर में स्टॉक के कम होने से हर चीज उल्ट हो रही हैं। अगर आप खुद को सुपर रिटेलर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए दुकान का पूरा अनुभव बहुत जरूरी बन गया है।
एक हल्की संपत्ति का मॉडल
ई-कॉमर्स एंड ओम्नी चैनल-इंडिया, असिक्स के हेड अभिषेक मोहाला ने कहा है कि आज जो किराया है, उसे देखते हुए ये बेवकूफी होगी कि आप एक बड़ी प्रोपर्टी पर निवेश करें क्योंकि अंत में केवल बैलेंस शीट ही मायने रखती है।
इसलिए यह जरूरी है कि जगह का बहुगुणी उपयोग किया जाए। ग्राहक आपके पास आ जाएंगे, लेकिन अपने प्रोडक्ट को समझें और अगर प्रोडक्ट नया है तो उसे समझाने की कुशलता प्राप्त करें। ग्राहक के स्टोर अनुभव को बेहतर बनाने के लिए बहुत निवेश की जरूरत है। केवल इसके बाद ही जाकर आप लंबे समय तक जुड़े रहने वाले ग्राहकों को प्राप्त कर पाएंगे।
मल्टीफिट इंडिया के डॉ. समीर कपूर को-फाउंडर एंड सीएमडी ने हल्के संपत्ति मॉडल पर बात करते हुए कहा है, 'मेरा जिम कम उपकरणों वाला फिटनेस सेंटर है। इसलिए मेरे जिम में मैंटेनेस कीमत नहीं है और मेरे एक साल का बिजली का बिल अन्य सामान्य जिम के एक महीने के बराबर है।'
फ्रैंचाइज़ी कैसे पाएंगे ओम्नी चैनल से रिवेन्यू?
ओम्नी चैनल का हेड ऑफिस से नेतृत्व किया जाता है और जब भी आप किसी प्रकार का व्यवसाय करते हैं तो उसकी कुछ रकम फ्रैंचाइज़ को ट्रांसफर कर दी जाती है। ग्राहक अनुभव ग्राहक और ब्रांड के बीच की कड़ी है। ओम्नी चैनल को कैसे अपनाया जाए, एक बड़ी चिंता है। लेकिन फ्रैंचाइज़ी एक बार योग्यता को देख लें तो वे स्वयं ही निवेश करने के लिए आगे आने लगेंगे।
ऑनलाइन शुरूआत करने के कारण
आज के युग में ब्रांड अपना व्यवसाय ऑनलाइन करते हैं। फैबेली की को-फाउंडर शिवानी पोद्दार के अनुसार, 'शुरूआत में एक नए स्टोर को ऑफलाइन खोलने की कीमत से ऑनलाइन कीमत बहुत कम होती है इसलिए ये बिजनेस को ऑनलाइन शुरू करने का मुख्य कारण है।' फैबेली एंड इंडिया ने अपने ग्राहक के व्यवहार और मूल्य निर्धारण को समझने के लिए ऑनलाइन काम शुरू किया। बाद में जब उन्हें बाजार में मांग के सभी आंकड़े प्राप्त हो गए और जब उनका बड़ा ग्राहक आधार बन गया तब जाकर उन्होंने अपना ऑफलाइन स्टोर खोला।
ऑनलाइन व्यवसाय ज्यादा लोगों के पास आसानी से पहुंच जाता है जबकि ऑफलाइन स्टोर खोलने और उसके लोगों तक पहुंचने में बहुत समय लगता है। पोद्दार ने याद करते हुए कहा कि, 'जब हमने 6 साल पहले शुरुआत की थी तो मुझे समझ आया कि मुझे उचित कीमतों पर फैशनेबल कपड़े चाहिए। इससे प्रेरणा पाकर, हमने ग्राहकों को ध्यान में रख कर एक ब्रांड का निर्माण किया।' कोई भी चीज खरीदने के बाद खुश दिखता ग्राहक ही एक अच्छा अनुभव है।
ग्राहक की मानसिकता को कैसे बदले
डॉ. कपूर ने कहा कि जब फिटनेस की बात आती है तो भारत बहुत ही अस्थायी बाजार है। स्वस्थ या फिट रहने के रास्ते की सबसे बड़ी परेशानी या बाधा है, बोरियत। एक सही जिम वह है जहां पर खाली जगह हो और उपकरणों की भीड़भाड़ न हो। भारत में जिस चीज का विकास अब तक नहीं हुआ है वह है फिटआउट एरिया। विश्व स्तर पर ये आपको लंबी लीज़ और एक साल में अपने आपको स्थापित होने का समय देते हैं। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। कपूर ने कहा है, 'मेरे जिम में क्लासिस बदलती रहती हैं जिसने जिम की नीरसता को तोड़ा है।'
टेक्नोलॉजी की भूमिका
डिजिटल मंत्रा के डायरेक्टर देवेंद्र सिंह ने कहा है कि पिछले कुछ सालों से डिजिटल समय की शुरुआत हो गई है। अब हमारे पास ओमेटिड सर्च पोर्टल है जो सभी सवालों के जवाब देने में मदद करते है। टेक्नोलॉजी की विशेषता ही कहें कि अब लोग कार में बैठे-बैठे भी खाना ऑर्डर कर सकते हैं और खाना प्राप्त कर सकते हैं। ये बैठकर खाने के लिए इस्तेमाल में आने वाली जगह की मांग को कम करता है। संजीवनी फार्मासुटिकल्स के फाउंडर मयंक गर्ग ने कहा है, 'तकनीक को आप तब तक नहीं समझ सकते जब तक आप उसे देख न लें। जिस सॉफ्टवेयर का हम प्रयोग कर रहे हैं वह बाजार में आसानी से उपलब्ध है। लेकिन फर्क यह है कि हम उसे कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं और कैसे उसमें नियमित सुधार कर रहें है।' विश्वास हमारें लिए बहुत जरूरी है।