व्यवसाय विचार

सूक्ष्म उद्यमियों को यूपी में मिल रही बीमा सुरक्षा

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Nov 14, 2023 - 4 min read
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सूक्ष्म इकाईयों के पंजीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए और किसी आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में उद्मियों की आर्थिक सुरक्षा के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश में एक बीमा सुरक्षा योजना की शुरुआत हुई। इस लेख में आप योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी मसलन यह योजना क्या है? इसका उद्देश्य, पात्रता और आवेदन की प्रक्रिया क्या है? इसके बारे में विस्तार से जानेंगे...

-सूक्ष्म श्रेणी के उद्यमियों को मिल रहा लाभ

-आवेदकों की पात्र उम्र सीमा 18 से 60 वर्ष

-तीन श्रेणियों में मिलता है बीमा योजना का लाभ

सूक्ष्म इकाईयों को प्रोत्साहित करने एवं अपरिहार्य स्थिति में सूक्ष्म उद्यमियों को सहायता प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना‘ योजना का संचालन हो रहा है। योजना की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन है और यह संपूर्ण प्रदेश में समान रूप से प्रभावी है। इसके तहत सूक्ष्म इकाईयों को लाभान्वित किया जा रहा है। यह जानकारी मनोज चौरसिया उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग केंद्र लखनऊ ने दी। उन्होंने बताया कि ऐसे उद्यमी जो जीएसटीआईएन/टीआईएन लेने के पात्र हैं वह इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। उनके लिए अलग से ‘मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा‘ योजना का संचालन किया जा रहा है। ‘मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना‘ के लिए पात्रता की उम्र सीमा की बात की जाए तो इसमें 18 वर्ष से 60 वर्ष के सूक्ष्म श्रेणी के उद्यमी शामिल हैं। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं...

यह योजना प्रदेश के स्थाई, सूक्ष्म उद्यमियों, हस्तशिल्पियों एंव उनके परिवारों को संकट में सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके तहत असंगठित क्षेत्र में स्थापित एवं कार्यरत सूक्ष्म उद्यमियों को संगठित क्षेत्र में लाते हुए उनको अनौपचारिक स्वरूप प्रदान करने की कोशिश की जा रही है ताकि इन उद्यमों की उत्पादकता को औपचारिक अर्थव्यवस्था के तंत्र से जोड़ा जा सके।

योजना की ऐसी है रूपरेखा

भारत सरकार के यूआरसी यानी कि उद्यम रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पोर्टल पर पंजीकृत सभी सूक्ष्म उद्यमों, जिसमें उत्पादन एवं सेवा दोनों क्षेत्रों को योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। ऐसे उद्यम जो यूआरसी पर पंजीकृत नहीं हैं, उनको पंजीकृत कराते हुए लाभान्वित कराया जा रहा है। इसके लिए विभागीय पोर्टल  msme.up.gov.in  पर सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा के लिए पंजीकरण कराया जाता है। पंजीकरण होने के बाद उद्यमों को अपना पंजीकरण प्रमाण पत्र अपलोड करना होता है और अगर पंजीयन नहीं किया है तो योजना के दिए हुए लिंक पर क्लिक करते हुए यूआरसी पोर्टल पर पंजीकरण कराकर प्रमाण पत्र अपलोड किया जाता है। योजना का क्रियान्वयन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम व निर्यात प्रोत्साहन विभाग की ओर से किया जा रहा है।

आसान हो गई है एमएसएमई के लिए संचालित होने वाली उद्योग आधार योजना की आवेदन प्रक्रिया

योजना के तहत मिलने वाले लाभ को जानें

‘मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना‘ के तहत मिलने लाभ को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो निम्नवत् हैं:
1. दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर: रुपए 5 लाख
2. दुर्घटना के कारण स्थाई अपंगता पर: रुपए 5 लाख
3. दुर्घटना के कारण आंशिक स्थाई अपंगता पर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त विकलांगता प्रमाण पत्र में दर्ज की गई विकलांगता प्रतिशत के अनुसार।

इस योजना के तहत सभी प्रकार के उद्यम यानी कि प्रोपराइटरशिप, पार्टनरशिप व कंपनी आदि लाभ के पात्र हैं। प्रोपराइटर फर्म होने की स्थिति में फर्म का मालिक पार्टनरशिप फर्म में कोई एक साझेदार, कंपनी की स्थिति में मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीमा के पात्र होंगे। ऐसे उद्यमी जो वाणिज्य कर विभाग के द्वारा संचालित व्यापारी दुर्घटना बीमा या राज्य सरकार की किसी अन्य विभाग द्वारा संचालित किसी दुर्घटना बीमा का लाभ ले रहे हैं, उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा सेवा व उत्पादन से संबंधी सभी उद्यमों को, जो जीएसटी पोर्टल पर पंजीकृत हैं एवं व्यापारी दुर्घटना बीमा का लाभ ले रहे हैं, उनको अनिवार्य रूप से यूआरसी पोर्टल पर पंजीकृत कराया जाएगा। इस योजना के तहत दुर्घटना होने की दशा में पीड़ित परिवार के द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के बाद सभी प्रपत्रों की एक प्रति संबंधित जिले के उपायुक्त उद्योग को भेजी जाती है। प्रपत्रों को प्राप्त करने के बाद उपायुक्त स्थलीय निरीक्षण करवाते हैं। इसके बाद सात कार्य दिवसों के अंदर सभी संस्तुति पोर्टल पर अपलोड कर दी जाती है और सेटलमेंट की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

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योजना में आवेदन करने व लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया

‘मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा‘ योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उद्यमी द्वारा वास्तविक रूप से उत्पादन/सेवा क्षेत्र में कार्यरत होना चाहिए। इसकी पुष्टि करने के लिए उद्यमी द्वारा 10 रुपए के स्टाम्प पर निर्धारित प्रारूप में शपथ-पत्र अपलोड किया जाता है। इसके बाद उद्यमी द्वारा अपने आवेदन में नॉमिनी का पूर्ण विवरण भरा जाता है। अन्य प्रक्रिया निम्नवत् हैं:

-बीमा का लाभ उद्यमी को एक वर्ष के लिए प्राप्त होता है।
-उद्यमी के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूर्ण करते ही उसे पात्रता प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाता है।
-दुर्घटना होने की दशा में पोर्टल पर घटना के संबंध में दुर्घटना की तिथि, स्थान, दुर्घटना का विवरण व इस संबंध में पंजीकृत एफआईआर, चिकित्सक का प्रमाण पत्र, उद्यमी/नॉमिनी के बैंक खाते का विवरण, पोस्टमार्टम की कॉपी आदि के साथ आवेदन करने के बाद संबंधित उपायुक्त द्वारा सत्यापन, पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिसके बाद बीमा की धनराशि उद्यमी/नॉमिनी को ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध करा दी जाती है।
-पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमी की दुर्घटना होने की दशा में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उपायुक्त उद्योग से क्लेम धनराशि की संस्तुति प्राप्त होने के बाद निदेशालय स्तर से उद्यमी के नामित वारिस को बीमा धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) यानी कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से अधिक से अधिक एक माह के भीतर उपलब्ध करा दी जाती है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अलग से कोई बैंक खाता खोलने की आवश्यकता नहीं होती।

 

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