केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-2024 पेश किया। स्टार्टअप पर उन्होंने कहा भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जबकि इनोवेशन के मामले में मिडिल इनकम देशों में दूसरे स्थान पर है।
इनकम टैक्स के लाभ का फायदा अब वो स्टार्टअप भी उठा सकेंगे जिनका गठन 31 मार्च 2023 से 31 मार्च 2024 तक किया जाएगा। अगर किसी स्टार्टअप में शेयर होल्डिंग में बदलाव आता है तो ‘कैरी फॉरवर्ड ऑफ लॉस’ का फायदा अब कंपनी बनने के बाद सात साल तक की बजाय दस साल तक उठाया जा सकेगा।
वुडनस्ट्रीट के सह-संस्थापक दिनेश प्रताप सिंह ने कहा पूंजीगत लाभ टैक्सेशन को आसान बनाने और स्टार्टअप्स की शेयरधारिता में बदलाव के नुकसान को दस साल तक कर दिया गया है। देश आने वाले वर्ष में कई और स्टार्टअप का घर बन सकता है। कृषि त्वरक कोष की स्थापना के बारे में एक और महत्वपूर्ण घोषणा की गई है,कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करेगी। इसके अलावा, नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी लाने से स्टार्टअप्स और शिक्षाविदों द्वारा इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री द्वारा बजट 2023-2024 में स्टार्टअप्स के लिए कई सहायक नीतियों से परिचालन को काफी हद तक बढ़ाने और देश भर में स्टार्टअप इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रोज़मूर की डायरेक्टर रिधिमा कंसल ने कहा इस वर्ष के केंद्रीय बजट में स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए कई प्रोत्साहन हैं, जो देश में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली स्टार्टअप इकोसिस्टम के निर्माण के लिए भारत सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। स्टार्टअप्स के लिए आवंटित कुल फंड 1000 करोड़ के करीब रहा है। इसमें से 283 करोड़ सीड फंड में आवंटित किए गए हैं। यह पिछले बजट से उल्लेखनीय वृद्धि है, जब 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। सरकार ने भारत में एग्रीटेक स्टार्टअप्स को और समर्थन देने के लिए एक एग्रीटेक फंड भी शुरू किया है। एक नई डाटा गवर्नेंस पॉलिसी भी पेश की जाएगी जो अनाम डेटा का उपयोग करने के लिए एक संस्थागत ढांचा प्रदान करेगी। ये सभी प्रशंसनीय कदम हैं।
एडकाउंटी मीडिया के सह-संस्थापक और चीफ बिजनेस ऑफिसर डेल्फ़िन वर्गीज़ ने कहा केंद्रीय बजट 2023-24 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक विकास के लिए उद्यमिता और स्टार्टअप्स के महत्व को स्वीकार किया है। अपने बजट भाषण में उन्होंने उल्लेख किया कि भारत अब विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और दुनिया भर में मध्य-आय वाले देशों में इनोवेशन गुणवत्ता में हमारे स्टार्टअप दूसरे स्थान पर हैं। इस बजट में, उन्होंने स्टार्टअप्स को आयकर लाभ के लिए निगमन की तिथि 31.03.23 से बढ़ाकर 31.3.24 करने का प्रस्ताव रखा।
द फ्रेग्रेन्स पीपल के संस्थापक डॉ. दीपक जैन ने कहा सरकार ने देश में स्टार्टअप्स के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। स्टार्टअप इंडिया पहल स्टार्टअप के व्यापार चक्र के विभिन्न चरणों में पूंजी प्रदान करने के लिए स्टार्टअप्स (एफएफएस) योजना, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएस) के लिए फंड ऑफ फंड्स को लागू किया है। वित्त मंत्री ने दस साल की अवधि के लिए स्टार्टअप्स के घाटे को आगे बढ़ाने के लाभ का विस्तार करने का भी प्रस्ताव दिया।
निवेशकों ने 2022 में भारतीय स्टार्टअप्स में केवल 25 बिलियन डॉलर( 2500 करोड़ डॉलर) का निवेश किया है, जो कि 2021 में 1,500 से ज्यादा डील में जुटाए गए 42 बिलियन डॉलर(4200 करोड़ डॉलर) से 40 प्रतिशत की कमी है। यह कदम देश में बढ़ती उद्यमशीलता की भावना के लिए उल्लेखनीय है।
एग्री-स्टार्टअप
देश में सबसे ज्यादा आबादी को रोजगार देने वाले कृषि क्षेत्र में भी अब स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार एक एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाएगी। इसे कृषि वर्धक निधि नाम दिया गया है। अगर कोई युवा उद्यमी ग्रामीण इलाकों में एग्री-स्टार्टअप खोलना चाहेगा, तो ये फंड उनकी मदद करेगा। इससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इस फंड से उन उद्यमियों को मदद पहुंचाई जाएगी, जो किसानों को पेश आ रही दिक्कतों के लिए इनोवेटिव सॉल्युशन लेकर आएंगे। इतना ही नहीं इससे ग्रामीण इलाकों में प्रोडक्टिविटी और प्रॉफिट बढ़ाने वाली नई टेक्नोलॉजी भी विकसित होंगी।
लीड्स कनेक्ट सर्विसेज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नवनीत रविकर ने कहा बजट एग्रीटेक क्षेत्र के विकास में प्रमुख है। तकनीक-संचालित और ज्ञान-आधारित पथ पर जोर देने के साथ, बजट स्टार्टअप्स को एक मजबूती प्रदान करेगा। टेक्नॉलोजी पर ध्यान देने, ड्रोन, स्पेसटेक और मोबाइल इंटरफेस का उपयोग करके फसल उपज के अनुमान और नुकसान के आकलन पर अपने काम को आगे बढ़ाने की ताकत देता है। एक त्वरक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से फंड का आवंटन एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी भूमिका निभाता है। यह फंड युवा उद्यमियों को ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत जरूरी इनोवेशन लाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करता है। इस बीच, मेक एआई इन इंडिया और मेक एआई वर्क फॉर इंडिया केंद्र अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए उधार देंगे जो कृषि प्रथाओं, दक्षता और मापनीयता में सुधार करेगा।