व्यवसाय विचार

हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रीन कॉरिडोर के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Dec 11, 2024 - 2 min read
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राज्य सरकार ने हिमाचल को 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए हिमाचल को ई-वाहनों का मॉडल राज्य बनाने पर काम हो रहा है। यह पहल कार्बन उत्सर्जन को कम करने और भावी पीढ़ियों के लिए सतत पर्यावरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में पांच चयनित ग्रीन कॉरिडोरों की सुविधाओं को उन्नत करने के लिए दो कंपनियों के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है । यह जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई। परिवहन विभाग के निदेशक डी.सी. नेगी ने राज्य सरकार की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि ईवीआई टेक्नोलॉजी के राहुल सोनी और जियो-बीपी के अविनाश शर्मा ने अपनी कंपनियों का प्रतिनिधित्व किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि निविदा समझौते के तहत जियो-बीपी मंडी-जोगिंदरनगर-पठानकोट और कीरतपुर-मनाली-केलांग कॉरिडोर विकसित करेगी, जबकि ईवीआई टेक्नोलॉजी परवाणू-ऊना-संसारपुर-टेरेस-नूरपुर और परवाणू-शिमला-रिकांगपिओ-लोसार कॉरिडोर का काम एक वर्ष के भीतर पूरा करेगी। इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रोवेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा हरित कॉरिडोर पर काम करेगी। इस परियोजना के तहत इन कॉरिडोरों पर 41 रणनीतिक स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन, मार्गीय सुविधाएं और सुपरमार्केट स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन स्थानों पर ई-बसों, ई-ट्रकों और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, सार्वजनिक सुविधाओं जैसे शौचालय और रेस्तरां भी बनाए जाएंगे। कंपनियां इसके लिए राज्य सरकार को हर साल 75 लाख रुपये का लीज़ धनराशि देंगी।

सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार ने हिमाचल को 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए हिमाचल को ई-वाहनों का मॉडल राज्य बनाने पर काम हो रहा है। यह पहल कार्बन उत्सर्जन को कम करने और भावी पीढ़ियों के लिए सतत पर्यावरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर दृढ़ है और 350 ई-बसों की खरीद की योजना बना रही है। उन्होंने बताया कि राज्य परिवहन विभाग देश का पहला विभाग बन गया है जिसने पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन बेड़े का संचालन किया है। हरित कॉरिडोरों की स्थापना से निजी वाहन मालिकों को भी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

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