व्यवसाय विचार

“हम आने वाले 12 महीनों में 50 सेंटरों को प्राप्त करने की योजना बना रहें हैं“, जयंत कुमार रॉय

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jun 20, 2019 - 5 min read
“हम आने वाले 12 महीनों में 50 सेंटरों को प्राप्त करने की योजना बना रहें हैं“, जयंत कुमार रॉय image
जयंत कुमार रॉय, सीओओ, दि ब्रिटिश इंस्टीट्यूट्स एजुकेशनबिज़ से बात करते हुए।

स्पोकन इंग्लिश क्षेत्र में एक ही ऐसा ब्रांड है जिसके पास 82 सालों का अनुभव है और 25 सालों का फ्रेंचाइज़िंग अनुभव है। इनकी सबसे पुरानी फ्रेंचाइज़ 25 साल पुरानी है जोकि भारत में आम बात नहीं है। दि ब्रिटिश इंस्टीट्यूट योजना बना रहा है कि वे पूरे भारत वर्ष और पड़ोसी देशों में 200 सैंटरों को आने वाले 5 वर्षों में प्राप्त करने का और वे इस कदम से इन क्षेत्रों में वे कम से कम 10 मिलियन और छात्रों तक पहुंचना चाहते है।

ऐसा क्या है जो आपको अन्य दावेदारों से अलग बनाता हैं?

यह भारत में एकमात्र ऐसा ब्रांड है जोकि 3 प्रोडक्ट लाइन को एक ही छत के नीचे प्रदान करता हैं, वे हैं भाषा ट्रेनिंग/प्रशिक्षण, कंप्यूटर एजुकेशन और सरकारी नौकरियों की परीक्षा तैयारी के कोर्स। यह भारत का एकमात्र ऐसा ब्रांड है जिसके पास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस कंटेट है और सीईएफआर आधारित अस्सेसमेंट, भारत में 1935 से ब्रिटिश काउंसिल एप्टिस फॉर स्पोकन इंग्लिश क्लासिस आयोजित कर रहा है।

आपको फ्रेंचाइजिं़ग की ओर क्या आकर्षित करता है?

कोलकाता में बैठकर हम  स्थानीय/क्षेत्रीय स्तर के छात्रों की शिक्षा की आवश्यकता को नहीं समझ सकते हैं और हमें इसके लिए बिजनेस पार्टनर्स की आवश्यकता है जो न केवल कंपनी के विकास के लिए एक पार्टनर के तौर पर कार्य करें बल्कि वे स्थानीय आवश्यकताओं को समझे और उसके अनुसार वे छात्रों के कौशल विकास की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करें।

आप आने वाले 12 महीनें में कितनी फ्रेंचाइज़ यूनिट की योजना बना रहें है?

स्थानीय सेंटरों और छात्रों से प्राप्त होते भारी प्रतिक्रिया के बाद हम तेजी से अपना विस्तार करने जा रहें हैं। हम आने वाले 12 महीनों में 50 सेंटरों को प्राप्त करने की योजना बना रहें है।

आपका व्यवसायिक दृष्टिकोण क्या है और आप उसे आने वाले पांच वर्षों में कैसे प्राप्त करने की योजना बना रहें है?

हमारा व्यवसायिक दृष्टिकोण है भारत के हर हिस्से तक अपनी पहुंच को बनाना जिसमें हमारें पड़ोसी देश भी शामिल हैं और हम इसे मात्रा या वित्तीय आंकड़ों से निर्धारित नहीं करना चाहते है मगर हां, हम आने वाले पांच सालों में भारत के हर एक शहर में उपस्थित होना चाहते है और निश्चित रूप से व्यवसाय उसी के अनुसार होगा। हालांकि हमारें लिए एक संस्थान के तौर पर अपने व्यवसाय की मात्रा की तुलना में भारत की कौशलता विकास की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विकास करना ज्यादा आवश्यक है।

स्किल ट्रेनिंग के क्षेत्र में फ्रेंचाइज़िंग व्यवसाय को बढ़ाने के लिए आपका ब्रांड कैसा है?

हमारें सभी कोर्स केवल कौशलता विकास के लिए ही है फिर चाहे वह भाषा का कौशलता विकास हो या कंप्यूटर एजुकेशन का जोकि आईटी कौशलता ट्रेंनंग है। हम सीईएफआर पर आधारित असेस्मेंट का उपयोग कर रहें है, ब्रिटिश काउंसिल एप्टिस जो छात्रों स्पोकन इंग्लिश हमारें पास पढ़ रहें है उनका मूल्यांकन करने के लिए जोकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है और हमारी अधिकतर फ्रेंचाइज़ी बनने के लिए हमारें पास जो पूछताछ आ रही है वह केवल इंग्लिश लैन्गुएज स्किल ट्रेनिंग के लिए एकमात्र विकल्प के रूप में आ रही हैं।

क्यों स्किल ट्रेनिंग का सेग्मेंट निवेशकों में इतना लोकप्रिय है?

भारत एक बड़ी बीमारी से ग्रसित है जिसका नाम बेरोजगारी है और स्किल ट्रेनिंग इस समस्या का एकमात्र समाधान है। चाहे आप स्किल्ड, सेमी-स्किल्ड या अन-स्किल्ड हैं, स्किल ट्रेनिंग महत्वपूर्ण है और यहीं कारण है कि सरकारी निकाय भी इसके लिए इतना सक्रिय है। भारत सरकार जिसमें राज्य सरकारें भी शामिल हैं स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान केन्द्रित कर रही है इसलिए स्किल ट्रेनिंग अपने आप ही एक इंडस्ट्री बन जाती है जोकि अब सभी निवेशकों को दीर्घकालिक लाभ प्राप्त करने के लिए और सम्मानजनक व्यवसाय को अपनाने के लिए आकर्षित करती है।

कौशल क्षेत्र में महत्वपूर्ण दिग्गजों में से एक होने पर आप कैसे स्किल डेवलपमेंट क्रांति के लिए जिम्मेदारी उठा रहे है?

हम भारत की सबसे पुरानी कंपनियों में से एक है और हम 1935 से स्किल डेवलपमेंट क्षेत्र में काम कर रहें है और हम लगातार अपने प्रोडक्ट की स्किल निपुणता का विकास कर रहें है जैसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस कंटेंट और सीईएफआर आधारित असेस्मेंट, ब्रिटिश काउंसिल एपटिस इन इंग्लिश लैन्गुएज ट्रेनिंग के जरिए। अकाउंट्स मैनेजर कोर्स जोकि फाइनैंशियल अकांउटिंग (टैली) के साथ ई-फिलिंग और जीएसटी ट्रेनिंग प्रदान करता है जो एक सामान्य ग्रेजुएट उम्मीदवार की कौशलता को बढ़ाता है ताकि वह या तो स्वनियोजित यानी सैल्फ-इम्प्लॉयड बनकर अकाउंटिंग कंसलटंट बन सकता है साथ ही वह भारत में अकाउंटेंट की नौकरी भी कर सकता है। हम इस कौशलता क्षेत्र में है और हम सामने रहकर इसका नेतृत्व कर रहें ताकि भारतीय छात्रों के करियर को आकार दिया जा सकें।

पिछले एक साल में आपने किन इनोवेशनों को प्रस्तुत किया हैं?

हमने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस कंटेंट के साथ ब्रिटिश काउंसिल फॉर एप्टिस को जोड़ा है जोकि सीईएफआर आधारित स्पोकन इंग्लिश स्किल डेवलपमेंट सेग्मेंट में असेस्मेंट है। हमने जर्मन, फ्रेंच, स्पैनिश, रूसी और चाइनीज़ भाषाओं के साथ सभी भाषाओं की ट्रेनिंग के लिए समग्र सीखने के दृष्टिकोण को जोड़ा है। पैन इंडिया के एक संस्थान में छह भाषाओं के लैंगुएज ट्रेनर उपलब्ध कराकर हम इस क्षेत्र में सबसे बड़े खिलाड़ी बन गए है।

स्किल ट्रेनिंग सेग्मेंट में अगला अवसर कहां पर है और आप उसे प्राप्त करने के लिए कैसे योजना बना रहें है?

अगला अवसर है लैन्गुएज ट्रेनिंग के लिए सीएलआईएल (कंटेंट एंड लैन्गुएज इंटीग्रीटिड लर्निंग) को जांचना। जिसके लिए मेरी टीम कंप्यूटर शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटैलिजेंसी कोर्स के साथ काम कर रही है।

आप कैसे इंस्टीट्यूट को भविष्य के तैयार कर रहें है?

हमने पहले से ही शिक्षण प्रशिक्षण को अपनाया है जोकि एक अनोखा लैन्गुएज ट्रेनिंग है। यह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस कंटेंट और सीईएफआर आधारित असेस्मेंट, ब्रिटिश काउंसिल एप्टिस की मदद से बना है और यह भारत के छात्रों के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कम्युनिकेश्ज्ञन विकास की ओर बढ़ रहा है। अब जल्द ही इसमें ओरेकल यूनिवर्सिटी से ओरेकल आधारित इंटरनेशनल स्तर के कोर्सों से नए अवसरों जुड़ने वाले है। इस विषय में हम ओरेकल यूनिवर्सिटी से अभी बातचीत कर रहें हैं और अभी इसका अंतिम निर्णय नहीं आया है। इसलिए दि ब्रिटिश इंस्टीटयूट भारत में सभी कैरियर उम्मीदवारों के लिए भाषा और कंप्यूटर स्किल ट्रेनिंग आवश्यकताओं के लिए संपर्क का एकमात्र बिंदु है।

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