व्यवसाय विचार

'रिंग द बेल’ कार्यक्रम का उद्देश्य लैंगिक समानता को आगे बढ़ाना: फर्ग्यूसन

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Mar 06, 2023 - 2 min read
'रिंग द बेल’ कार्यक्रम का उद्देश्य लैंगिक समानता  को आगे बढ़ाना: फर्ग्यूसन image
बीएसई और यूएन विमन इंडिया "रिंग द बेल फॉर जेंडर इक्वेलिटी" के माध्यम से महिलाओं को वित्त से जुड़े मामलों में सशक्त बनाना चाहती है।

भारत में बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और यूएन विमन इंडिया के सहयोग से "रिंग द बेल फॉर जेंडर इक्वेलिटी" समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के दौरान व्यापार अधिकारियों, नीति निर्माताओं और संयुक्त राष्ट्र महिलाओं ने निवेश में तेजी लाने का आह्वान किया।

इस समारोह की पहल यूएन विमन इंडिया, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम, सस्टेनेबल स्टॉक एक्सचेंज इनिशिएटिव, यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट और वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंजों के माध्यम से की गई है।  इस समारोह का यह नौवां वर्ष हैं।

बीएसई के एमडी और सीईओ सुंदररमन राममूर्ति और यूएन विमन इंडिया की कंट्री रेप्रेसेंटेटिव सुज़ैन फर्ग्यूसन ने "रिंग द बेल फॉर जेंडर इक्वेलिटी" के लिए घंटी बजाई।

यूएन विमन इंडिया की कंट्री रेप्रेसेंटेटिव सुज़ैन फर्ग्यूसन ने कहा हमारा घंटी बजने वाला कार्यक्रम जेंडर इक्वेलिटी को आगे बढ़ाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

समारोह में आए वक्ताओं ने कहा महिलाओं को अपनी नेतृत्व क्षमता हासिल करने के लिए पूंजी, संपत्ति और मदद तक पहुंच बढ़ाने की जरूरत है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) को प्राप्त करने में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने की जरूरत है।

राममूर्ति ने विविधता और समानता पर यूएन वुमन इंडिया के सहयोगात्मक प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में महिलाओं के प्रमुख योगदान और विभिन्न पहलुओं को देखने की उनकी क्षमता की सराहना भी की।

राममूर्ति ने अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने और समाज के वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न कोणों  जैसे आयु, जनसांख्यिकी, लिंग, भौगोलिक अन्य चीजों को देखने के लिए कॉर्पोरेट्स की आवश्यकता पर बल दिया। उच्च-स्तरीय बैठक के बाद एक "फिन एम्पॉवर " नामक प्रोग्राम को लॉन्च किया गाया। इसका उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा देना और उन्हे सशक्त बनाना हैं।

भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने कहा मूल्य श्रृंखला के सभी पहलुओं में महिलाओं के लिए एक सक्षम वातावरण की आवश्यकता है। यदि हम जीवन के सभी क्षेत्रों में जेंडर इक्वेलिटी प्राप्त करना चाहते हैं तो महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। शार्प ने कहा समावेशी विकास और आर्थिक सुधार के लिए महिला उद्यमियों की वित्त तक पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा।

भारत में वर्तमान में कुल 340  द वुमन एम्पावरमेंट प्रिंसिपल (डब्लयूईपीएस) हस्ताक्षरकर्ता हैं। ‘वी एम्पावर एशिया प्रोग्राम’ लॉन्च होने के एक महीने बाद अप्रैल 2019 में 54 हस्ताक्षरकर्ताओं की तुलना में डब्लयूईपीएस पर हस्ताक्षर करने में कॉर्पोरेट क्षेत्र की रुचि लगभग छह गुना बढ़ गई है।  

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