शिक्षा इंडस्ट्री बहुत से ट्रेंड का स्वागत कर रही है जो शिक्षा इंडस्ट्री में बदलाव ला रही है। इन्हीं में से कई ऐसे प्रोग्राम हैं जो छात्रों के विभिन्न पाठ्यक्रमों को लेने, बढ़ावा देने और प्रेरित करने के लिए है। अब ये प्रोग्राम अपना विस्तार करते हुए उच्च स्तर जैसे कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर पहुंचकर अपनी उपस्थिति को शिक्षा इंडस्ट्री में दर्ज कर रहे है। हाल ही में, आईआईटी खड़गपुर ने 'अकादमी ऑफ लीडरशिप' स्थापित करने की घोषणा की है जिसे नए प्रोग्रामों को विकसित करने के लिए किया जा रहा है। यह विज्ञान और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम को दर्शनशास्त्र और लिबरल आर्ट से जोड़ने जा रहा है।
ज्ञान प्राप्ति के अवसर को बढ़ाना
आईआईटी खड़गपुर अलग-अलग पाठ्यक्रमों को जोड़कर उससे श्रेष्ठ परिणाम लाने का प्रयोग कर रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह इंजीनियर की कुशलता और ज्ञान में वृद्धि करेगा। साथ ही यह मनोबल को बढ़ाने के तौर पर भी उभर कर आएगा। आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर पीपी चक्रबर्ती ने बताया, 'यह अकादमी न सिर्फ वैज्ञानिक और तकनीकी ट्रेनिंग पर आधारित होगी बल्कि प्राचीन दर्शन शास्त्र की सीख व तर्क इंजीनियरिंग और मानवता की बीती सफलता और विफलता को भी योजनाबद्ध करेगी।'
युवाओं को करता है पोषित
ऐसा माना जाता है कि इस तरह के प्रोग्राम छात्रों को नई कुशलताओं का वर्ग देता है जो उनके करियर में बहुत ही लाभकारी साबित होता है। इसके महत्व को समझते हुए आईआईटी खड़गपुर ने 'अकादमी ऑफ लीडरशिप' को स्वीकार करते हुए इसे शुरू किया है। यह उनके छात्रों को प्रशिक्षित करेगा और उनका विकास अकादमी और गैर अकादमी दोनों स्तर पर करेगा। उन्होंने यह उम्मीद जताई है कि ये पहल आईआईटी खड़गपुर के छात्रों को रचनात्मक ढंग से समस्या को तेजी से हल करने और प्रेरक नेताओं के तौर पर उनके प्रोफेशनल करियर और समुदायों दोनों पर ही असर दिखाएगा।
जीवंत प्रतिष्ठा बनाना
कोई भी संगठन अपने छात्र द्वारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गहरा प्रभाव डालने की बात सुनना पसंद करेगा। आईआईटी खड़गपुर उन्हीं इंस्टीट्यूटों में से एक है। चक्रबर्ती ने कहा, 'इस अकादमी के अंतर्गत ऐसे प्रोग्रामों को चलाया जाएगा जिसमें व्यक्तिगत और संगठन में लीडरशीप यानी नेतृत्व की विशेषता को पोषित किया जाएगा। ये जीवन के विभिन्न क्षेत्रों और पड़ावों के मार्गदर्शकों द्वारा उनके दृष्टिकोण को बताएगा जो वैश्विक छवि के साथ इस पहल को जीवंत स्वावलंबी बनाएगा।'