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- 'ऑपरेशन रीच' प्रोग्राम करेगा छोटे शहरों में हमारे डिस्ट्रीब्यूशन का विस्तार: जॉन बेबी, सीईओ, फनस्कूल
फनस्कूल भारत के खिलौने बनाने वाली कंपनियों में से एक बड़ी कंपनी है जिसे एमआरएफ ग्रुप द्वारा प्रमोट किया गया है। भारत में खिलौने के बाजार के सुनहरे भविष्य को देखते हुए फनस्कूल (भारत) लिमिटेड के सीईओ जॉन बेबी अपने आने वाले अच्छे समय के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
उन्होंने कहा, 'हाई मॉल का किराया एक बाधा है लेकिन हम हमेशा अवसरों की तलाश में रहते हैं।'
इस इंडस्ट्री की चुनौतियों के बारे में वे क्या कहते हैं और वे अब फनस्कूल को कहां लेकर जाना चाहते हैं जैसे प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कुछ बातें साझा की है।
ट्रेंड के साथ विकसित करना
देश भर में 16 वेयरहाउस, 6 क्षेत्रीय ऑफिसों, मार्केटिंग और सेल्स संगठन के 85 पर्सनल और 5000 से भी अधिक रिटेल पॉइंट पर नेटवर्क का इंफ्रास्ट्रकचर के साथ फनस्कूल ने बाजार में महतवपूर्ण बढ़त बनाई है।
बेबी ने कहा, 'प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड डिजाइन के प्रोफेशनल समर्पित होकर नए खिलौनों की अवधारणा का विकास करने में काम कर रहे हैं जो नवीनता द्वारा संचालित उद्योग में एक महत्वपूर्ण लाभ है। हमारे बहुत से लाइसेंस टाई-अप हैं। कुछ संगठन के नाम हैं- वॉल्ट डिजनी, वार्न ब्रादर्स, निकलोडियन और अन्य बहुत से और हम भारत के बाजार के लिए हस्ब्रो, टकारा टॉमी, रेवेन्सबर्गर, जंबो, यूनिवर्सिटी गेम्स और अन्य बहुतों के साथ लाइसेंस व्यवस्था के तहत प्रोडक्ट का भी निर्माण करते हैं। हम प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खिलौनो की कंपनियों/ब्रांड जैसे टकारा टॉमी, लीपफ्रॉग, क्रेयोला सिकू, रेवेन्सबर्गर, स्लेइच, रूबिक, प्लेमोबिल, K’NEX, एंजीनो, मेकेनो आदि जैसे ब्रांडों के साथ विशेष वितरण व्यवस्था के तहत उत्पादों का डिस्ट्रीब्यूशन भी करते हैं।'
एक बड़ी बाधा
बेबी कहते है, 'शैल्फ में जगह का संकुचित होते जाना वह भी बहुत अधिक किराए के कारण एक बड़ी चुनौती है। दुनियाभर में खिलौने की इंडस्ट्री बहुत ही बड़ी है लेकिन यह केवल भारत में ही विकसित हो रही है। लेकिन कई बड़े रिटेलर को खिलौनों को जगह देने पर अक्सर इससे रिर्टन अन्य विकसित श्रेणियों की तुलना में कम मिलता है और इसलिए वे खिलौनों के लिए स्पेस को संकरा कर देते हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'सत्य यह है कि बहुत ही कम प्रतिशत में युवा माता-पिता हैं जिन्हें उनके बचपन में ब्रांडेड खिलौनों को जानने का अवसर दिया गया हो यह भी एक कारण है जो बाधा पैदा करता है। हालांकि, चीजें बहुत ही तेजी से बदल रही हैं और हमें विश्वास है कि भविष्य में कई सालों तक इसका विकास दोहरे अंकों में दर्ज किया जाएगा।'
विकास योजनाएं
बेबी ने अपनी विकास योजना को विस्तार में बताया,' हमने निर्यात और घरेलू बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपना तीसरा मैन्युैक्चर प्लांट को पूरा कर लिया है। हमारा लक्ष्य है कि पिछले कुछ सालों से अपने ब्रांड को बनाने में जो विकास हासिल हुआ है उसे बनाएं रखने में और साथ ही साथ हम इंटरनेशनल ब्रांड्स के डिस्ट्रीब्यूशन पर भी ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। हमारे रिटेल के प्रारंभिक प्रयत्न से अच्छे परिणाम मिले है और हम फनस्कूल स्टोर के नेटवर्क का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। हमने एक महत्वपूर्ण प्रोग्राम को लॉन्च किया है जिसे हम 'ऑपरेशन रीच' कहते हैं। इसके माध्यम से अपने डिस्ट्रीब्यूशन का विस्तार छोटे शहरों में करना जहां पर ज्यादातर ब्रांडेड खिलोनों की कंपनियां काम नहीं करती हैं।'
उन्होनें यह भी कहा, 'अभी फिलहाल भारत में फनस्कूल स्टोर के नेटवर्क का विस्तार करने में ध्यान केंद्रित है। हम भविष्य में कभी न कभी विदेशी बाजारों में भी अपने स्टोर के नेटवर्क का विस्तार बढाएंगे।'
भारत में खिलौनों का बाजार
बेबी के अनुसार भारत में खिलौने के बाजार में यह दृष्टिकोण है कि वर्तमान में यह बाजार विश्व बाजार का एक हिस्सा है मगर सभी बड़े दिग्गज भारत के बाजार को अपना रास्ता बना रहे हैं और घरेलू कारोबारी मार्केटिंग में निवेश के लिए तैयार हैं जो आने वाले कई सालों तक बाजार के विकास लगातार बनाएं रखेगा।