60-70 प्रतिशत वैश्विक दिग्गजों में से केवल 10-20 प्रतिशत भारतीय जीडीपी में योगदान कर रहे हैं। इसे प्रारंभिक कदम की विफलता के तौर पर लिया जा सकता है।
फ्रैंचाइज़ इंडिया द्वारा आयोजित अपॉर्च्युनिटी इंडिया सम्मीट के सत्र में एर्नस्ट एंड यंग के डायरेक्टर अनुराग महाजन सवाल करते हैं, 'एफएमसीजी बाजार में बहुत सी मांगे हैं, कौन से ऐसे प्रोडक्ट हैं जो आगे बढ़ रहे हैं?'
हजार तरीके
बैग्गरेयस इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर आदित्य बागरी ने कहा, 'आजकल लोग अपनी सुविधा देखते हैं। साथ ही एफएमसीजी के विकास को बढ़ाने वाली मांग के साथ बहुत से दिखावे हो रहे है।' अब इसका धारणा से कोई संबंध नहीं है लेकिन ब्रांड को अपने नाम और काम के साथ मेल खाना है। दि मैन कंपनी के फाउंडर एंड एमडी हितेश ढींगरा ने इसे माना है और कहा, 'डिस्पोसेबल आय के कारण लोगों के व्यवहार में बदलाव आया है और अब वे क्वॉलिटी पर समझौता करने के इच्छुक नहीं है।'
गलत धारणाओं को रोकना
आजकल बहुत से नए उद्यमी बाजार में आ रहे हैं लेकिन एक बड़ी परेशानी है 'सामान्य गलत धारणा'। हम मानते हैं कि ग्लोबल ट्रेंड भारत में भी काम कर सकते है और ये एक गलत धारण है। जरूरी नहीं कि जो इंटरनेशनल बाजार में बहुत अच्छे से काम कर रहा है वह भारत में भी अच्छा ही काम करे। किसी भी सेट अप के लिए अनुकूलन और परिवर्तन जरूरी है।
हालांकि ये भी सही है कि समय बदल गया है और और अब नई उम्र के ग्राहक अलग चीजें देख रहे हैं। लोग अब इतने परिपक्व हो गए हैं कि उन्हें पता है कि क्या सही है और क्या नहीं। अब उन्होंने सवाल भी करना शुरू कर दिया है। ढींगरा ने कहा है, 'प्रमुख शहरीकरण बहुत सी डिसपोसेबल आय को लेकर हो रहा है। ग्राहक के व्यवहार में डिस्पोसेबल आय के कारण बदलाव आ गया है और अब वे क्वालिटी में समझौता करने के इच्छुक नहीं हैं।'
प्रोडक्ट रेंज में पारदर्शिता
आज के ग्राहक अलग-अलग चीजें देख रहे हैं। जो ब्रांड 25 साल की उम्र के व्यक्ति की मानसिकता में प्रवेश करने में कामयाब हो जाता है दरअसल वे उनके साथ भावनात्मक संबंध बनाने में भी कामयाब हो जाते है।
सिम्बा बियर के फाउंडर एंड सीईओ प्रभतेज सिंह भाटिया ने कहा 'आपको न सिर्फ ब्रांड से जुड़ने की जरूरत है बल्कि अपने प्रोडक्ट के प्रति पारदर्शिता को भी अपनाने आवश्यकता होती है। भारत बाज़ार बहुत बड़ा है और इसमें बहुत से प्रोडक्ट श्रृंखला की जरूरत है।' इसलिए आसानी से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आज के समय में आपके प्रोडक्ट में पारदर्शिता होनी चाहिए और लोकप्रिय होने के लिए ग्राहक बेस से जुड़ाव होने में सक्षम होना चाहिए।
आज की मार्केटिंग
दूसरी चीज जिससे समाना करना पड़ेगा वह है मार्केटिंग। अब लोग बहुत ही प्रो-डिजिटल हो गए हैं। कोट्टारम ऐगरो फूड्स (सोलफुल) के एमडी एंड सीईओ प्रशांत परमेश्वरन और आदित्य बागरी दोनों ही मानते हैं कि डिजिटल मार्केटिंग इंफलेशन के उस स्तर पर पहुंच गया है जहां से अब वह स्वतंत्र रूप से कहानी पोस्ट कर सकता है। पहले इसके बारे में सोचना भी असंभव था।
बागरी कहते है, 'हम ग्राहकों से मिले फीडबैक पर आधारित बहुत से प्रोडक्ट तैयार करते हैं। एक उद्यमी होने के नाते आपको अपनी कमजोरी और ताकत दोनो का पता होना चाहिए।'