बॉलीवुड के दिग्गज सितारा अमिताभ बच्चन ने अपनी दशकों का अभिनय-जीवन कैमरा के सामने बिताया है - सिर्फ फिल्मों के लिए ही नहीं, बल्कि विज्ञापनों के लिए भी।
अमिताभ बच्चन अपने आप में एक ब्रांड हैं। इसीलिए जब भी कोई फ्रैंचाइज़ी उत्पाद ब्रांड उनके साथ जुड़ता है, तब वह कंपनी आर्थिक और भौगोलिक रूप से विकसित ही नहीं होती है, बल्कि मुनाफा भी कमाती है। ये है ताकत मार्केटिंग और विज्ञापन की।
मार्केटिंग और विज्ञापन अपने लक्ष्य-समूह तक पहुँचने और बाजार में ब्रांड के तौर पर स्थापित होने के कामयाब औजार हैं।
प्रिंट माध्यम 41.2 प्रतिशत के साथ कुल विज्ञापन राजस्व में प्रमुख योगदान देता है, जबकि टीवी का हिस्सा है 38.2 प्रतिशत और डिजिटल का 11 प्रतिशत है। आउटडोर, रेडियो और सिनेमा मिल कर बाकी 10 प्रतिशत बनाते हैं।
भारत का डिजिटल विज्ञापन बाजार 33 प्रतिशत संयुक्त वार्षिक विकास दर से 2020 तक रु. 25,500 करोड़ (US$ 3.8 बिलियन) का निशाना पार कर लेगा।
कुल विज्ञापन राजस्व में इंटरनेट की भागीदारी 2013 के 8 प्रतिशत से दोगुना होकर 2018 में 16 प्रतिशत तक पहुंचना अनुमानित है। ऑनलाइन विज्ञापन जो 2013 में रु.2,900 करोड़ (US$435 मिलियन) अनुमानित है, 5 वर्ष में 28 प्रतिशत के दर से तिहरा होकर रु. 10,000 करोड़ US$1.5 बिलियन) तक पहुंचेगा, ऐसा अनुमानित है।
जब एक कलाकार, जिसे लोग फिल्मों में देखते हैं और उसके किरदार के साथ भावनिक रूप से बंध जाते हैं, के साथ कोई फ्रैंचाइज़ी कंपनी हाथ मिलती है, तो वह उस कंपनी के लिए लाभदायक होता है।
अमिताभ बच्चन के 75 वें जन्मदिवस पर आईए, ऐसे 10 फ्रैंचाइज़ी उत्पादों पर नजर डालते हैं जिनका उन्होंने समर्थन किया है:
फस्र्टक्राय डॉट कॉम -
उनकी पोती आराध्या के जन्म के बाद उन्होंने फस्र्टक्राय डॉट कॉम का समर्थन किया। ऐसे विज्ञापन ग्राहकों को कलाकार और उत्पाद, दोनों के साथ एक व्यक्तिगत बंध बनाने की ओर ले जाते हैं।
कल्याण जूलर्स:
कोई भी अवसर आभूषणों के बिना फीका है। जब ग्राहक, कलाकार को ऐसे उत्पाद खरीदते हुए देखते हैं तब उनके मनमें सचमुच ऐसा भाव निर्माण होता है।
डाबर:
जब ग्रामीण या अर्द्ध-शहरी ग्राहक एक लोकप्रिय कलाकार को किसी उत्पाद का समर्थन करते देखते हैं, तब उन्हें लगता है कि उत्पाद प्रमाणित है और उनके लिए बनाया गया है।
इमामी:
बाजार में त्वचा की देखभाल करने वाले कई उत्पाद हैं, लेकिन जब अमिताभ बच्चन 75 की आयु में कोई त्वचा देखभाल का उत्पाद इस्तेमाल करते हैं, तब उससे ये साबित होता है कि वह उत्पाद किसी भी उम्र का व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है। इससे कंपनी को वह उत्पाद शेल्फ से बेचने में मदद मिलती है।
पार्कर पेन:
केबीसी में अमिताभ के संमोहन के अलावा दूसरी कोई आकर्षक चीज़ थी, तो वह थी चेक पर उनके दस्तखत, जिसे मार्केटिंग कंपनी ने बड़ी खूबसूरती से शो में पिरोया था। मार्केटिंग और विज्ञापन को ऐसी जगहों का ख्याल रखना पड़ता है, जहां वे ज़ाहिर ना होते हुए अपने उत्पाद को आकर्षण का केंद्र बना सकें।
आईसीआईसीआई बैंक:
विज्ञापन सिर्फ ग्राहक के साथ व्यक्तिगत बंध बनाना नहीं है, बल्कि उन्हें उत्पाद के बारे में आगाह करने और उसके लाभ से अवगत कराने का भी होता है।
मैगी:
मैगी प्रतिबन्ध के विवाद के कारण बाजार में कई अन्य उत्पादों को उछाल मिल गया था। ऐसे में, अगर मार्केटिंग और विज्ञापन को सही तरह से नहीं किया जाता, तो मैगी की वापसी से कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता।
लक्स इनर वियर:
जब से अमिताभ बच्चन ने इसका समर्थन किया है, ख़ास कर ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव हुआ है।
नवरत्न तेल:
बाजार में क्या कारगर साबित हो रहा है या किस उत्पाद के लिए मांग है, ये देख कर विज्ञापन में उसका मूल्य बढ़ाना ये एक ऐसा गुण है, जिसे विज्ञापनकर्ताओं ने हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
कैडबरी:
उहोंने उत्पाद की टैग लाइन 'कुछ मीठा हो जाए' को घरेलू मुहावरा बना दिया। किसी उत्पाद की लोप्रियता कैसे बढ़ाई जाए, इसका ये एक आदर्श उदहारण है।
इन उत्पादों और उनके विज्ञापनों ने दिखा दिया कि, कैसे किसी ब्रांड के नाम के साथ किसी सेलिब्रिटी को जोड़ने से ब्रांड नेम के मूल्य में वृद्धि होती है और उसकी पहुँच बढ़ती है।