व्यवसाय विचार

2018 की दूसरी तिमाही में भारत में हुए एम एंड ए सौदों का विश्लेषण करती ईवॉय की रिपोर्ट का प्रकाशन

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Sep 07, 2018 - 2 min read
2018 की दूसरी तिमाही में भारत में हुए एम एंड ए सौदों का विश्लेषण करती ईवॉय की रिपोर्ट का प्रकाशन image
वालमार्ट इंक. द्वारा फ्लिपकार्ट का $16 बिलियन में अधिग्रहण, इस तिमाही में सबसे बड़ा सौदा रहा।

ईवॉय  के 30वें ट्रांज़ैक्शन क्वार्टर्ली के अनुसार 2018 में भारत में विलयन और अधिग्रहण सौदों ने व्यवहार की मात्रा और व्यवहार जारी की गई रकम, दोनों में अप्रत्याशित छलांग लगाईं है। जहां व्यवहारों की संख्या 19% के दर से बढ़ कर 273 हुई है। वहीं व्यवहार-मूल्य 2017 की दूसरी तिमाही के मुकाबले $5.1 से 6.8 गुना बढ़ कर $34.8 बिलियन हुआ है। वालमार्ट इंक. द्वारा फ्लिपकार्ट का $16 बिलियन में अधिग्रहण, इस तिमाही में सबसे बड़ा सौदा रहा, जो जारी किए गए मूल्य का 46% है। 

क्षेत्रीय दृष्टिकोण से, आर्थिक सेवाओं ने (39 व्यवहार; $1.1बिलियन) सौदों की सर्वोच्च संख्या दर्ज की है, वहीं उपभोक्ता उत्पाद और खुदरा क्षेत्र ने (30 व्यवहार, $16.5 बिलियन) व्यवहार-मूल्य में वर्चस्व दिखाया है। टेलीकॉम (2 व्यवहार; $5.4 बिलियन), विविध औद्योगिक उत्पाद (23 व्यवहार; $2.9 बिलियन) और धातु तथा खनन (6 व्यवहार, $960 मिलियन) ने भी उच्च व्यवहार-मूल्य में महत्वपूर्ण अदायगी की। 

ट्रांज़ैक्शन एडवाइजरी सर्विसेज, ईवॉय के अमित खंडेलवाल ने कहा, "आर्थिक और रणनीतिक निवेशकों की भारतीय बाजार में निरंतर बढ़ती रुचि के कारण आने वाली तिमाहियों में एम एंड बी गतिविधि सकारात्मक रहने के आसार हैं। सभी क्षेत्रों के खिलाड़ियों का विस्तार करने का दृष्टिकोण, बैलेंस शीट संतुलित करने के प्रयास और नई टेक्नोलॉजी द्वारा अपनी सेवाओं में नए आविष्कार करने के कारण घरेलू बाजार की गतिविधियां सशक्त बनी रहेंगी। एनपीए  की सफाई बैंकिंग की उच्च प्राथमिकता रहने के कारण आने वाले कुछ महीनों में नवीनीकरण के सौदे सक्रीय रहेंगे और फिर, हाल ही में कुछ मामलों के सफल समाधान, आईबीसी के तहत स्वस्थ रिकवरी दर और 'सशक्त' योजना के कार्यान्वयन की वजह से ये दौर कायम रहेगा।"

2018 की दूसरी तिमाही में 69 सौदों के द्वारा $23.2 बिलियन के साथ विविध क्षेत्रों में उच्च एम एंड ए गतिविधियां दर्ज की गई। 

घरेलू परिदृश्य में 2017 की दूसरी तिमाही में 152 सौदों में से $1.8 बिलियन के मुकाबले में 170 सौदों के द्वारा $10.6 बिलियन का व्यवहार-मूल्य देखा गया। 

इस तिमाही में सभी क्षेत्रों में 26 (18 अंतर्गामी और 8 विदेश जाने वाले) सौदे और $16.6 व्यवहार-मूल्य के साथ,  भारतीय कंपनियों से एम एंड ए हिस्सेदारी में यूएस सबसे सक्रीय रहा है। 

 

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