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- 2020 तक 60 प्रतिशत तक MSMEs करेंगे डिजिटल सल्युशन का प्रयोगः सत्य प्रभाकर
भारत में घर, व्यवसाय और अनौपचारिक शिक्षा में स्थानीय सेवाओं के लिए 100 बिलियन डॉलर का अवसर है। इसमें गृह सुधार सेवाएं (पेंटिंग के ठेकेदार, वॉटरप्रूफिंग के ठेकेदार, बिल्डिंग ठेकेदार, आर्किटेकट, आदि), घरेलू सेवाएं (सफाई, कीट नियंत्रण, पलंबर संबंधी काम, कार्पेंटर संबंधी काम, आदि) और अनौपचारिक शिक्षा (कोचिंग सेवाएं, कंप्यूटर ट्रेनिंग सर्विस, टयूशन सर्विस, आदि) की एक श्रृंखला शामिल है।
छोटे व्यवसाय जिसमें 20 से कम कर्मचारी होते है आमतौर पर इन स्थानीय सेवाओं पर हावी होते है। 'सुलेखा' का अनुमान है कि भारत के शीर्ष 100 शहरों में स्थानीय सेवाओं में ऐसे व्यवसायों में लगभग 20 मिलियन लोग काम कर रहे हैं। इस श्रेणी में हिन्दुस्तान लीवर या जनरल इलेक्ट्रिक्स हावी नहीं होते हैं।
सुलेखा के सीईओ और संस्थापक सत्य प्रभाकर कहते है, 'इन श्रेणियों के ग्राहकों की जरूरत को माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज़ेस (एमएसएमई) 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा की आवश्यकता को जुटाता है। आमतौर पर उनकी कई समस्याएं हैं जैसे पूंजी की कमी, जागरूकता की कमी जो उनके विकास को प्रभावित करती है।'
जबकि आईटी और आईटीईएस व्यवसाय जो अमेरिका और यूरोप के बाजार में सेवाएं देते है, बहुत सारे मीडिया का ध्यान आकर्षित करते है। इस सेक्टर की 20 शीर्ष कंपनियों में केवल 1.5 से 2 मिलियन लोगों को रोज़गार दिया गया है। जबकि दूसरी तरफ सुलेखा का अनुमान है कि स्थानीय व्यवसाय 40 से 50 मिलियन से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। यह स्टार्टअप और पुराने व्यवसाय तथा ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के शानदार अवसर देता है।
स्थानीय व्यवसाय को अपने बाजार में बेहतर तरीके से काम करने के लिए डिजिटल सल्युशन भी सस्ता तरीका देता है। गूगल और फेसबुक जैसे उपाय छोटे व्यवसाय को अपने ग्राहकों को लक्षित करने में मदद करते हैं (जैसे - ठाणे और नवी मुंबई में पेंटिंग ठेकेदार) इससे उन्हें डिजिटल जानकार ग्राहक को आकर्षित करने में मदद मिल सकती है। सुलेखा, जस्ट डॉयल आदि द्वारा दी जाने वाली बहुत सी अन्य डिजिटल सुविधाएं हैं जो इन स्थानीय व्यवसायों को तेजी से बढ़ने में मदद कर सकती है।
सत्य प्रभाकर ने कहा, 'क्लाउड-बेस्ड सल्युशन छोटे व्यवसायों को बहुत ही मूल्यवान अंतदृष्टि देने के साथ साथ उनके व्यवसाय में भी विकास कर सकते हैं। केवल 5 साल पहले से ये बहुत ही अलग है जब इस तरह के समाधान उपलब्ध नहीं थे। आज छोटे व्यवसाय ज़ोहो का प्रयोग अकांउटिंग के लिए, सुलेखा का उपयोग लीड पैदा करने के लिए, बिगरॉक का उपयोग डोमेन बुक करने के लिए और एमेज़न का उपयोग सामान बेचने के लिए कर सकते है।'
सुलेखा द्वारा किए गए सर्वे से यह पता चलता है कि अगर उत्पाद और सर्विस की सुविधाएं देने वाला विक्रेता अपने शहर/क्षेत्र के लक्षित स्थानीय व्यवसाय में डिजिटल सल्युशन का प्रयोग करते हैं तो वे आसानी से साल के 1-2 करोड़ का टर्नओवर प्राप्त कर सकता है।
भारत सरकार स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और अन्य पहल के माध्यम से बहुत सी एमएसएमई के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। जो आसान क्रेडिट, कैपिटल और डिजिटल प्रशिक्षण की आसान पहुंच प्रदान करती है।
सुलेखा के सर्वे से पता चलता है कि 2020 तक इंडियन माइक्रो, स्मॉल एड मीडियम एंटरप्राइज़ेस 60 प्रतिशत से अधिक अपने स्थानीय व्यवसाय में विकास लाने के लिए डिजिटल सल्युशन का प्रयोग करेंगे और ये स्थानीय व्यवसाय को बढ़ाने के अलावा असानी से रोजगार भी प्रदान करेगा।