64 चयनित आवेदक, 14 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में 84 इकाइयां स्थापित करने की है योजना
ओडिशा में एक और महाराष्ट्र में 10 इकाइयां भी हैं शामिल
सरकार ने कपड़ा उद्योग के लिए पीएलआई योजना के तहत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से नए आवेदन आमंत्रित करने की तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 कर दी है और वर्तमान में आवेदन भी प्राप्त किए जा रहे हैं। यह बात केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने लोकसभा में कही। उन्होंने कहा कि भारत के पास कुल कपड़ा और परिधान (हस्तशिल्प सहित) निर्यात में मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) उत्पादों (फाइबर, यार्न, फैब्रिक, मेड-अप, एमएमएफ के रेडीमेड परिधान) की काफी हिस्सेदारी है।
जरदोश ने कहा कि एमएमएफ (मानव निर्मित फाइबर) परिधान, एमएमएफ फैब्रिक्स और तकनीकी वस्त्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाले वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना के तहत, 64 चयनित आवेदकों से 14 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 84 इकाइयां स्थापित करने की उम्मीद है। इसमें ओडिशा में एक और महाराष्ट्र की 10 इकाइयां शामिल हैं। उद्योग एमएमएफ और तकनीकी कपड़ा खंड की क्षमता का दोहन करने के लिए कमर कस रहा है, जो देश में एक उभरता हुआ उद्योग है जो कपड़ा और राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन के लिए पीएलआई योजना द्वारा विधिवत समर्थित है।
केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 में भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना संबंधी दिशानिर्देश जारी किए। टेक्सटाइल्स के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना का उद्देश्य विश्व स्तर पर मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ), एमएमएफ परिधान और तकनीकी कपड़ा उत्पादों में भारत की विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करना है। इसके तहत उच्च मूल्य वाले मानव निर्मित फाइबर, वस्त्र और तकनीकी वस्त्रों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा पीएलआई से अधिक नौकरियों के अतिरिक्त सहायक गतिविधियों के लिये कई लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि वस्त्र उद्योग मुख्य रूप से महिलाओं को रोजगार देता है, इसलिए यह योजना महिलाओं को सशक्त बना रही है और औपचारिक अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी भी बढ़ा रही है।
पिछड़े क्षेत्रों को भी मिल रही है प्राथमिकता
कपड़ा क्षेत्र में पीएलआई के तहत आकांक्षी जिलों, टियर-3, टियर-4 कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश को प्राथमिकता दी जाती है और इसके माध्यम से उद्योग को पिछड़े क्षेत्रों में ले जाने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। यह योजना विशेष रूप से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा आदि जैसे राज्यों में बेहद सकारात्मक बदलाव लेकर आई है। पीएलआई के तहत पात्र उत्पादकों को दो चरणों में प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान है। इसमें पहला कोई भी व्यक्ति या कंपनी जो एमएमएफ फैब्रिक, गारमेंट्स और तकनीकी टेक्सटाइल के उत्पादों के उत्पादन के लिए संयंत्र, मशीनरी, उपकरण और सिविल कार्यों (भूमि और प्रशासनिक भवन लागत को छोड़कर) में न्यूनतम 300 करोड़ रुपए का निवेश करने का इच्छुक है, भाग लेने के लिए पात्र होगा। दूसरा उन्हीं शर्तों के तहत (जैसे पहले चरण के मामले में) न्यूनतम 100 करोड़ रुपए खर्च करने के इच्छुक निवेशक आवेदन करने के पात्र होंगे।