व्यवसाय विचार

IIM बैंगलोर में प्रतिभा, आकांक्षाओं और अच्छे इरादों को पूरा करती है : राष्ट्रपति

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Oct 27, 2023 - 2 min read
IIM बैंगलोर में प्रतिभा, आकांक्षाओं और अच्छे इरादों को पूरा करती है : राष्ट्रपति image
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईआईएम बैंगलोर के स्थापना समारोह में पहुंचकर वहां की शिक्षा पद्धति की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आईआईएम बैंगलोर से देश को काफी आशाएं हैं। यह संस्थान छात्रों की आकांक्षाओं और उनके नेक इरादों को पूरा करने में मदद करता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर (कर्नाटक) के स्वर्ण जयंती समारोह के तहत ‘स्थापना सप्ताह’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि IIM बैंगलोर प्रबंधन प्रतिभा और संसाधनों का पोषण और प्रचार कर रहा है। पिछले 50 वर्षों में, इसने न केवल प्रबंधकों बल्कि लीडर्स, अन्वेषकों, उद्यमियों और चेंज-मेकर्स को भी तैयार किया है। इस संस्थान की शिक्षा न केवल बोर्डरूम, कार्यस्थल और बाज़ार में, बल्कि जीवन के हर कल्पनीय और व्यावहारिक क्षेत्र की समस्याओं, चुनौतियों और मुद्दों से निपटने के लिए सर्वोत्तम युवाओं को तैयार करती है।

अपनी स्थापना के बाद से ही, व्यावसायिकता, दक्षता और योग्यता वे परिभाषित विशेषताएं हैं, जिन पर IIM बैंगलोर साहस से खड़ा रह कर अपने को साबित कर रहा है। इसने नवाचार और क्षमता निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा कर शिक्षा और अनुसंधान पर स्थायी प्रभाव छोड़ा है। हम रोमांचक समय में जी रहे हैं और यह चौथी औद्योगिक क्रांति का युग है। IIM बैंगलोर के डेटा सेंटर और एनालिटिकल लैब द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में किए जा रहे काम का व्यापार और अर्थव्यवस्था के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

अपनी उत्कृष्टता और क्षमता के लिए मशहूर IIM बैंगलोर को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। इस संस्था पर बहुत उम्मीद और आशा के साथ भरोसा जताया गया है। यह संस्थान एक ऐसी जगह है, जहां प्रतिभा का मिलन आकांक्षाओं और नेक इरादों से होता है।

राष्ट्रपति ने भावी वेल्थ क्रिएटर्स (धन निर्माताओं) को महात्मा गांधी के जीवन की शिक्षा को आत्मसात करने की सलाह दी, जो व्यवसाय की नैतिकता से असंगत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नैतिकता के बिना सफलता गांधीजी के लिए पाप थी। उन्होंने छात्रों को पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में उत्कृष्टता का लक्ष्य रखने और IIM बैंगलोर की महान विरासत के साथ जुड़कर जीने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विरासत में मिली दुनिया के बारे में शिकायत करने की जगह एक ऐसी दुनिया छोड़ कर जाएं, जहां आने वाली पीढ़ियां सद्भाव, आशावाद, समृद्धि और समानता के साथ रह सकें और उनके पास शिकायत करने के लिए कुछ ना हो।

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