आईआईएम मुंबई और एयरबस ने पेशेवरों को एविएशन एजुकेशन यानी विमानन शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से हाथ मिलाया है। इस साझेदारी का लक्ष्य सभी पेशेवरों को व्यक्तिगत रूप से हर तरह के कौशल से लैस करके उद्योग के लिए तैयार करना है। एयरबस इंडिया और साउथ एशिया के प्रेसिडेंट व एमडी रेमी मेलार्ड और आईआईएम मुंबई के निदेशक मनोज के तिवारी के बीच विमानन शिक्षा के क्षेत्र में यह समझौता मील का पत्थर साबित होगा।
मेलार्ड ने कहा, कौशल वह ईंधन है, जो वृद्धि को आगे बढाती है। एयरबस भारत के प्रगतिशील विमानन उद्योग की क्षमता को एयरबस समझता है और हमारे दीर्घकालिक कौशल प्रयास को पारिस्थितिकी के जरिए मजबूत करने के प्रयास किए जा सकते हैं। आईआईएम मुंबई के साथ हमें अपनी विशेषज्ञता को मिलाकर ऐसे रिसोर्सेज तैयार करने चाहिए, जिससे विस्तृत कार्यक्रम तैयार किए जा सकें। इससे भविष्य में विमानन शिक्षा और भारत में कौशल विकास को विस्तृत करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, यह आगे चलकर देश के विमानन क्षेत्र के उद्योगों के लिए तैयार प्रतिभाओं की एक मजबूत पाइपलाइन के निर्माण में मदद मिलेगी। तिवारी ने कहा यह साझेदारी विमानन क्षेत्र के भीतर प्रबंधन विकास में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ में, हमारा उद्देश्य अकादमिक कठोरता को उद्योग की विशेषज्ञता के साथ जोड़ना, विमानन प्रबंधन में नवाचार और नेतृत्व को बढ़ावा देना है।
यह साझेदारी प्रतिभा को पोषित करने और देश के एयरोस्पेस के गतिशील परिदृश्य में परिवर्तनकारी प्रभाव को चलाने में मदद करेगी, जिससे विमानन के क्षेत्र में पेशेवरों और तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन उद्योग में अवसरों की तलाश करने वालों को काफी लाभ होगा।
समझौते के अनुसार, आईआईएम-मुंबई पाठ्यक्रम, ऑनबोर्ड छात्रों का आयोजन करेगा और बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करेगा, जबकि एयरबस प्रारंभिक चरण में अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के लिए एयरबस बियॉन्ड कैटलॉग से प्रशिक्षक और प्रशिक्षण सामग्री प्रदान करेगा। इसके अलावा दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों को सह-क्यूरेट करेगा और बाद के चरण में प्रशिक्षकों को प्रमाणित करेगा।