- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- IIT रूड़की के पूर्व छात्र परिसर में शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता में बनेंगे सहायक
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की के पूर्व छात्रों (वर्ष 1968 बैच) ने एमेराल्ड जुबिली री-यूनियन (55 वर्ष बाद पुनर्मिलन) के दौरान 60 लाख रुपये की राशि दान की है। लीक से हटकर किए गए अपने सहयोग को लेकर 1968 बैच के छात्रों ने कहा कि हालांकि यह संभव नहीं, फिर भी यह आईआईटी रूड़की का उनके जीवन में प्रभाव को परिसर लौटाने की उनकी एक कोशिश मात्र है। इस मौके पर न केवल आईआईटी रूड़की में बने संबंधों को जश्न के तौर पर मनाया गया, बल्कि संस्थान के भविष्य पर पूर्व छात्रों के गहरे प्रभाव को भी प्रदर्शित किया गया। यह वर्ष 1968 बैच की उदारता और समर्पण वापस देने की भावना समेत आईआईटी रूड़की की स्थायी विरासत का एक उदाहरण है। पूर्व छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों समेत लगभग 120 लोग इस दौरान परिसर में मौजूद थे, जहां उन्होंने संस्थान में बिताई गई अपनी यादें ताजा कीं।
आईआईटी-रुड़की के अनुसार, यह योगदान अकादमिक और अनुसंधान उत्कृष्टता को समर्थन देने और इसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लगभग आधे दशक बाद पूर्व छात्रों के परिसर में फिर से पहुंचने से उन्हें एक बार फिर से आपस में जुड़ने और पुरानी यादें ताजा करने का मौका मिला। इस दौरान उन्हें अपनी सफलताओं और अनुभवों को साथियों के साथ साझा करने हेतु मंच भी प्रदान किया गया। वर्ष 1968 बैच ने अपने इस असाधारण योगदान से अपने जीवन पर आईआईटी रूड़की के स्थायी प्रभाव को दर्शाया। साथ ही, उन्होंने वापस देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान - रूड़की (आईआईटी रूड़की) उच्च तकनीकी शिक्षा और इंजीनियरिंग, बुनियादी और व्यावहारिक अनुसंधान में राष्ट्रीय महत्व के अग्रणी संस्थानों में से एक है। अपनी स्थापना के बाद से, आईआईटी रूड़की ने देश को तकनीकी जनशक्ति और जानकारी प्रदान करने और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आईआईटी रूड़की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में शामिल है। इसने तकनीकी विकास के सभी क्षेत्रों में योगदान दिया है। इसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग समेत शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक ट्रेंड-सेटर भी माना गया है।
आईआईटी रूड़की ने अब तक अपने 175 वर्ष से अधिक पूरे कर लिए हैं। भारत सरकार द्वारा 21 सितंबर 2001 को जारी एक अध्यादेश द्वारा इसे आईआईटी में परिवर्तित कर दिया गया और इसे देश का सातवां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, "राष्ट्रीय महत्व का संस्थान" घोषित किया गया।
आईआईटी रूड़की इंजीनियरिंग और वास्तुकला के 10 विषयों में स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम और इंजीनियरिंग, एप्लाइड साइंस, वास्तुकला और योजना के 55 विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान करता है। आईआईटी रूड़की के सभी विभागों और अनुसंधान केंद्रों में डॉक्टरेट की सुविधा उपलब्ध है। आईआईटी रूड़की पूरे भारत में विभिन्न केंद्रों पर आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) के माध्यम से छात्रों को बी.टेक. और बी.आर्क. पाठ्यक्रम में प्रवेश देता है।