जिला कलेक्टर ओ. आनंद ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) से अनुरोध किया कि वह जिले के छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई ) को मदद दे, ताकि उनका उत्पादन बढ़ सके। जिले में तीन एमएसएमई क्लस्टर बनाए गए हैं, लेकिन वे उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ पा रहे हैं।
कलेक्टर ने सिडबी (SIDBI) से कहा कि वह अपने कार्यक्रमों के जरिए इन उद्योगों को पैसे दे, उनके उत्पादों को बेचने के लिए नई रणनीतियाँ सुझाए, और किसानों की मदद करे जो नारंगी, आम और अन्य फलों की खेती करते हैं, ताकि वे इन फलों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेच सकें।
इसके साथ ही, कलेक्टर ने सिडबी से यह भी कहा कि जो लोग बड़े पैमाने पर आम और नारंगी का प्रसंस्करण करना चाहते हैं, उनकी तकनीकी मदद की जाए। इसके अलावा, उन्होंने जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (DRDA) से अपील की कि महिला उत्पादक समूहों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर अपने उत्पाद बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
सिडबी के हैदराबाद क्षेत्र के जनरल मैनेजर वीमुरी चंद्रमोली ने बताया कि सिडबी छोटे उद्योगों को लोन देने में मदद करता है। वे छोटे उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में अपने उत्पाद दिखाने का मौका भी देते हैं, और इसके लिए खर्च भी उठाते हैं। इसके अलावा, वे छोटे व्यापारियों को बिना ज्यादा ब्याज वाले कर्ज भी देते हैं, ताकि वे अपना कारोबार चला सकें।