बेंगलुरु बेस्ड ईवी स्टार्टअप विद्युत( Vidyut) ने JSW MG मोटर इंडिया के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत एमजी के कई इलेक्ट्रिक मॉडल्स, जैसे एमजी कॉमेट, एमजी विंडसर और एमजी ZS ईवी के लिए बैटरी-एज़-ए-सर्विस (BaaS) फाइनेंसिंग विकल्प की शुरुआत की गई है।
इस नए प्रोग्राम के तहत ग्राहक बैटरी को सिर्फ 2.5 रुपये प्रति किलोमीटर की शुरुआती दर पर किराए पर ले सकते हैं, जिससे पारंपरिक ईंधन वाहनों की तुलना में चलने की लागत को 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यह पहल ईवी के स्वामित्व की प्रारंभिक लागत को काफी कम कर देती है क्योंकि इसमें वाहन की खरीद में बैटरी की लागत को शामिल नहीं किया जाता है, जिससे सस्टेनेबल मोबिलिटी की ओर बदलाव करना आसान और सस्ता हो जाता है।
पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों में आपको हमेशा ईंधन खरीदना पड़ता है, जिससे खर्च बढ़ता है। इसके मुकाबले, बैटरी-as-a-Service (BaaS) मॉडल में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के मालिकों को केवल तब ही बैटरी के लिए पैसे देने होते हैं जब उनकी कार सड़क पर चल रही होती है। इसका मतलब है कि आपको बैटरी का खर्च सिर्फ तभी उठाना होता है जब आप गाड़ी चला रहे हैं, जिससे ईंधन खर्च कम हो जाता है।
इस मॉडल में 3 से 5 साल की वित्तपोषण अवधि के अलावा और भी लचीलापन है। ग्राहक अपनी बैटरी को किराए पर लेना जारी रख सकते हैं या पूरी तरह से खरीद भी सकते हैं। अगर किसी को यह प्रोग्रम छोड़ना हो, तो वह बैटरी का शेष मूल्य चुकाकर कभी भी बाहर निकल सकता है।
विद्युत के सह-संस्थापक क्षितिज कोठी ने इस इनोवेशन के पीछे की सोच को समझाते हुए कहा लोग बैटरी को एक संपत्ति के रूप में देखते हैं, लेकिन हम बैटरी को ईंधन के रूप में देखते हैं। तो जब वाहन सड़क पर नहीं है, तो आपको इसके लिए क्यों भुगतान करना चाहिए? यही सवाल हमें इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम में बैटरी-एस-ए-सर्विस (BaaS) पेश करने के लिए प्रेरित किया। वर्ष 2021 में अपनी स्थापना के बाद से विद्युत ने व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए इस वित्तपोषण मॉडल में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अब हम JSW MG मोटर इंडिया के साथ व्यक्तिगत चार पहिया वाहनों में उसी स्तर के नवाचार को विस्तार देने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ईवी का स्वामित्व केवल पहुंच योग्य ही नहीं, बल्कि सभी के लिए आर्थिक रूप से प्रभावी भी हो, जिससे व्यक्तियों को बिना वित्तीय बोझ के स्थायी गतिशीलता को अपनाने को सशक्त बनाना है, जो पारंपरिक रूप से इसके साथ आता है।
विद्युत अब भारत के 30 से अधिक शहरों में काम कर रहा है, और यह टाटा मोटर्स, महिंद्रा, यूलर मोटर्स, पियाजियो, ग्रिव्स, मुरुगप्पा ग्रुप की मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक, और आल्टिग्रीन जैसे मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) के साथ सहयोग कर रहा है। विद्युत ने अपनी स्थापना के बाद से 14 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिसमें 3one4 कैपिटल की अगुवाई में नए और मौजूदा निवेशकों जैसे सैजन कैपिटल, ज़ेफायर पीकॉक, फोर्स वेंचर्स, ऑल्टेरिया कैपिटल, और उड़ान की भागीदारी शामिल है।