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- आईआईएम काशीपुर में आयोजित होगा कृषि महाकुंभ ‘उतिष्ठ,' सौ से भी अधिक स्टार्टअप की होगी भागीदारी
एग्री स्टार्टअप एक्सपो का सातवां संस्करण है ये
दो दिवसीय कार्यक्रम का आगामी 27-28 जनवरी 2024 को होगा आयोजन
भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर दो दिवसीय कृषि स्टार्टअप एक्सपो का आयोजन कर रहा है। यह कार्यक्रम 27 जनवरी को शुरू होगा। आईआईएम काशीपुर की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार इस मेले का आयोजन आईआईएम और फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेेन्योरशिप डेवलपमेंट (एफआईईडी) के ई-सेल की ओर से कृषि और किसान कल्याण विभाग के सहयोग से किया जाएगा। इसमें अलग-अलग जगहों से सौ से भी अधिक कृषि स्टार्टअप सम्मिलित होंगे। इसके अलावा इस एक्सपो में 2,000 से अधिक बी-(व्यवसायिक) स्कूल के छात्रों की भागीदारी, 20 कुलपतियों और उद्यमियों के बीच बातचीत, 10,000 से अधिक आगंतुक और 100 से अधिक स्टार्टअप के शामिल होने की भी संभावना है।
संस्थान की ओर से बताया गया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि स्टार्टअप और उद्योग अंशधारकों को एक मंच पर लाना है। इसके अलावा विशेषज्ञों के बीच उद्यमशीलता पर विचार-विमर्श व अन्य गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ा जा सके। दो दिवसीय आयोजन के दौरान पहले दिन शिखर सम्मेलन में उड़ान 7.0 पिचिंग प्रतियोगिता, एचयूएलटी पुरस्कार, लाइव स्टार्टअप पिचिंग प्रतियोगिता, लीडर्स मंत्रा जैसे विभिन्न ज्ञानवर्धक कार्यक्रम होंगे। वहीं दूसरे दिन एक्सपो डे, कॅरिअर परामर्श सत्र, सांस्कृतिक प्रदर्शन, विज्ञान मेले का आयोजन किया जाएगा। दो दिन के एक्सपो में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में होने वाले नित नए परिवर्तन और नए विचारों की पहचान करना और लोगों को इनके प्रति जागरूक करना है।
दो दिवसीय कृषि स्टार्टअप एक्सपो को लेकर आईआईएम और एफआईईडी के सीईओ राम कुमार ने कहा कि बीते सात वर्षों में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने आईआईएम काशीपुर के उत्तिष्ठ कृषि मेला, स्टार्टअप एक्सपो की वजह से कुल 320 करोड़ रुपये की फंडिंग के साथ 140 से अधिक स्टार्टअप को सहयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन कृषि संबंधित लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
कृषि स्टार्टअप व उनकी अपनी समस्याएं भी
खेती को हमारे देश का आधार स्तंभ माना जाता है। हमारे देश की जीडीपी में इसका 15 प्रतिशत का योगदान है। इसे और बढ़ाने के लिए जरूरी है कि कृषि को आधुनिकीकरण का चोला पहनाया जाए। इससे न केवल हम समय से कदमताल कर सकेंगे बल्कि कृषि क्षेत्र में रोजगार में वृद्धि होगी और जीडीपी में प्रतिशत भागीदारी भी बढ़ेगी। खेती में नई आधुनिक तकनीक का समावेश करना जरूरी है। ऐसे कई स्टार्सअप हैं, जो इस दिशा में काम कर रहे हैं जिसे फ्रूगल इनोवेशन के तौर पर जाना जा रहा है। अब बात करते हैं एग्री स्टार्टअप के सामने आने वाली दिक्कतों की, दरअसल इनको भी कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें मौसम की मार भी किसानों को झेलनी पड़ती है। ऐसे में किसानों से कनेक्ट होने की वजह से स्टार्टअप व्यवसाय में भी उठापटक होती है। इसके अलावा एक और चुनौती आती है, वह है नई जानकारी को स्वीकार करना है। दरअसल किसानों को भले ही फायदे की बात बताई जाए लेकिन सब तक वो उसका डेमो नहीं देख लेते, उनको भरोसा नहीं होता। ऐसे में किसानों को किसी नई बात के लिए भरोसे में लेना भी किसी बड़ी समस्या को सुलझाने जैसा ही है। कृषि क्षेत्र में एक और समस्या देखने को मिलती है वह है मार्केट लिंकेज यानी कि बाजार से जुड़ाव की। इसमें किसान जो पैदावार करता है उसके लिए उपर्युक्त बाजार ना मिलने की वजह से किसान को फसल की सही कीमत नहीं मिलती। हालांकि कई स्टार्टअप इस समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं और नई तकनीकों के जरिए किसानों को सीधे बाजार से ही जोड् रहे हैं।