व्यवसाय विचार

आईआईसीए ने किया 'सीएसआर व्यावसायिक कार्यक्रम' के आठवें बैच का समापन

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Apr 08, 2024 - 3 min read
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इस अवसर पर एसबीई, आईआईसीए के मुख्य कार्यक्रम कार्यकारी डॉ. रवि राज अत्रे ने अपने संबोधन में कॉर्पोरेट ब्रांडिंग रणनीतियों में पर्यावरण, सामाजिक और शासन कारकों को एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए 'ईएसजी-सीएसआर और ब्रांड निर्माण' की परस्पर भूमिका पर चर्चा की। 

भारत में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) को बढ़ावा देने के प्रयास में, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) ने 4 से 6 अप्रैल, 2024 तक गोवा में अपने प्रमुख पाठ्यक्रम का एक व्यापक सीएसआर इन-पर्सन प्रोग्राम आयोजित किया। आईआईसीए के स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट (एसबीई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ने सीएसआर पेशेवरों, उद्योग विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के विविध समूह को एक साझा मंच प्रदान किया, जहां प्रतिभागियों ने तकनीकी सत्रों, समूह गतिविधियों और आपसी चर्चाओं की एक श्रृंखला में भाग लिया।

अपने स्वागत भाषण में, स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट, आईआईसीए की प्रमुख प्रोफेसर गरिमा दाधीच ने सीएसआर इवोल्यूशन विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसके बाद 'भारत में सीएसआर का एक दशक' विषय पर एक विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में सीएसआर परिदृश्य से जुड़ी प्रगति और उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया गया। डॉ. दाधीच ने पिछले दस वर्षों के दौरान रुझानों के विश्लेषण के आधार पर विभिन्न चुनौतियों से निपटने के उपाय सुझाये।

ज्ञान-प्राप्ति से नेतृत्व तक: सत्र की शुरुआत, समूह-गतिविधियों के साथ हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने कार्यान्वयन एजेंसी परियोजना रिपोर्ट (आईए) और कॉर्पोरेट संलग्न परियोजना (सीए) रिपोर्ट प्रस्तुत किये। रिपोर्टों पर विशेषज्ञ संकाय ने बहुमूल्य प्रतिक्रियाएं दीं। द वाखलू एडवाइजरी के संस्थापक और अध्यक्ष भरत वाखलू ने 'रणनीतिक सीएसआर अग्रणी व्यक्तियों का पोषण' विषय पर अपने विचार रखे, जिसमें उन्होंने अपने अभिनव और रचनात्मक पीएएमएस (सिद्धांतों, कार्यों, मेट्रिक्स/उपाय और स्ट्रोक्स) रणनीति के साथ सीएसआर क्षेत्र में दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया।

कंसोशिया एडवाइजरी के प्रधान सलाहकार दिनेश अग्रवाल ने 'सीएसआर की कानूनी व्यवस्था का विहंगम दृश्य' प्रस्तुत किया, जिसमें कानूनी जटिलताओं और अनुपालन आवश्यकताओं और सीएसआर में पिछले दस वर्षों के सभी 40 संशोधनों के बारे में जानकारी दी गई। वाखलू और अग्रवाल द्वारा उत्तरदायी व्यावसायिक आचरण को बढ़ावा देने में सीएसआर की भूमिका और ईएसजी फ्रेमवर्क के भीतर सीएसआर के रणनीतिक महत्व विषय पर आधारित सत्र के आयोजन के साथ दिन का समापन हुआ।

प्रतिबिंबित करना और जुड़ना: अंतिम खुली चर्चा में प्रतिनिधियों को फीडबैक साझा करने और संकायों के साथ स्पष्ट संवाद में शामिल होने का अवसर मिला। इस सत्र ने उपस्थित लोगों के बीच समुदाय और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया। इस आयोजन ने न केवल सीएसआर शिक्षा को आगे बढ़ाने में आईआईसीए की प्रतिबद्धता का प्रमाण पेश किया, बल्कि भारत में स्थायी और जिम्मेदार व्यावसायिक तौर-तरीकों के प्रति सामूहिक अभियान को भी प्रतिबिंबित किया। सीएसआर इन-पर्सन प्रोग्राम के समापन के साथ प्रतिभागियों ने समृद्ध ज्ञान, नए संबंध तथा सीएसआर और सतत विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के दृढ़ संकल्प के साथ अपने गंतव्यों की ओर प्रस्थान किया।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) की स्थापना, कॉरपोरेट कार्यों से संबंधित मामलों पर ज्ञान की आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए की गई है और यह एक जीवंत थिंक-टैंक के रूप में कार्य कर रहा है। यह संस्थान नियामक व्यवस्था और सेवा अदायगी प्रणालियों को लगातार नया स्वरूप देने में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की सहायता कर रहा है।

भविष्य के कार्यक्रमों और पहलों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आईआईसीए के स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट के लिंक्डइन पेज और आईआईसीए की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

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