इंटरनेशनल बैटरी कंपनी ने आरटीपी ग्लोबल के नेतृत्व में 35 मिलियन डॉलर जुटाए। प्री-सीरीज़ ए राउंड में बीनेक्स्ट, वेदा वीसी और विभिन्न रणनीतिक कोरियाई और अमेरिकी निवेशकों की भागीदारी देखी गई। कंपनी पूंजी का उपयोग मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का विस्तार करने और बैटरी को बेहतर बनाने के लिए करेगी।
कंपनी को इस पूंजी से बेंगलुरु में एक नई बैटरी मैन्युफैक्चरिंग सुविधा स्थापित करने में भी मदद मिलेगी, जिसका उत्पादन 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है।पिछले साल जून में इंटरनेशनल बैटरी कंपनी (आईबीसी) ने कर्नाटक सरकार के साथ राज्य में 8,000 करोड़ रुपये के निवेश पर एक मैन्युफैक्चरिंग सुविधा स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
प्रियदर्शी पांडा द्वारा 2022 में स्थापित आईबीसी दोपहिया, तिपहिया, हल्के कमर्शियल वाहनों के साथ-साथ औद्योगिक और कृषि उपकरण सहित छोटे-मोबिलिटी सेगमेंट के लिए बड़े आकार की, लिथियम-आयन बैटरी प्रदान करता है। पांडा ने कहा हम अपने लक्ष्यों के अनुरूप क्रमिक रूप से पूंजी जुटाना जारी रखेंगे। अब हमारा लक्ष्य पहले कर्नाटक में दो (जीडब्ल्यूएच) सुविधा स्थापित करना है। इसके बाद हम 2028 तक दस जीडब्ल्यूएच क्षमता तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त आठ जीडब्ल्यूएच की व्यवस्था करेंगे।
भारत में 3.5 मिलियन से अधिक इलेक्ट्रिक वहान हैं, जिनमें लगभग हाफ इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और कम से कम 10 प्रतिशत चार पहिया वाहन हैं, जबकि शेष ई-रिक्शा, तीन पहिया वाहन और भारत सरकार के वाहन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा के अनुसार इनमें से कुछ इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। हालाँकि, नए नियमों और निर्माताओं को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों की बदौलत बाजार में ईवी की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है।भारत का लक्ष्य 2030 तक पूरे चार पहिया वाहन बेस के 30 प्रतिशत और अपने दोपहिया और तिपहिया बाजार के 80 प्रतिशत हिस्से को विद्युतीकृत करके आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) वाहनों को सीमित करना है।
इंटरनेशनल बैटरी कंपनी भारत में ली-आयन बैटरी सुविधाएं बनाने में अकेली नहीं है। भारतीय नमक से लेकर सॉफ्टवेयर कांग्लोमरेट टाटा ग्रुप, दक्षिण कोरियाई कार निर्माता हुंडई, वियतनामी इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता विनफास्ट और बेंगलुरु स्थित इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता ओला इलेक्ट्रिक सहित कंपनियों ने भी देश में इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी सुविधाएं बनाने की योजना बनाई हैं। इसी तरह वैश्विक ईवी बाजार में बैटरी निर्माण में प्रमुख कंपनियों में बीवाईडी, एलजी एनर्जी सॉल्यूशन, एसके इनोवेशन और पैनासोनिक शामिल हैं।पांडा ने कहा कि इंटरनैशनल बैटरी कंपनी का लिथियम-आयन उत्पाद उन्हें प्रतिस्पर्धा से अलग बनाता है, क्योंकि यह भारतीय उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया जाता है।