सेल थेरेपी दृष्टिकोण में विशेषज्ञता रखने वाली बेंगलुरु स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी आईस्टेम रिसर्च ने इकेरियन एजी और रेटिनएआई इंक.यूएस (रेटिनएआई) के साथ एक रणनीतिक साझेदारी में प्रवेश किया है, जो नेत्र विज्ञान के लिए क्लिनिकल और इमेजिंग डेटा प्रबंधन सॉफ्टवेयर और उन्नत एआई-संचालित एनालिटिक्स में अग्रणी है। रेटिनएआई के डिस्कवरी प्लेटफॉर्म और एआई टूल्स का लाभ उठाने से आईस्टेम को अपने इनोवेटिव सेल थेरेपी, आईसाइट-आरपीईटीएम के साथ भौगोलिक शोष के इलाज में क्रांति लाने के अपने मिशन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। आइए इस विषय को विस्तार से जानते हैं।
आईस्टेम के संस्थापक और सीईओ डॉ. जोगिन देसाई ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि रेटिनएआई के साथ यह सहयोग हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि “उनके परिष्कृत एआई उपकरण और रेटिनएआई डिस्कवरी प्लेटफॉर्म हमारी दृष्टि के साथ पूरी तरह से एकीकृत होते हैं। यह संभावित रूप से हमारे नैदानिक परीक्षणों के लिए समयसीमा को छोटा करते हैं और हमारे विश्लेषणों की सटीकता को भी बढ़ाते हैं। डॉ. जोगिन देसाई के अनुसार, यह सिर्फ एक साझेदारी नहीं है बल्कि यह उच्च-स्तरीय बायोटेक नवाचार और अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता का संगम है। इसका लक्ष्य दुनिया भर में भौगोलिक शोष से प्रभावित रोगियों को समस्या से राहत दिलाना है। भौगोलिक शोष एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रोगी की देखने की क्षमता प्रभावित होती है। इसमें अक्सर पढ़ने में समस्या आती है। कई बार चेहरों को पहचानने और गाड़ी चलाने जैसे दैनिक कार्यों को करने में भी कठिनाई होने लगती है, जो समय के साथ और भी खराब होती जाती है। इस विषय पर रेटिनएआई के सीईओ डॉ. कार्लोस सिलेर ने सहयोग के बारे मे कहा कि यह जैव प्रौद्योगिकी और सेल थेरेपी के लिए अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। उन्होंने बताया कि हमारा एआई-संचालित डिस्कवरी प्लेटफॉर्म अनुसंधान में उल्लेखनीय तेजी लाने और रोग की प्रगति और परिणामों में उन्नत अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए तैयार है। हमें विश्वास है कि हमारा एक साथ आना यानी कि यह तालमेल न केवल नवीन उपचारों के विकास में हमारे प्रयासों को सार्थक करेगा बल्कि विश्व स्तर पर रेटिनल रोगों से प्रभावित व्यक्तियों को तेजी से जीवन बदलने वाले समाधान भी प्रदान करेगा।
भौगोलिक शोष, शुष्क उम्र से संबंधित धब्बेदार अधरू पतन (एएमडी) का एक अंतिम चरण है। यह दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता का विषय बना हुआ है। वर्तमान में, शुष्क एएमडी विश्व स्तर पर 200 मिलियन व्यक्तियों को प्रभावित कर रहा है। जिसके चलते लोगों की नेत्र संबंधी समस्याएं काफी बढ़ गई हैं। आईस्टेम, अपने प्रथम और द्वितीय चरण के लिए क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने की तैयारी करके इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। इस बहु-केंद्र, खुराक वृद्धि और विस्तार परीक्षण का उद्देश्य भौगोलिक शोष के लिए आईसाइट आरपीईटीएम की सुरक्षा और प्रभावकारिता का आंकलन करना है। इस परीक्षण को रेटिनएआई के डिस्कवरी प्लेटफॉर्म से लाभ होगा, जो अध्ययन के लिए डेटा प्रबंधन और छवि विश्लेषण को केंद्रीकृत करेगा। इसके अलावा, भौगोलिक शोष में रेटिनल बायोमार्कर की पहचान और मात्रा निर्धारण के लिए रेटिनएआई के उन्नत विभाजन मॉडल का लाभ उठाया जाएगा। यह स्वचालित विश्लेषण नैदानिक समापन बिंदुओं पर वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगा, जिससे महत्वपूर्ण निर्णय लेने में तेजी आएगी।
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निष्कर्ष: स्वास्थ्य सेवाओं में रोजाना बदल रही और अपडेट हो रही टेक्नॉलीज का प्रयोग करके मरीजों को उत्तम स्वास्थ्य देने की कोशिश में आईस्टेम और रेटिनएआई की साझेदारी को काफी उम्मीदभरी नजरों से देखा जा रहा है। तमाम लोगों ने यह भी कयास लगाया है कि इस करार से विश्व पटल पर नेत्र संबंधी परेशानी झेल रहे मरीजों को खासा लाभ होगा।