व्यवसाय विचार

आधुनिक जरूरतों को इस तरह पूरा करेगा उच्च शिक्षा तंत्र का नवीनीकरण

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jan 16, 2019 - 2 min read
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भारत के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में गिरती क्वालिटी वास्तव में एक चिंता का विषय है।

भारत में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सुधारों की मांग बहुत अधिक है। शिक्षा का अर्थ केवल नौकरी दिलाना नहीं है बल्कि इसका अर्थ छात्रों को सशक्त करना और उन्हें वैश्विक नागरिक बनने में मदद करना भी है। भारत के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में गिरती क्वालिटी वास्तव में एक चिंता का विषय है। हाल ही में उच्च शिक्षा को आधुनिक जरूरतों के साथ मेल बिठाने के लिए आग्रह किया गया है।

करें इंडस्ट्री की जरूरत को पूरा

हर साल लाखों इंजीनियरिंग छा़त्र ग्रेजुएट होते हैं वह भी बिना योग्य कौशलता के। इस अनचाहे ट्रेंड को रोकना है और अपने छात्रों का विकास वैश्विक नागरिक के तौर पर करना है। इसके लिए शैक्षिक पाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार किया जाएं कि वे इंडस्ट्री की मांग पर खरे उतर सकें।

यह तभी संभव हो सकता है यदि यूनिवर्सिटीज़ अपने पाठ्यक्रम और पढ़ाने के पुराने ढंग में सुधार लाएं ताकि पाठ्यक्रम इंडस्ट्री की जरूरत को पूरा कर सकें। इसके साथ ही प्रोफेशल कोर्स के छात्रों को हर साल कुछ सप्ताहों के लिए इंटर्नी के तौर पर काम करने दिया जाएं ताकि वे प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकें।

करें बात बड़ी चुनौतियों पर

आज के समय में हमारी दुनिया दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है- मौसम परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग। हर किसी को पर्यावरण बचाने और कार्बन के स्तर को कम करने के लिए प्रयास करने होंगे। इसके अलावा, भारत को एक नया और विकासशील देश बनाने के लिए सामाजिक मुद्दे जैसे गरीबी, निरक्षरता, बीमारियां, बाल मजदूरी, आंतकवाद, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा और इस अच्छे कदम के लिए देश के युवाओं को आगे आना ही होगा। यह तभी हो सकता है जब उच्च शिक्षा में छात्रों को समग्र शिक्षा प्रदान की जाएगी।

इंजीनियर की जिम्मेदारी

एक इंजीनियर को केवल 9 से 5 तक की नौकरी पाने में अपना ध्यान केन्द्रित करने के बजाय अपने नए और कम कीमतों वाले सुझावों के साथ आना चाहिए विशेष रूप से हेल्थकेयर और शिक्षा क्षेत्र में। इंजीनियर पेशवरों के ऊपर एक और जिम्मेदारी है कि वे देशवासियों को सुरक्षित, दृढ़, स्वस्थ, उत्पादक और लंबे समय तक चलने वाले जीवन को दे सकें।

कौशल भारत

भारत 2030 तक उच्च मध्यम वर्गीय आय वाले देश बनने की ओर अग्रसर है और इसलिए युवाओं के लिए अलग-अलग सेक्टर में बहुत से अवसर आएंगे। आज की जरूरत है कि अपने युवाओं को कौशल प्रदान किया जाए ताकि वे लाभकारी रोजगार ढूंढ पाएं या स्वरोजगार कर सकें।सरकार का 'कौशल भारत/स्किल इंडिया/' प्रोग्राम इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। तकनीकी ज्ञान को नैतिकता और मूल्यों के साथ मिलाकर उच्च शिक्षा का स्तर पारदर्शिता देगा और सामाजिक बुराइयों जैसे भ्रष्टाचार और लिंग भेद संबंधी भेदभाव से समाज को बचाएगा।

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