देश में छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा हैं। हर साल राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड दो हजार करोड़ रुपए के टेंडर निकालती है। लेकिन, यह अब अपनी टेंडर पॉलिसी में बदलाव करने जा रही है। अब तक राजस्थान ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट (आरटीपीपी) के तहत राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरएमएससीएल) जो टेंडर जारी करता था उसका 80 प्रतिशत काम राजस्थान के छोटे एवं मध्यम इकाइयों को मिलता था।
पॉलिसी में बदलाव को लेकर हैल्थ सेकेट्री ने फाइनेंस विभाग को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव के अनुसार टेंडर प्रक्रिया को आसान बनाए जाने, क्वालिटी और अन्य कारणों की वजह से लघु उद्योगों को अभी तक जो 80 प्रतिशत का लाभ मिलता था, जो अब घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा। हालांकि फाइनेंस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
राजस्थान के छोटे एंव मध्यम उद्योग स्थानीय लोगों को रोजगार और सरकार को टैक्स भी देते हैं, ऐसे में सरकार ने आरटीपीपी एक्ट के माध्यम से तय किया कि किसी भी टेंडर में एल-1 नहीं आने की स्थिति में भी यदि कोई स्थानीय कंपनी उन्हीं दरों पर वस्तु उपलब्ध कराती है तो उसे 80 प्रतिशत की भागीदारी दी जाएगी। बाकी बचा हुआ 20 प्रतिशत आर्डर एल-1 को मिलेगा लेकिन हैल्थ सेक्रेट्री के इस प्रस्ताव के अनुसार स्थानीय कंपनी को अब 80 की जगह 40 प्रतिशत आर्डर ही मिल सकेंगे।
सरकार की ओर से लघु और मंझले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों से युवाओं को झटका लगेगा और मिलने वाला रोजगार प्रभावित होगा। यदि सभी विभाग ऐसे करने लगे तो कम से कम पांच से छह हजार लोगों का रोजगार प्रभावित होगा और सरकार को मिलने वाले टैक्स में भी कमी आएगी। हालांकि अभी चिकित्सा विभाग ने आरएमएससीएल के लिए यह मसौदा तैयार किया है। अगर इस पर सहमति बनती है तो अन्य विभाग भी कुछ ऐसे ही प्रस्ताव तैयार कर सकते हैं।
अभी आरएमएससीएल में स्थानीय कंपनियां हर साल 250 करोड़ तक का माल देती हैं। चूंकि इस साल टेंडर की संख्या और बजट बढ़ाया गया है तो उम्मीद है कि स्थानीय कंपनियां 400 करोड़ तक का माल दे सकेंगी।
आरएमएससीएल क्या है
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरएमएससीएल) को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 04 मई, 2011 को पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में शामिल किया गया था। यह पूर्ण स्वामित्व वाली सरकारी कंपनी है। इसने 13 जून, 2011 को व्यवसाय को शुरू करने का सर्टिफिकेट भी मिला है।
आरएमएससीएल को चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और अन्य विभागों के लिए जेनेरिक दवाओं, सर्जिकल और चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए एक केंद्रीकृत खरीद एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया है।
इसका गठन वर्ष 2011-12 के लिए माननीय मुख्यमंत्री बजट घोषणा के अनुपालन में किया गया था ताकि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी रोगियों को सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली आवश्यक दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा सकें।