भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आठ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) रद्द किये। केंद्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चार एनबीएफसी ने अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र आरबीआई को सौंप दिया है। वह चार एनबीएफसी हैं अश्विनी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, आरएम सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, एमिटी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और मैट्रिक्स मर्चेंडाइज लिमिटेड।
आरबीआई ने अलग से अन्य चार एनबीएफसी एसआरएम प्रॉपर्टीज एंड फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, नॉर्थ ईस्ट रीजन फिनसर्विसेज लिमिटेड, सोजेनवी फाइनेंस लिमिटेड और ओपल फाइनेंस लिमिटेड के प्रमाण पत्र रद्द किये। केंद्रीय बैंक ने कहा उपरोक्त कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45-I के खंड (ए) में परिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान में कारोबार का लेन-देन नहीं करेगी।
एनबीएफसी लाइसेंस रद्द करने के कुछ दिनों बाद वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि देश में प्लेटफार्म अवैध रूप से चल रहे है। आरबीआई उन खातों की निगरानी करेगा जिनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है। आरबीआई ने कहा कि दुरुपयोग से बचने के लिए एनबीएफसी की समीक्षा को रद्द भी करेगा। नियमित बैंकिंग चैनलों के बाहर संचालित "अवैध लोन ऐप" से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।
नई दिल्ली स्थित अश्विनी इन्वेस्टमेंट ने 2002 में अपना लाइसेंस प्राप्त किया, जबकि आरएम सिक्योरिटीज, एमिटी फाइनेंस और मैट्रिक्स मर्चेंडाइज ने क्रमशः 2001, 2000 और 2008 में अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त किया। आरबीआई के अनुसार, अब उन्हें एनबीएफसी के कारोबार में लेन-देन करने की अनुमति नहीं है।
आरबीआई ने जानकारी दी है कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने 6 अक्टूबर, 2022 को क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) को रद्द कर दिया है। रेटिंग एजेंसी को छह महीने में अपने परिचालन को बंद करने का निर्देश दिया गया है और वह कोई नया ग्राहक या नया आवेदन नही लेगा।
आरबीआई ने कहा विनियमित संस्थाओं या बाजार सहभागियों को सूचित किया जाता है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किसी भी दिशा-निर्देश के अनुसार आवश्यक रेटिंग या क्रेडिट मूल्यांकन के संबंध में, तत्काल प्रभाव से उपर्युक्त रेटिंग एजेंसी से ऐसी कोई नई रेटिंग या मूल्यांकन प्राप्त नहीं किया जाएगा।
आरबीआई ने पिछले महीने एनबीएफसी की एक सूची जारी की थी। ढांचे की परिकल्पना है कि संपत्ति के आकार के मामले में शीर्ष 10 एनबीएफसी अपर लेयर में रहेंगे।
आरबीआई की शीर्ष सूची में एनबीएफसी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड, एलएंडटी फाइनेंस, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी, सांघवी फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज, आदित्य बिड़ला फाइनेंस, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, मुथूट फाइनेंस और बजाज हाउसिंग फाइनेंस। एनबीएफसी की शीर्ष 10 सूची में परिसंपत्ति आकार में आने के बावजूद, एचडीएफसी लिमिटेड को विलय प्रक्रिया के कारण एनबीएफसी-यूएल की सूची में शामिल नहीं किया गया है।