आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने उपभोक्ता और व्यावसायिक जीवन में अपना रास्ता बना लिया है और ये बदलने को तैयार है कि आने वाले वर्षों में दुनिया कैसे काम करती है। भारत के आर्थिक विकास के लिए AI महत्वपूर्ण तत्व बनकर उभर सकता है।
इस साल की शुरुआत में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (आईआईटी केजीपी) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए प्रतिष्ठा केंद्र शुरू किया है। वे अब युवा पीढ़ी के इंजीनियरों को इस डोमेन में नई टेक्नोलॉजी को शामिल करने के लिए कई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। कार्यक्रम चुनौतियों और उपयोगों पर केंद्रित होंगे।
AI का पूरा उपयोग
देश में डिजिटलीकरण के चलते, बड़े पैमाने पर AI को अपनाना भारत में काफी संभव है। आईआईटी केजीपी और बेंगलुरू ने AI पर एक मैराथन वीकएंड आयोजित किया था जो उद्योग विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों को एक साथ लाने के लिए किया गया था। यह एक अंतर्दृष्टि विवरण प्राप्त करने के लिए किया गया था क्योंकि ये लोग AI में अत्याधुनिक विकास में लगे हुए हैं और अपने काम के क्षेत्र में AI अनुप्रयोगों का उपयोग कर रहे हैं। स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और दूसरों के बीच स्किलिंग में चुनौतियों का समाधान करने के लिए AI का उपयोग किया जा सकता है।
कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग और आईआईटी खड़गपुर में सेंटर फॉर एआई द्वारा आयोजित AI शिखर सम्मेलन में परिसर शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों ने प्रदर्शन किया कि कैसे उनके संबंधित क्षेत्रों में AI का उपयोग किया जा रहा हैं- चाहे वह रिटेल, बैंकिंग, स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन या शिक्षा हो।
सामाजिक समस्याएं
डाटा सक्षम टेक्नोलॉजी को लागू करके सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिए AI का प्रयोग किया जा सकता है। AI इन दो शहरों के 1,100 उभरते इंजीनियरों के पास निम्नलिखित चुनौतियों में पहुंचा-
-निरक्षरता
-प्राकृतिक आपदा
-स्पीच पहचान
-विकसित परिवहन
-उपभोग्ता व्यवहार
-मार्केट एनालिटिक्स
भारत की विशाल प्रतिभा और नई तकनीक को बढ़ाने की इसकी सिद्ध क्षमता के साथ, देश को AI से बड़े पैमाने पर लाभ उठाना हैं। AI क्रांति भी भारत से काफी लाभ उठा सकती है। देश की भाषाओं की विविधता, बोलियां, उच्चारण, स्क्रिप्ट, ड्रेस और संस्कृति कृत्रिम बुद्धि के लिए चुनौतीपूर्ण समस्याओं का एक समृद्ध सेट प्रस्तुत करती हैं।