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- इंस्टीट्यूशन में जरूरी है बिजनेस एजुकेशन, टीचर्स इस तरह करें सुधार
कॉर्पोरेट इंडस्ट्री को अब बिजनेस स्टडीज़ में ग्रेजुएट्स की जरूरत है जिनका दमदार व्यक्तित्व हो, जो टीम में रहकर काम करना जानते हो, जिनमें समस्याओं की पहचान करने की क्षमता हो और उन्हें सुलझाने की समझ हो साथ ही जो बोल-चाल में भी कुशल हो। इससे लोगों से संपर्क बनाने में उन्हें आसानी होगी।
इसलिए शिक्षकों को सिद्धांतों को याद करवाने की जगह बिजनेस की बदलती दुनिया के अनुसार स्टूडेंट्स को पढ़ाना चाहिए। इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को बिजनेस एजुकेशन के बारे में स्टूडेंट्स को पढ़ाना चाहिए।
केस स्टडी
जब एक छात्र वास्तविक कामकाज के माहौल में प्रवेश करता है तो केस स्टडी व्यवसाय की रणनीति का स्पष्ट ज्ञान देती है। छात्र अनेक कंपनियों के केस स्टडीज़ की मदद से व्यवसाय में हर तरह की परिस्थितयों के बारे में सीख सकते हैं। केस स्टडीज़ के परिणामस्वरूप शिक्षक द्वारा केस चर्चाएं और छात्रों के बीच बहस को प्रोत्साहित किया जाता है।
रिसर्च के आधार पर बने प्रोजेक्ट्स
रिसर्च पर आधारित गतिविधियां स्टूडेंट्स की समस्याओं को सुलझाने और रियल बिजनेस वर्ल्ड के बारे में उन्हें समझाने में मदद करेंगी। शिक्षकों को वास्तविक व्यापारिक दुनिया के लिए परियोजनाएं बनानी चाहिए और स्टूडेंट्स को क्लास में हो रही गतिविधियों और व्यावहारिक वातावरण के बीच संबंध को समझना चाहिए। इस प्रकार के तरीके स्टूडेंट्स को व्यक्तिगत लक्ष्यों को स्थापित करने की क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं।
इंडस्ट्री में जाना
स्टूडेंट्स को इंडस्ट्रीज में जाकर खुद देखना चाहिए की वो कैसे काम कर रही है इससे उन्हें काफी मदद मिलेगी। इस तरह की विजिट से छात्रों को व्यापार से जुड़े असली माहौल को जानने में भी मदद मिलेगी।
समस्याओं पर आधारित सीख
समस्याओं के साथ सीखने से स्टूडेंट्स के सोचने की क्षमता बढ़ेगी। सीखने का तरीका ये है की छात्रों को सिखाया जाए की सीखते कैसे हैं। आम तौर पर, स्टूडेंट्स वास्तविक दुनिया में समस्याओं के समाधान के लिए ग्रुप्स में काम करते है। ये प्रश्न स्टूडेंट्स को बिजी रखते हैं और इस विषय के बारे में जानने की उनकी उत्सुकता बढ़ाते हैं।
सेमिनार और वर्कशॉप्स
सेमिनार और वर्कशॉप्स महत्वपूर्ण हैं और सभी स्टूडेंट्स को ऐसी गतिविधियों में भाग लेने की जरूरत है। वर्कशॉप्स स्टूडेंट्स को उनका कौशल बढ़ाने में मदद करती हैं। कॉर्पोरेट क्षेत्र के विशेषज्ञ आमतौर पर इस तरह के सेमिनार आयोजित करते हैं।