भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि हो रही है। भारत सरकार ने इस पर ध्यान देते हुए योजनाएं बनाई हैं जो ईवी उद्योग को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर प्रेरित करने के लिए हैं। योजनाएं बैटरी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना और बैटरी टेक्नोलॉजी में सुधार करने का प्रयास कर रही हैं। इलेक्ट्रिक स्कूटर की मांग भी बढ़ रही है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। कई ईवी कंपनियां नए इलेक्ट्रिक स्कूटर पेश कर रही हैं। चलिए आपको विस्तार से बताते है,इलेक्ट्रिक वाहनों के चार प्रकार के बारे में।
1. बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी)
बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) वे वाहन हैं जो बैटरी से चलते हैं और इससे ही वाहन को पूरी ऊर्जा मिलती है। ऐसे वाहन पेट्रोल और डीजल इंजनों के बजाय स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त, और ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करते हैं। बीईवी के बैटरी सिस्टम में एक से अधिक बैटरी पैक्स होते हैं जो वाहन को चलाने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं। इन बैटरी पैक्स में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग होता है, जो ऊर्जा देने में अच्छे होते हैं और ज्यादा चार्ज-डिस्चार्ज साइकल्स प्रदान करते हैं। बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की परफॉर्मेंस में सुधार हो रहा है और कुछ मॉडल गैस और डीजल वाहनों के समान या उनसे भी अधिक दूरी तय करने में सक्षम हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता प्रयोग नए उद्यमियों और उद्योगों को प्रोत्साहित कर सकता है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न सब्सिडी और योजनाएं शुरू की हैं। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की बाजार में वृद्धि हो रही है। बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन का भविष्य एक स्वच्छ, सुरक्षित और अच्छे साधन के रूप में दिखता है, जो आने वाले दशकों में वाहन उद्योग को परिवर्तित कर सकता है। कई कंपनी बीईवी वाहन बनाती है जैसे की जेबीएम ऑटो, इलेक्ट्रा ग्रीनटेक, महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, हीरो इलेक्ट्रिक अन्य।
अल्टीग्रीन के सीईओ और फाउंडर डॉ. अमिताभ सरन ने कहा भारत के ईवी परिवर्तन की शुरुआत बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं के साथ- साथ तेजी से घटते, कार्बन- उत्सर्जन जीवाश्म ईंधन से निर्भरता को हटाने की आवश्यकता के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप बड़े आयात बिल (अकेले सड़क परिवहन के लिए 40 बिलियन डॉलर) का सामना करना पड़ा। इस विकास को गति मिली क्योंकि उपभोक्ताओं ने अपने आईसीई समकक्षों की तुलना में प्रदर्शन, सुविधाओं, लागत लाभ, कम रखरखाव और निस्संदेह, स्थिरता के मामले में इलेक्ट्रिक वाहन की अपार क्षमता को पहचाना।
बैटरी टेक्नोलॉजी में चल रहे अनुसंधान और विकास से ऊर्जा घनत्व, चार्जिंग समय और समग्र प्रदर्शन में सुधार हो रहा है। ये प्रगति इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी कुछ प्रमुख चुनौतियों का समाधान करती है, जैसे रेंज की चिंता और बार- बार चार्जिंग की आवश्यकता।
कमर्शियल क्षेत्र में, ई- कॉमर्स में उछाल और तेज डिलीवरी सेवाओं सहित अंतिम- गंतव्य डिलीवरी की वृद्धि ने डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स में सुविधाजनक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) की मांग को बढ़ावा दिया। इन वाहनों ने न केवल लागत में लाभ पहुंचाया, बल्कि पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ भी तालमेल बिठाया, जिससे ब्रांडों को उनके ईएसजी लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता मिली।
ईवी लगातार मुख्यधारा में आ रहे हैं और आने वाले समय में मोटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और बैटरी टेक्नोलॉजी में प्रगति, बढ़ी हुई सहजता और सुविधा के साथ, FAME और PLI जैसे सरकारी प्रोत्साहनों द्वारा समर्थित स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग क्षमताएं और पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में बढ़ती जागरूकता, बीईवी को अपनाने का समर्थन करेंगे। जैसे- जैसे निर्माताओं के बीच प्रतिस्पर्धा तेज होगी, ध्यान सामर्थ्य और उपयोगिता पर केंद्रित होगा, जिससे प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल करने के लिए भारतीय परिस्थितियों और ग्राहकों के लिए सबसे उपयुक्त उत्पादों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
2.हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (एचईवी)
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन दो प्रमुख ऊर्जा स्रोतों का संयोजन करके चलता है, इंटरनल कंबस्टन इंजन (जैसे कि पेट्रोल या डीजल इंजन) और बैटरी सिस्टम। इसमें एक विशेष प्रकार की ट्रांसमिशन होती है जो इन दोनों स्रोतों को समय के आधार पर समाहित करती है ताकि वाहन बेहतर परफॉर्मेंस कर सके। ऐसे वाहन में इलेक्ट्रिक मोटर होता है जो वाहन को पेट्रोल या डीजल इंजन के उपयोग किए बगैर चलाने में सक्षम होता है। इससे प्रदूषण मुक्त और ऊर्जा बढ़ती है। इलेक्ट्रिक मोटर तब चालू हो जाती है जब वाहन को कम गति से चलाया जाता है या जब ब्रेक लगाया जाता है। यह ईंधन की खपत को कम करने में मदद करता है। हाइब्रिड वाहनें इंटरनल कंबस्टन इंजन को ऑटोमेटिक रूप से ऑन और ऑफ करने की टेक्नोलॉजी का उपयोग करती हैं, जिससे इंजन को ऊर्जा की बर्बादी से बचाया जा सकता है। एचईवी वाहन को मारुति, टोयोटा, बीएमडब्ल्यू जैसी अन्य कंपनी बनाती है।
रैप्टी के सीबीओ जयाप्रदीप वी ने कहा बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) का भविष्य काफी आशाजनक प्रतीत होता है, जैसा कि 2035 से शुरू होने वाले नए गैसोलीन-संचालित वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के यूरोपीय संघ के फैसले से स्पष्ट है। संयुक्त राज्य अमेरिका के कई राज्यों ने भी 2050 तक गैस से चलने वाले वाहनों को पूरी तरह से समाप्त करने के लक्ष्य के साथ इसी तरह के प्रतिबंध लागू किए हैं। बीईवी की मांग में वृद्धि बैटरी टेक्नोलॉजी में इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है। दुनियाभर के शोधकर्ता अधिक क्षमता, तेज चार्जिंग समय और कम लागत वाली बैटरी विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं। लक्ष्य अधिक किफायती बैटरियां बनाना है जो ग्रिड अनुप्रयोगों के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा संग्रहीत कर सकें और ईवी को एक बार चार्ज करने पर अधिक लंबी दूरी तय करने में सक्षम बना सकें।
एक आशाजनक विकास सॉलिड-स्टेट बैटरियों का उद्भव है जो पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में छोटी जगह में अधिक ऊर्जा संग्रहीत करने की क्षमता रखते हैं। वे ईवी की रेंज में उल्लेखनीय रूप से सुधार कर सकते हैं और लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में अधिक टिकाऊ और लाइफ टाइम होने की उम्मीद है।
कुल मिलाकर, विद्युतीकृत वाहनों का भविष्य उज्ज्वल है। एचईवी, पीएचईवी और एफसीईवी सभी उपभोक्ताओं के लिए अधिक कुशल, किफायती और आकर्षक बन रहे हैं। सरकारी नीतियां विद्युतीकृत वाहनों को अपनाने का समर्थन करना जारी रखती हैं, हम उम्मीद कर सकते हैं कि वे परिवहन के भविष्य में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
3. प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (पीएचईवी)
प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन एक विशेष प्रकार का हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन है जो इंटरनल कंबस्टन इंजन के साथ-साथ बैटरी पैक भी शामिल करता है। यह वाहन चार्जिंग स्टेशन से बैटरी को चार्ज करने की क्षमता रखता है, जिससे इसकी बैटरी केवल इंजन से नहीं, बल्कि बिजली से भी चार्ज हो सकती है। प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन से चार्ज करने की क्षमता रखते है, जिससे इसकी बैटरी पूरी तरह से या आंशिक रूप से बिजली से चार्ज हो सकती है।पीएचईवी वाहन इंजन चलाते समय बैटरी को भी चार्ज कर सकता है, जिससे वाहन लंबे दूरी तक चलने की क्षमता प्रदान होती है।
पीएचईवी वाहन की बैटरी इलेक्ट्रिक रेंज होती है, जिससे यात्रा के लिए वाहन बिजली से चल सकता है और इंजन का उपयोग नहीं करना पड़ता है। यदि बैटरी की चार्जिंग खत्म हो जाए, तो पीएचईवी वाहन गैसोलीन इंजन का उपयोग कर सकता है, जो इंजन से चार्ज करके बैटरी की क्षमता को बढ़ा सकते है। इन वाहनों के उपयोगकर्ताओं के लिए अच्छा है कि वे घर या काम स्थान पर प्लग-इन चार्जिंग स्टेशन का उपयोग करके अपनी बैटरी को चार्ज कर सकते है। पीएचईवी वाहनों को हुंडई, फोर्ड, मित्सुबिशी जैसी कंपनियां बनाती है।
लोहिया के सीईओ आयुष ने कहा निरंतर प्रगति के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का भविष्य आशाजनक प्रतीत होता है। बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) का वर्चस्व होने की संभावना है, जो बेहतर बैटरी टेक्नोलॉजी और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर से लाभान्वित होंगे। हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (एचईवी) ईंधन दक्षता प्रदान करते हुए पारंपरिक और इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच एक सेतु की पेशकश करना जारी रखेंगे। प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (पीएचईवी) केवल इलेक्ट्रिक रेंज के कारण लोकप्रियता हासिल कर सकता हैं। कुल मिलाकर, एक विविध परिदृश्य की उम्मीद है, जिसमें बीईवी विद्युतीकरण क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं जबकि अन्य टेक्नोलॉजी विभिन्न उपभोक्ता आवश्यकताओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर की वास्तविकताओं को पूरा करती हैं।
4.फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी)
फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन एक प्रकार का इलेक्ट्रिक वाहन है जो अपनी ऊर्जा को एक फ्यूल सेल से प्राप्त करता है। इसमें फ्यूल सेल में इंजन की तरह एक इलेक्ट्रो-केमिकल प्रक्रिया का उपयोग होता है जिससे ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे वाहन चलता है। एफसीईव में एक फ्यूल सेल होता है जो हाइड्रोजन को और ऑक्सीजन को एकत्र करती है और इस प्रक्रिया के दौरान इलेक्ट्रिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस प्रक्रिया के दौरान केवल पानी और गर्मी उत्पन्न होती हैं। ऐसे वाहनों को टोयोटा, होंडा, हुंडई, जनरल मोटर्स, किआ बनाती है।
एफसीईव शीतकालीन और गैस कार्बन उत्सर्जन मुक्त होता है क्योंकि इसकी प्रमुख उत्पादन विधि में केवल पानी और गर्मी शामिल हैं। एफसीईव अधिकतम ऊर्जा उत्तपन्न कर सकती है क्योंकि फ्यूल सेल प्रणाली अधिक ऊर्जा के प्रति हाइड्रोजन से प्राप्त कर सकती है जब इसे एक पेट्रोल या डीजल इंजन की तुलना करते हैं। एफसीईव को चार्ज करने का समय बहुत कम होता है जो इसे इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में अधिक सुरक्षित और आसान बनाता है। फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईव) की बैटरी रेंज की कोई लाइमिटेशन नहीं होती है, क्योंकि यह फ्यूल सेल से ऊर्जा प्राप्त करता है जो किसी भी समय बदला जा सकता है।
निष्कर्ष
भारत में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी), हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (एचईवी), प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (पीएचईवी) और फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन का भविष्य बहुत ही प्रबल है। सरकार ने इस क्षेत्र में बड़े प्रोत्साहन के रूप में विभिन्न पहलुओं की शुरुआत की है। बीईवी, एचईवी, पीएचईवी, और फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन स्थानीय प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं और यहां तक कि जल, हवा, और जलवायु सुरक्षा में सुधार कर सकते हैं।बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनें ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं, क्योंकि इनमें विभिन्न स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से चार्ज किया जाया सकता हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग नए उद्यमियों और उद्योगों को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे नौकरीयों उत्पन्न होगी और नई टेक्नोलॉजी का विकास होगा।