इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और इसमें शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल की जा रही हैं, जो विद्यार्थियों और पेशेवरों को इलेक्ट्रिक वाहनों और उनकी तकनीकी समझ को बढ़ाने का मौका प्रदान कर रही हैं।आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर डॉ. गीताकृष्णन रामादुराई ने ईवी शिक्षा पर बताया की आईआईटी मद्रास में हमने एक नया प्रोग्राम शुरू किया है जिसका नाम "मास्टर्स इन इलेक्ट्रिक मोबिलिटी है। यह एक खास प्रोग्राम है जो मुख्य रूप से उद्योग के लोगों के लिए है। हम ईवी उद्योग के लोगों को हमारे साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं और छात्र भी इसमें शामिल हो सकते हैं। हम वीकेंड क्लासेज और ऑनलाइन क्लासेज प्रदान करते हैं। यह देश का पहला ऐसा प्रोग्राम है और इस प्रोग्राम के माध्यम से प्रतिभागियों को इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी टेक्नोलॉजी, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में गहन ज्ञान प्राप्त होता है।अब तक तीन-चार बैच शुरू हो चुके हैं। इसने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की शिक्षा को देश में नया रूप दिया है।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में स्टार्टअप्स की भूमिका
रामादुराई ने कहा आपने एथर टू-व्हीलर के बारे में सुना होगा। यह ई-सकूटर आईआईटी मद्रास में हमारे छात्रों, तरुण और उनके दोस्तों द्वारा बनाया गया था। अब यह एक सफल कंपनी बन गई है और वे अब शेयर बाजार में भी जा रही हैं। उन्होंने स्कूटर में लगने वाली बैटरी से लेकर स्कूटर के हर हिस्से को पूरी तरह से खुद डिज़ाइन किया है। हर छोटी-छोटी चीज़, हर विवरण, सब कुछ उन्होंने खुद से विकसित किया। यह एक बड़ी सफलता की कहानी है। हमारे पास चार्जिंग क्षेत्र में कई स्टार्टअप्स हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सामान्य मोबिलिटी, आईआईटी मद्रास के प्रमुख क्षेत्रों में से एक हैं।
आईआईटी मद्रास में भी कई स्टार्टअप्स को सपोर्ट दिया गया है, जो चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी से संबंधित नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं। ये स्टार्टअप्स भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और उनके इनोवेशवन से भविष्य के मोबिलिटी समाधान विकसित हो रहे हैं।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की शिक्षा केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले कुशल पेशेवरों को भी तैयार करती है। इसमें सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में प्रशिक्षण शामिल है, जो छात्रों को और पेशेवरों को इस तेजी से बदलते क्षेत्र में सफलता की ओर मार्गदर्शित करता है।
उद्योग और अनुसंधान को नई दिशा
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शिक्षा के क्षेत्र में उद्योग और अनुसंधान (रिसर्च) में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं। इस क्षेत्र में हो रहे इन बदलावों से न केवल नई तकनीकों को अपनाया जा रहा है, बल्कि पूरे उद्योग को एक सस्टेनेबल और हरित भविष्य की ओर अग्रसर करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। यहाँ कुछ प्रमुख पहलुओं पर ध्यान दिया गया है:-
1.प्रशिक्षण और कौशल विकास : इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में नई तकनीकों और समाधान को अपनाने के लिए पेशेवरों को उपयुक्त प्रशिक्षण की आवश्यकता है। विभिन्न संस्थान और विश्वविद्यालय इलेक्ट्रिक वाहनों की तकनीक, बैटरी प्रबंधन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, और ऊर्जा प्रबंधन पर कोर्स पेश कर रहे हैं। ये कोर्स विशेष रूप से तकनीकी विशेषज्ञों, इंजीनियरों, और डिजाइनरों के लिए तैयार किए गए हैं जो इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।
2.संस्थान और उद्योग सहयोग : कई तकनीकी संस्थान और उद्योग साझेदारी कर रहे हैं ताकि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग किया जा सके। उदाहरण के लिए, आईआईटी मद्रास जैसे संस्थान उद्योग के साथ मिलकर नवीनतम तकनीकों पर काम कर रहे हैं और इसके लिए विशेष प्रोग्राम तैयार कर रहे हैं। यह सहयोग उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा को ढालने में सहायक है।
3. इनोवेशन और रिसर्च : इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में इनोवेशन की निरंतर आवश्यकता है। संस्थान और कंपनियाँ नए बैटरी टेक्नोलॉजी, चार्जिंग समाधान और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम पर रिसर्च कर रही हैं। अनुसंधान(रिसर्च) के परिणामस्वरूप नई तकनीकों और समाधान का विकास हो रहा है जो विद्युत वाहनों के प्रदर्शन और दक्षता को बेहतर बना रहे हैं।
4.नीतियों और प्रोत्साहनों का प्रभाव : सरकारी नीतियाँ और प्रोत्साहन योजनाएं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विभिन्न राज्य सरकारें और केंद्रीय एजेंसियां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी, टैक्स छूट, और अन्य प्रोत्साहन प्रदान कर रही हैं। इसके अतिरिक्त, नीतिगत सपोर्ट और नियमों के माध्यम से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को एक स्थिर और सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में ले जाया जा रहा है।
5.इंडस्ट्री इन्क्यूबेटर्स और स्टार्टअप्स: आईआईटी मद्रास और अन्य संस्थानों ने कई स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट किया है जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं। ये स्टार्टअप्स नई तकनीकों, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, और बैटरी समाधान पर इनोवेसन कर रहे हैं और बाजार में नई संभावनाओं को खोल रहे हैं।
6. उद्योग की आवश्यकताएँ और भविष्य की दिशा: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में उद्योग की आवश्यकताएँ लगातार बदल रही हैं। पेशेवरों को नई तकनीकों, बेहतर बैटरी मैनेजमेंट, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में जानने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, भविष्य में स्वायत्त वाहन, स्मार्ट चार्जिंग और उन्नत ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियाँ इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
निष्कर्ष
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शिक्षा एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत को एक हरित और सस्टेनेबल भविष्य की ओर अग्रसर करने में सहायक है। नए प्रोग्राम, स्टार्टअप्स, और उद्योग-केंद्रित पाठ्यक्रम इस क्षेत्र में इनोवेशन और वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं, जो भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं।